हाल ही में पेश किए गए आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जब बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष आर्थिक पैकेज दिया, तो विपक्ष की भौंहें तन गईं। विपक्ष का आरोप है कि देश के संपूर्ण विकास के लिए व्यापक पंचवर्षीय आर्थिक नीति देने के बजाय भारतीय जनता पार्टी राजनीतिक समर्थन के लिए बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष आर्थिक पैकेज क्यों दे रही है। विपक्ष का सवाल है कि आखिर क्यों वित्तीय रूप से संकटग्रस्त अन्य राज्यों की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बजट में समान दृष्टिकोण नहीं अपनाया गया। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 27 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार कर दिया। मान ने आउटलुक से कहा, “केंद्र सरकार पंजाब को विशेष पैकेज तो दूर, जीएसटी में भी पूरा हिस्सा नहीं दे रही है।’’
उससे पहले 24 जुलाई को 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगड़िया को सौंपे ज्ञापन में पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने केंद्र से 1.22 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में नशे से निपटने के लिए भी 8846 करोड़ रुपये मांगे हैं।
चीमा ने जीएसटी को राजकोषीय संघवाद में राज्यों की आर्थिक स्वायत्तता को प्रतिबंधित करने वाला बड़ा कदम बताते हुए कहा, “जीएसटी ने केंद्र को अधिक व्यापक कराधान शक्तियां प्रदान करके देश के बजटीय संघवाद को बदल दिया है। जीएसटी से केंद्र की टैक्स किटी में राजस्व वृद्धि हुई है, लेकिन राज्यों की आर्थिक स्वायत्तता प्रतिबंधित हुई है।”
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin August 19, 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin August 19, 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
हिंदी सिनेमा में बलात्कार की संस्कृति
बलात्कार की संस्कृति को हिंदी फिल्मों ने लगातार वैधता दी है और उसे प्रचारित किया है
कहानी सूरमाओं की
पेरिस में भारत के शानदार प्रदर्शन से दिव्यांग एथलीटों की एक पूरी पीढ़ी को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली
शेखपुर गुढ़ा की फूलन देवियां
शेखपुर गुढ़ा और बेहमई महज पचास किलोमीटर दूर स्थित दो गांव नहीं हैं, बल्कि चार दशक पहले फूलन देवी के साथ हुए अन्याय के दो अलहदा अफसाने हैं
महाशक्तियों के खेल में बांग्लादेश
बांग्लादेश का घटनाक्रम दक्षिण एशिया के भीतर शक्ति संतुलन और उसमें अमेरिका की भूमिका के संदर्भ में देखे जाने की जरूरत
तलछट से उभरे सितारे
फिल्मों में मामूली भूमिका पाने के लिए वर्षों कास्टिंग डायरेक्टरों के दफ्तरों के चक्कर लगाने वाले अभिनेता आजकल मुंबई में पहचाने नाम बन गए हैं, उन्हें न सिर्फ फिल्में मिल रही हैं बल्कि छोटी और दमदार भूमिकाओं से उन्होंने अपना अलग दर्शक वर्ग भी बना लिया
"संघर्ष के दिन ज्यादा रचनात्मक थे"
फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर के लगभग सभी कलाकार आज बड़े नाम हो चुके हैं, लेकिन उसके जरिये एक्टिंग की दुनिया में कदम रखने वाले फैसल मलिक के लिए संघर्ष के दिन कुछ और साल तक जारी रहे। बॉलीवुड में करीब 22 साल गुजारने वाले फैसल से राजीव नयन चतुर्वेदी की खास बातचीत के संपादित अंश:
ग्लोबल मंच के लोकल सितारे
सिंगल स्क्रीन सिनेमाहॉल का दौर खत्म होने और मल्टीप्लेक्स आने के संक्रमण काल में किसी ने भी गांव-कस्बे में रह रहे लोगों के मनोरंजन के बारे में नहीं सोचा, ओटीटी का दौर आया तो उसने स्टारडम से लेकर दर्शक संख्या तक सारे पैमाने तोड़ डाले
बलात्कार के तमाशबीन
उज्जैन में सरेराह दिनदहाड़े हुए बलात्कार पर लोगों का चुप रहना, उसे शूट कर के प्रसारित करना गंभीर सामाजिक बीमारी की ओर इशारा
कांग्रेस की चुनौती खेमेबाजी
पार्टी चुनाव दोतरफा होने के आसार से उत्साहित, बाकी सभी वजूद बचाने में मशगूल
भगवा कुनबे में बगावत
दस साल की एंटी-इन्कंबेंसी और परिवारवाद, जातिवाद, क्षेत्रवाद जैसे समीकरण साधने के चक्कर में सत्तारूढ़ भाजपा कलह के चक्रव्यूह में फंसी