'लंपी' का कहर, दूध पर असर 
Panchjanya|September 25, 2022
देश के 16 राज्यों में लंपी चर्म रोग का संक्रमण फैल गया है। इसके कारण हजारों गोवंश असमय काल का ग्रास बन चुके हैं। राजस्थान की स्थिति सबसे भयावह है। यहां सबसे अधिक गोवंश की मौत हुई है। इसी संकट की वजह से राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में दूध उत्पादन में 20-30 प्रतिशत, जबकि गुजरात में 0.25 प्रतिशत की कमी आई है
पाञ्चजन्य ब्यूरो
'लंपी' का कहर, दूध पर असर 

इस समय देशभर में लंपी चर्म रोग फैला हुआ है। यह वायरस गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित 16 राज्यों में पैर पसार चुका है। अभी तक पूरे देश में 75 हजार से अधिक गोवंश की मौत हो चुकी है। सबसे खराब स्थिति राजस्थान की है। अकेले इस राज्य में 53 हजार से अधिक गोवंश की मौत हुई है। स्थिति यह है कि गोवंश को दफनाने के लिए जगह कम पड़ गई है। लंपी चर्म रोग के कारण राज्य में दूध उत्पादन प्रभावित हुआ है। हालात बिगड़ते देख केंद्र सरकार ने सक्रियता दिखाते हुए राज्यों को टीके उपलब्ध कराए हैं।

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और दुग्ध मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने प्रभावित जिलों का दौरा किया। उनका कहना है कि पशुधन मृत्यु दर नियंत्रण में है। दूध उत्पादन में बहुत अधिक कमी नहीं आई है। उन्होंने कहा कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है। राज्यों के लिए केंद्र लगातार परामर्श जारी कर रहा है । उसने गायों को गोटपॉक्स टीका लगवाने की सलाह दी है। राज्य सरकारें टीकाकरण में तेजी लाएं। गुजरात में स्थिति में सुधार हो में रहा है। हरियाणा और पंजाब में भी स्थिति पर नियंत्रण है। पर राजस्थान में यह बीमारी तेजी से पांव पसार रही है। उन्होंने कहा कि हालात का जायजा लेने के लिए वे राजस्थान भी गए थे । प्रदेश सरकार से पूरा सहयोग किया जा रहा है। सभी राज्यों के साथ समन्वय के लिए दिल्ली में नियंत्रण कक्ष शुरू किया गया है। टीके का उत्पादन बढ़ाने के लिए भी इसके निर्माता से बातचीत की गई है।

राजस्थान में हालात बेकाबू

Bu hikaye Panchjanya dergisinin September 25, 2022 sayısından alınmıştır.

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