भारत माता ही वास्तविक देवी
Panchjanya|January 15, 2023
स्वामी विवेकानंद कहते थे कि चित्त-शुद्धि के लिए अपने चारों ओर फैले हुए असंख्य मानवों की सेवा करो। आपस में ईर्ष्या-द्वेष रखने के बजाय, आपस में झगड़े और विवाद के बजाय, तुम परस्पर एक-दूसरे की अर्चना करो
रामधारी सिंह 'दिनकर'
भारत माता ही वास्तविक देवी

विवेकानंद अनूठे संन्यासी थे। संन्यासियों का एक वृहत् मठ भी उन्होंने खड़ा किया था एवं समाजसेवी युवकों को वे अविवाहित रहने का उपदेश देते थे। किन्तु गृहस्थों को वे हीन नहीं मानते थे। उलटे, उनका विचार था कि गृहस्थ भी ऊंचा और संन्यासी भी नीच हो सकता है। वे कहते थे, "मैं संन्यासी और गृहस्थ में कोई भेद नहीं करता। संन्यासी हो या गृहस्थ, जिसमें भी मुझे महत्ता, हृदय की विशालता और चरित्र की पवित्रता के दर्शन होते हैं, मेरा मस्तक उसी के सामने झुक जाता है।"

नारियों के प्रति उनमें असीम उदारता का भाव था। वे कहते थे, "ईसा अपूर्ण थे, क्योंकि जिन बातों में उनका विश्वास था, उन्हें वे अपने जीवन में नहीं उतार सके। उनकी अपूर्णता का सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि उन्होंने नारियों को नरों के समकक्ष नहीं माना। असल में, उन्हें यहूदी संस्कार जकड़े हुए था, इसीलिए वे किसी भी नारी को अपनी शिष्या नहीं बना सके। इस मामले में बुद्ध उनसे श्रेष्ठ थे, क्योंकि उन्होंने नारियों को भी भिक्षुणी होने का अधिकार दिया था।"

एक बार उनके एक शिष्य ने पूछा, "महाराज ! बौद्ध मठों में भिक्षुणियां बहुत रहती थीं। इसीलिए तो देश में अनाचार फैल गया।" स्वामी जी ने इस आलोचना का उत्तर नहीं दिया, किन्तु वे बोले, "पता नहीं, इस देश में नारियों और नरों में इतना भेद क्यों किया जाता है। वेदान्त तो यही सिखाता है कि सब में एक ही आत्मा निवास करती है। तुम लोग नारियों की सदैव निन्दा ही करते रहते हो, किन्तु बता सकते हो कि उनकी उन्नति के लिए अब तक तुमने क्या किया है ? स्मृतियां रच कर तथा गुलामी की कड़ियां गढ़ कर पुरुषों ने नारियों को बच्चा जनने की मशीन बना कर छोड़ दिया। नारियां महाकाली की साकार प्रतिमाएं हैं। यदि तुमने इन्हें ऊपर नहीं उठाया, तो यह मत सोचो कि तुम्हारी अपनी उन्नति का कोई अन्य मार्ग है। संसार की सभी जातियां नारियों का समुचित सम्मान करके ही महान हुई हैं। जो जाति नारियों का सम्मान करना नहीं जानती, वह न तो अतीत में उन्नति कर सकी, न आगे उन्नति कर सकेगी।"

Bu hikaye Panchjanya dergisinin January 15, 2023 sayısından alınmıştır.

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शिक्षा, स्वावलंबन और संस्कार की सरिता
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रुद्रपुर स्थित दूधिया बाबा कन्या छात्रावास में छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और स्वावलंबन का पाठ पढ़ाया जा रहा। इस अनूठे छात्रावास के कार्यों से अनेक लोग प्रेरणा प्राप्त कर रहे

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March 12, 2023
शिवाजी पर वामंपथी श्रद्धा!!
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वामपंथियों ने छत्रपति शिवाजी की जयंती पर भाग्यनगर में उनका पोस्टर लगाया, तो दिल्ली के जेएनयू में इन लोगों ने शिवाजी के चित्र को फाड़कर फेंका दिया। इस दोहरे चरित्र के संकेत क्या हैं !

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March 12, 2023
कांग्रेस के फैसले, मर्जी परिवार की
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कांग्रेस के फैसले, मर्जी परिवार की

कांग्रेस में मनोनीत लोगों द्वारा 'मनोनीत' फैसले लिये जा रहे हैं। किसी उल्लेखनीय चुनावी जीत के बिना कांग्रेस स्वयं को विपक्षी एकता की धुरी मानने की जिद पर अड़ी है जो अन्य को स्वीकार्य नहीं हैं। अधिवेशन में पारित प्रस्ताव बताते हैं कि पार्टी के पास नए विचार के नाम पर विफलताओं का जिम्मा लेने के लिए खड़गे

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March 12, 2023
फूट ही गया 'ईमानदारी' का गुब्बारा
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फूट ही गया 'ईमानदारी' का गुब्बारा

अरविंद केजरीवाल सरकार की 'कट्टर ईमानदारी' का ढोल फट चुका है। उनकी कैबिनेट के 6 में से दो मंत्री सलाखों के पीछे। शराब घोटाले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच की आंच कभी भी केजरीवाल तक पहुंच सकती है

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March 12, 2023
होली का रंग तो बनारस में जमता था
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होली का रंग तो बनारस में जमता था

होली के मौके पर होली गायन की बात न चले यह मुमकिन नहीं। जब भी आपको होली, कजरी, चैती याद आएंगी, पहली आवाज जो दिमाग में उभरती है उसका नाम है- गिरिजा देवी। वे भारतीय संगीत के उन नक्षत्रों में से हैं जिनसे हिन्दुस्थान की सुबहें आबाद और रातें गुलजार रही हैं। उनका ठेठ बनारसी अंदाज। सीधी, खरी और सधुक्कड़ी बातें, लेकिन आवाज में लोच और मिठास। आज वे हमारे बीच नहीं हैं। अब उनके शिष्यों की कतार हिन्दुस्थानी संगीत की मशाल संभाल रही है। गिरिजा देवी से 2015 में पाञ्चजन्य ने होली के अवसर पर लंबी वार्ता की थी। इस होली पर प्रस्तुत है उस वार्ता के खास अंश

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March 12, 2023
आनंद का उत्कर्ष फाल्गुन
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आनंद का उत्कर्ष फाल्गुन

भक्त और भगवान का एक रंग हो जाना चरम परिणति माना जाता है और इसी चरम परिणति की याद दिलाने प्रतिवर्ष आता है धरती का प्रिय पाहुन फाल्गुन। इसीलिए वसंत माधव है। राधा तत्व वह मृदु सलिला है जो चिरंतन है, प्रवाहमान है

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March 12, 2023
नागालैंड की जीत और एक मजबूत भाजपा
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नेफ्यू रियो 5वीं बार नागालैंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।

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March 12, 2023
सूर्योदय की धरती पर फिर खिला कमल
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सूर्योदय की धरती पर फिर खिला कमल

त्रिपुरा और नागालैंड की जनता ने शांति, विकास और सुशासन के भाजपा के तरीके पर अपनी स्वीकृति की मुहर लगाई है। मेघालय में भी भाजपा समर्थित सरकार बनने के पूरे आसार। कांग्रेस और वामदल मिलकर लड़े, लेकिन बुरी तरह परास्त हुए और त्रिपुरा में पैर पसारने की कोशिश करने वाली तृणमूल कांग्रेस को शून्य से संतुष्ट होना पड़ा

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March 12, 2023
जीवनशैली ठीक तो सब ठीक
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कोल्हापुर स्थित श्रीक्षेत्र सिद्धगिरि मठ में आयोजित पंचमहाभूत लोकोत्सव का समापन 26 फरवरी को हुआ। इस सात दिवसीय लोकोत्सव में लगभग 35,00,000 लोग शामिल हुए। इन लोगों को पर्यावरण को बचाने का संकल्प दिलाया गया

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March 12, 2023
नाकाम किए मिशनरी
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भारत के इतिहास में पहली बार बंजारा समाज का महाकुंभ महाराष्ट्र के जलगांव जिले के गोद्री ग्राम में संपन्न हुआ। इससे पहली बार भारत और विश्व को बंजारा समाज, संस्कृति एवं इतिहास के दर्शन हुए। एक हजार से भी ज्यादा संतों और 15 लाख श्रद्धालुओं ने इसमें भाग लिया। इससे बंजारा समाज को हिन्दुओं से अलग करने और कन्वर्ट करने की मिशनरियों की साजिश नाकाम हो गई

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March 12, 2023