मजहब से अब नहीं मतलब
Panchjanya|PANCHJANYA 05 March 2023
दुनिया भर में बड़ी संख्या मुसलमान इस्लाम छोड़ रहे हैं। खासकर, केरल में तो बीते कुछ वर्षों में इस्लाम त्यागने वालों की संख्या काफी बढ़ी है। लेकिन मजहब से नाता तोड़ने वालों को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक यातनाएं झेलनी पड़ती हैं। अब ऐसे लोगों के पीछे ‘एक्स मुस्लिम्स ऑफ केरल' नामक संगठन मजबूती से खड़ा है
टी. सतीशन
मजहब से अब नहीं मतलब

ट्टरपंथी इस्लामी कहते हैं कि 'दुनिया में इस्लाम बढ़ रहा है', लेकिन सच्चाई इसके उलट है। दुनिया भर में इस्लाम से लोगों का मोह भंग हो रहा है और वे इसका त्याग कर रहे हैं। यहां तक कि जिन्होंने इस्लाम को बारीकी से देखा है, उनका भी इससे मोह भंग हो चुका है और वे भी इससे तौबा कर रहे हैं। भारत के दक्षिणी राज्य केरल में भी बीते कुछ वर्षों में इस्लाम छोड़ने वालों की संख्या बढ़ी है। इनमें अधिकतर युवा हैं, जो तर्कसंगत वैज्ञानिक तथ्यों से प्रभावित हैं। लेकिन इस्लाम त्यागने वालों के लिए आगे का रास्ता इतना आसान नहीं है। ये जिस तरह की शारीरिक, मानसिक और सामाजिक प्रताड़ना झेल रहे हैं, वह असहनीय है।

इस्लाम छोड़ने वाले हजारों लोग अपनी पहचान जाहिर करने और खुलेआम इस्लाम की निंदा करने से डरते हैं। पता नहीं, कब उनके खिलाफ फतवा जारी हो जाए। लेकिन ऐसे लोगों के पीछे अब 'एक्स मुस्लिम्स ऑफ केरल' नामक संगठन मजबूती से खड़ा हुआ है। यह संगठन मजहब से इतर जीने के बुनियादी मानवाधिकारों की रक्षा करने के साथ ही असहमति, ईशनिंदा और मजहब छोड़ने के फैसले को साधारण घटना मानता है, वह ऐसे लोगों को भावनात्मक और नैतिक समर्थन देता है।

अब डरने की जरूरत नहीं

Bu hikaye Panchjanya dergisinin PANCHJANYA 05 March 2023 sayısından alınmıştır.

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