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क्या मक्का की बिजाई को प्रोत्साहित करने से बचेगा पानी
वर्तमान किसान आंदोलन में किसान संगठनों के साथ हुई कई दौर की वार्ता में केंद्र सरकार के पैरोकारों ने एक प्रस्ताव रखा है, जिसमें सरकार धान के बदले मक्का, कपास, दलहन फसलों को अगले पांच वर्ष तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद की गारंटी देगी, लेकिन यह प्रस्ताव तकनीकी तौर पर अव्यावहारिक है।
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2 mins
नया प्रोटोकॉल अरहर के प्रजनन चक्र को 3-5 साल तक कम कर सकता है
अरहर जिसे भारत में तूअर भी कहा जाता है, देश की पोषण सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण दलहनी फसल है। भारत में मुख्य रूप से दाल के रूप में खाए जाने वाले प्रोटीन युक्त भोजन की मांग अधिक है- देश अनाज का सबसे बड़ा उत्पादक और आयातक भी है।
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2 mins
मूंगफली फसल सुरक्षा में एफ्लाटॉक्सिन प्रतिरोधक सिस्टम की खोज
मूंगफली किसानों को फंगल संक्रमण से भारी नुकसान झेलना पड़ता है। यह फंगल संक्रमण एस्परगिलस फ्लेवस के कारण होता है और इसे एफ्लेटॉक्सिन कहते हैं। यह फसल को प्रदूषित और संक्रमित करने के साथ ही मानव स्वास्थ्य के लिए भी खतरा है।
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2 mins
किसानों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में मददगार करेगा मौसम पूर्वानुमान
तेलंगाना में हुए एक नए अध्ययन में सामने आया है कि मानसून के सटीक पूर्वानुमान किसानों को बेहतर निर्णय लेने में मददगार साबित होते हैं और इससे उन्हें जलवायु परिवर्तन के अनुकूल ढलने में मदद मिलती है।
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2 mins
चूजों में गम्बोरो बीमारी की रोकथाम के लिए नई वैक्सीन
किसी भी पोल्ट्री फार्म में अंडे के लिए पाले जाने वाले चूजों की संख्या पांच हजार से कम नहीं होती है। यदि चिकन वाले ब्रॉयलर चूजों की बात करें तो इनकी संख्या कम से कम 10 से 20 हजार होती है।
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3 mins
जीएम सरसों मुद्दे पर निर्णय लंबित
2010 में आनुवंशिक रूप से संशोधित बीटी बैंगन के बाद, अब एक और आनुवंशिक रूप से संशोधित फसल, जीएम सरसों बढ़ रही है। भारत के पर्यावरणविद, स्वास्थ्य और प्राकृतिक खेती के समर्थक, किसान, वैज्ञानिक और कार्यकर्ता शाकनाशी सहिष्णु सरसों को मंजूरी देने के मुद्दे पर भारत सरकार के साथ आमने-सामने हैं।
![जीएम सरसों मुद्दे पर निर्णय लंबित जीएम सरसों मुद्दे पर निर्णय लंबित](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1653069/CCHoda0nq1712060274077/1712060545060.jpg)
8 mins
मधुमक्खियों पर कीटनाशकों के दुष्प्रभाव की जानकारी एवं बचाव के जरूरी उपाय
मधुमक्खियाँ सर्वोत्तम परागणकर्ता होती हैं और अन्य कीटों की तुलना में इनको सबसे अधिक प्रभावी परागणकर्ता माना जाता है। फसल उत्पादन की दृष्टि से परागण तथा कीट नियंत्रण दोनों ही महत्वपूर्ण कार्य हैं और भरपूर उपज लेने के लिए दोनों में पर्याप्त सामंजस्य होना अनिवार्य है।
![मधुमक्खियों पर कीटनाशकों के दुष्प्रभाव की जानकारी एवं बचाव के जरूरी उपाय मधुमक्खियों पर कीटनाशकों के दुष्प्रभाव की जानकारी एवं बचाव के जरूरी उपाय](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1653069/fjD_Z3T6k1712060548814/1712060749196.jpg)
4 mins
बैंगन की फसल पर बहुआयामी कीट प्रबंध
यदि किसान को कीटों के बारे जानकारी हो तो इन स्प्रेयों के खर्च और नुक्सान से बचा जा सकता है। हर फसल में यदि फसल को नुक्सान पहुँचाने वाले कीट आते हैं तो इन कीटों को प्राकृतिक तौर पर नियंत्रण में रखने के लिए अनेकों मांसाहारी कीट भी फसल पर आते हैं। जरूरत है इन कीटों की जानकारी और इनके सर्वेक्षण की विधि के ज्ञान के बारे में।
![बैंगन की फसल पर बहुआयामी कीट प्रबंध बैंगन की फसल पर बहुआयामी कीट प्रबंध](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1653069/85z6O_czA1712060760168/1712061404023.jpg)
10+ mins
गन्ने और फलों से प्राकृतिक सिरका उत्पादन एक सहायक व्यवसाय
प्रमुख बिंदु - सिरका एक साधारण घरेलू नाम है, जो अपने पोषण गुणों के कारण स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा के बारे में बढ़ती जागरूकता के कारण बहुत अधिक महत्व प्राप्त कर रहा है। अधिकतर व्यवसायिक इकाईयां और उद्यमी प्राकृतिक सिरके की उत्पादन तकनीक में निवेश कर रहे हैं और उससे लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
![गन्ने और फलों से प्राकृतिक सिरका उत्पादन एक सहायक व्यवसाय गन्ने और फलों से प्राकृतिक सिरका उत्पादन एक सहायक व्यवसाय](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1653069/2M2kcJJmF1712061410875/1712061605296.jpg)
4 mins
पर्यावरण दिवस और प्रकृति के महत्व एवं इसके संरक्षण की पहल
पर्यावरण दिवस द्वारा हमें पर्यावरण और प्रकृति के महत्व को समझाया जाता है और देश के प्रयासों को दर्शाया जाता है। हम सभी जानते हैं कि प्रकृति और पर्यावरण हमारे दैनिक जीवन में कितना महत्वपूर्ण है।
![पर्यावरण दिवस और प्रकृति के महत्व एवं इसके संरक्षण की पहल पर्यावरण दिवस और प्रकृति के महत्व एवं इसके संरक्षण की पहल](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1653069/O2VGv6L-V1712061626529/1712061945055.jpg)
6 mins
Modern Kheti - Hindi Magazine Description:
Utgiver: Mehram Publications
Kategori: Business
Språk: Hindi
Frekvens: Fortnightly
Modern Kheti, as the name indicates, relates to the modern agricultural techniques; conservative and cash crops, allied professions and farm machinery through training programs or upcoming events on a national and international level. Introduced in 1987, it is the leading and most widely read agriculture based magazine throughout Northern India. Punjab and Haryana, extensively known as the food grain basket of India, has in almost every household Modern Kheti, as it caters to every aspect of farming like growing of seasonal crops, their problems & solutions, conservative and cash crop farming. It also covers – fishery, poultry dairy, bee keeping, floriculture, horticulture etc. The main aim of Modern Kheti is to keep up the spirit of farming, bond different regions and help agriculture grow. It inspires the youth to take up agriculture as farming with a lot of emphasis on organic and profitable farming. It keeps in mind the health and prosperity of all i.e. taking mankind and nature together. It is published Fortnightly in Punjabi and Hindi and covers the whole of Punjab, Haryana, Rajasthan, Himachal Pradesh, Uttaranchal etc. It is undoubtedly one of the best mediums trying to provide healthy information.
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