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मिशन 2024 - मुस्लिम समुदाय के बीच मोदी बीजेपी समर्थकों को शायद ही अच्छे लगें
बोहरा समुदाय के बीच प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी भी पसमांदा मुसलमानों को बीजेपी के पक्ष में करने की ही कोशिश है. बीजेपी का मानना है कि बोहरा समुदाय के साथ उसकी कॉम्पैटिबिलिटी अच्छी है या हो सकती है. देश की मुस्लिम आबादी में दाऊदी बोहरा समुदाय की हिस्सेदारी 10 फीसदी मानी जाती है जो महाराष्ट्र और गुजरात में बसे हुए हैं.
एक से ज्यादा भाषाएं क्या बच्चों की जिंदगी बेहतर बनाती है
आज अधिकांश बच्चे बहुभाषी वातावरण में बड़े हो रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि दो या दो से अधिक भाषाएं बोलने से बच्चों का बौद्धिक विकास होता है लेकिन बहुभाषी शिक्षा के लिए कोई सटीक रणनीति नहीं है.
कैसे-कैसे अमेरिका की जासूसी करता है चीन
कथित चीनी जासूस गुब्बारे को लेकर अमेरिका और चीन के बीच एक कूटनीतिक आखिर चीन अपने विवाद छिड़ गया है.
जीत का जज्बा न होना ले डूबा भारतीय हॉकी को
देश के करोड़ों हॉकी चाहने वालों का सपना तार-तार हो गया. सबको उम्मीद थी कि 1975 के बाद भारत फिर से हॉकी वर्ल्ड कप को जीतने में कामयाब हो जाएगा. पर यह हो न सका. ओडिशा में खेले जा रहे हॉकी वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड ने पेनाल्टी शूट आउट में भारत को हराकर क्वार्टर फ़ाइनल में जगह बना ली और भारत खिताबी दौड़ से बाहर हो गया.
हमारे बाजरे से रूबरू होंगे दुनिया के देश
वह दिन दूर नहीं जब दुनिया के देश हमारे बाजरे के स्वाद से रुबरु होने लगेंगे. आज मोटे अनाज को देश और विदेश दोनों ही जगह लोकप्रिय बनाना शुरु हो गया है.
बेटियों पर बढ़ता भरोसा, पितृसत्तात्मक सोच में आ रहा बदलाव
हमारे समाज में महिलाओं ने दशकों तक अन्याय और पूर्वाग्रह को झेला है. महिलाओं को चारदीवारी में भी लंबे समय तक कैद रखा गया. धीरे-धीरे इस परिस्थिति में बदलाव आना शुरू हुआ. जिसके बाद मातृशक्ति ने लैंगिक रूढ़ियों को तोड़ते हुए अपनी एक पहचान बना ली !
चिंताजनक स्तर तक बढ़ती अमीरी-मरीबी की खाई
दुनियाभर में अमीरी और गरीबी के बीच खाई निरन्तर बढ़ती जा रही है, जो कोरोना काल के बीच और तेजी से बढ़ी है. इसी बढ़ती खाई को लेकर पूरी दुनिया में एक नई बहस छिड़ी है.
गंदी हरकतों का बोलबाला, आखिर ये कैसी हवाई यात्रा!
हवाई यात्रा करने वालों को सभ्रांत माना जाता है. उनके बारे में सामान्य धारणा होती है, कि वे बेहद शरीफ और बड़े लोग होते हैं. वास्तव में ये काफी हद तक सही भी है. पर कुछ दिनों से लगातार ऐसी घटनाएं हुई जिससे इन हवाई यात्रियों की बनी बनाई छवि टूटने लगी. कुछ यात्रियों ने शराब पीकर हंगामा किया तो कुछ ने बिना पिये ही ऐसे हालात निर्मित किए कि हंगामा हुआ. एयर होस्टेस से बदसलूकी, साथी यात्रियों से मारपीट और नशे में ऐसे कृत्य जो इन सभ्रांत समाज के लोगों को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. इन पर संबंधित विभाग ने कार्रवाई भी की, पर सवाल ये है कि ऐसे हालात ही क्यों बने?
रोड सेफ्टी एक्शन प्लान से जिम्मेदारों की तय होगी जिम्मेदारी
देश में बढती सड़क दुर्घटनाओं को लेकर लगता है अब सरकार गंभीर हो गई है. इसके लिए केन्द्र सरकार ने इसी 13 जनवरी को नए रोड़ सेफ्टी एक्शन प्लान को लागू कर दिया है.
विकट समस्या बनता जा रहा है भूस्खलन
कल्पना कीजिए कि जब आपके सर पर छत और पैर के नीचे भूमि ही न बचे तो आप क्या करेंगे? भूस्खलन की स्थिति में लोगों का जीवन त्रासदी का शिकार हो जाता है और वे दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर हो जाते है. भारत में भी यह समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है. हिमालयी क्षेत्र में दरकते पहाड़ों को लेकर लगातार चिंता बढ़ रही है. बादलों का फटना हो या भूस्खलन. तारीख बदलती है, साल बदलता है, लेकिन मानसून में पहाड़ों से चट्टानों के खिसकने और भूस्खलन की घटनाएं नहीं बदलती हैं. इसकी वजह से जान-माल का भारी नुकसान होता है. अक्सर सड़कें और घर बर्बाद हो जाते हैं. बहुत ज्यादा बारिश, बड़े पैमाने पर जंगलों की कटाई और अवैध निर्माण ने इस समस्या को काफी बढ़ा दिया है.
दिग्विजय सिंह से किनारा क्यों नहीं करते राहुल?
दिग्विजय सिंह सठिया तो वे बहुत पहले गए थे, अब भीतरघाती सिद्ध हो रहे हैं. यात्रा के अंतिम पड़ाव में उनके बयान ने जोड़ने की प्रक्रिया को तोड़ने में जो बदल दिया है. औरों की तो क्या बात करें, पार्टी का हर नेता हर कार्यकर्ता हतप्रभ है कि वो जिसे वरिष्ठ नेता मानते हैं, जो भारत जोड़ो यात्रा के संयोजक भी हैं, कैसे आज इस पल जब यात्रा कश्मीर में हैं, 'स्ट्राइक निंदा पुराण' पुनः कर सकते हैं? विघटन किया है या संयोजन किया है जनाब ने. फिर जब तक पार्टी उनके बयान को व्यक्तिगत विचार बताकर पल्ला झाड़े तब तक भिन्न भिन्न पार्टी प्रवक्ता भिन्न भिन्न उन्हीं चैनलों पर, जिन्हें वे गोदी मीडिया निरूपित करते अघाते नहीं, उनके बयान को सही बताने के लिए उलजुलूल बातें कर आग में घी भी डाल चुके हैं.
गणतंत्र दिवस परेड में दिखा बदलते भारत का नया अंदाज
पहले जहां गणतंत्र दिवस समारोह में ब्रिटिश 25 पाउंडर गन से 21 तोपों से सलामी दी जाती थी, वहीं इस वर्ष पहली बार 21 तोपों की सलामी 105 एमएम की भारतीय फील्ड गन से दी गई. यह नया बदलाव रक्षा क्षेत्र में बढ़ती भारतीय आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करता है.
अंदरखाने से मुसलमानों के दिनों में जगह बनाएगी भाजपा
भाजपा ने अंदरखाने से यूपी के मुस्लिम इलाकों में प्रवेश कर मुसलमानों के दिल में जगह बनाने की कोशिश शुरू कर दी है.
राहुल गांधी राजनीति से कितने दूर कितने पास
कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी को लेकर ये तो पक्का हो गया है कि कश्मीर में वो झंडा फहराएंगे. लेकिन कांग्रेस की तरफ से ये भी साफ कर दिया गया है कि ये सब लाल चौक पर नहीं होगा. कांग्रेस की तरफ से लाल चौक पर झंडा फहराने को आरएसएस का एजेंडा बताया गया है.
हाथी चलेगा अब अकेला...
मायावती ने विपक्षी एकता की कोशिशों को दिया तगड़ा झटका
2024 का शंखनाद मोदी को हराना है लेकिन साथ नहीं आना है !
कांग्रेस के लिए छत्तीसगढ़ और राजस्थान बचाना बेहद ज़रूरी हो जाता है, तब जब विपक्ष का भरोसा कांग्रेस से उठने की कगार पर हो. नीतीश कुमार इस जुगलबंदी में हैं कि किसी तरह विपक्ष एक हो जाए और भाजपा को हटाया जाए. लेकिन यहां भी नीतीश ने कुर्सी को लेकर अपनी मंशा स्पष्ट नहीं की है. कुछ दिनों पहले चंद्रशेखर राव ने विपक्ष की एक बड़ी रैली की जिसमें अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव और डी राजा शामिल हुए.
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर कैंपस में कोहराम
बीबीसी ने दो भाग में डॉक्यूमेंट्री बनाई है जिसका नाम है - इंडियाः द मोदी क्वेश्चन डॉक्यूमेंट्री को लेकर भारत पहले ही ऐतराज जता चुका है और इसको ट्विटर और यूट्यूब पर बैन कर चुका है.
क्यों गिरा पाकिस्तानी रुपया ?
डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपए का मूल्य लगातार गिर रहा है.
निक्की तंबोली के फिटनेस का राज
एक्ट्रेस निक्की तंबोली अपनी फिटनेस के लिए जानी ए जाती हैं.
अब कैंसर से निपटने की जोरदार तैयारी
कैंसर के मरीजों के इलाज के लिए आधारभूत संरचना का विकास तेजी से हो रहा है. ऐसे मरीजों के लिए ज्यादा डे-केयर बेड की व्यवस्था की जा रही है. कैंसर के मामले बढ़ने के कारण चुनिंदा स्थानों पर क्षमता विकसित कर उसके आसपास के क्षेत्रों के मरीजों को इलाज मुहैया कराया जाएगा. फिक्की और अन्स् र्ट ऐंड यंग की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2022 में कैंसर के सूचित मामले 19 लाख से 20 लाख के बीच होने का अनुमान है. हालांकि वास्तविक मामले इनसे 1.5 से तीन गुना अधिक हो सकते हैं.
2022 के दस प्रमुख शब्द दे रहे हैं भावी के संकेत
विश्व की प्रमुख डिक्शनरियों द्वारा जारी किए जाने वाले प्रमुख शब्द दुनिया की हकीकत बयां करने के लिए काफी होते हैं.
क्या 2023 में महिलाओं को मिलेंगी अधिक नौकरियां?
एक मशहूर बिजनेस अखबार ने कुछ दिन पहले यह खबर प्रकाशित कर दी कि भारत के प्राइवेट सेक्टर में नए साल 2023 में महिलाओं की भर्तियों में तेजी आएगी.
कार्यस्थल पर उत्पीड़न से शर्मसार होती मानवता
कार्यस्थल पर सबसे ज्यादा उत्पीडन के मामलें मानसिक उत्पीड़न के सामने आते हैं. इसे हम साइकोलोजिकल टार्चर भी कह सकते हैं. इसमें सार्वजनिक रुप से बारबार अपमान करना, धमकी देना या ड़राना आदि शामिल है.
वंदे भारत एक्सप्रेस पर हमला नकारात्मक सोच का नतीजा
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 फरवरी 2019 को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर दिल्ली और वाराणसी के बीच पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई, चार साल की योजना, निर्माण एव परीक्षण का प्रतिफल रहा कि वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन 15 फरवरी 2019 को किया गया जबकि दूसरी वंदे भारत ट्रेन को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर 30 सितंबर 2022 को गांधीनगर राजधानी रेलवे स्टेशन पर गांधीनगर और मुंबई के बीच रवाना किया, यह दूसरी पीढ़ी की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत थी.
सियासत का कारोबार और कारोबार की सियासत
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुंबई में उद्योगपतियों और सिनेमा जगत के दिग्गजों से मुलाकात की खबरें आजकल चर्चा का केन्द्र बनी हुईं हैं.
गेम चेंजर होगी गहलोत सरकार की योजनाएं
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार का आखिरी बजट पेश करने की तैयारी कर रहे हैं. इसी साल प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने हैं.
भारत की जान बसती भारतवंशियों में
प्रवासी सम्मेलन
नोटबंदी की सफलता पर 'सुप्रीम' मुहर ...
'पीएम ने कुछ गलत नहीं किया!'
जोशीमठ को बचाने के लिए खड़ा हो देश
जोशीमठ ग्लेशियर के मलवे पर बसा शहर है, जिसकी जमीन बहुत मजबूत नहीं है. इस बात का उल्लेख 50 साल पहले की एक रिपोर्ट में किया भी गया था. इस रिपोर्ट में अनियोजित विकास के खतरों को रेखांकित करते हुए चेतावनी दी गई थी कि जोशीमठ में छेड़खानी के परिणाम भारी पड़ सकते हैं. रिपोर्ट में जड़ से जुड़ी चट्टानों, पत्थरों को बिल्कुल भी न छेड़ने के लिए कहा गया था. वहीं यहां हो रहे निर्माण को भी सीमित दायरे में समेटने की सलाह की गई थी. पर इन सिफारिशों को अनदेखा किया गया. इसके बाद और भी अध्ययनों में भी ऐसी ही बातें सामने आईं कि इस पहाड़ी इलाके में विकास के नाम पर चल रही बड़ी परियोजनाएं आखिरकार तबाही का कारण बन सकती हैं.
नशा, नींद और मौत की रफ़्तार
दिल्ली में नए साल की पहली सुबह बेक़ाबू रफ़्तार और सड़क हादसा एक मासूम लड़की की मौत की वजह बन गया.