वेंकट और गायत्री स्पोर्ट्स क्लब जाने के लिए उत्सुक थे, क्योंकि उन के पापा ने उन्हें बताया कि यह उत्सव विनम्र नारियल के सम्मान में आयोजित किया जा रहा है.
मिस्टर आयंगर ने बच्चों की इस जिज्ञासा को शांत करते हुए कहा, "नारियल कोई साधारण वस्तु नहीं है. यह एक अनूठा फल है. नारियल को आमतौर पर सूखा मेवा माना जाता है जबकि वास्तव में यह ड्रूप प्रजाति का फल है. यह बेर, आम, आडू, चेरी जैसा गुठलीदार फल है," उन्होंने बच्चों को समझाया.
वेंकट और गायत्री को अब भी नारियल का महत्त्व समझ नहीं आया और उन्होंने पूछा, "नारियल में ऐसी क्या विशेषता है, जो इसे इतना महत्त्व दिया जाता है."
पापा मुसकरा कर बोले, "मैं बताता हूं, नारियल के पेड़ अनोखे होते हैं, क्योंकि ये तटीय क्षेत्रों तथा रेतीली मिट्टी में ही पैदा होते हैं. ये इतने मजबूत होते हैं कि तेज हवाओं तथा कड़ी धूप को सहन करने की क्षमता रखते हैं. अतः हम इन्हें प्रकृति के सुपर हीरो भी कह सकते हैं."
"नारियल के पेड़ का प्रत्येक भाग उपयोगी होता है. नारियल पानी बहुत ही ताकतवर और पोषक तत्त्वों से भरपूर होता है. नारियल की गिरी खाने में स्वादिष्ठ होने के साथसाथ फाइबर, विटामिन व खनिजों से भरपूर होती है. नारियल एंटीऑक्सीडेंट होता है. इसे प्राकृतिक ऐनर्जी बूस्टर भी कहा जाता है. इस का उपयोग तरहतरह के व्यंजनों को पकाने में किया जा सकता है. नारियल के ऊपर की जटा रस्सी, चटाई, गद्दे आदि बनाने में काम आती है. नारियल के पेड़ की लकड़ी घर और फर्नीचर बनाने के काम आती है. इस के पत्तों से झाडू बनाई जाती है. इस के फल के कड़े झिलके से तरहतरह की उपयोगी व सजावटी चीजें बनाई जाती हैं. नारियल के वृक्ष को 'जीवन वृक्ष' भी कहा जाता है, क्योंकि यह भोजन, आश्रय तथा कई तरह की कच्ची सामग्री प्रदान करता है. यह सौंदर्य प्रसाधनों तथा दवाइयों के रूप में भी प्रयोग किया जाता है. नारियल का तेल बालों तथा त्वचा के लिए बहुत लाभदायक होता है.
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रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.