एक दिन उस के पापा को कहीं जाना था. उन्होंने उसे जंगल से कुछ जड़ीबूटी लाने के लिए कहा. वह जानते थे कि रोबिन अभी छोटा है और अकेले जंगल नहीं जा सकता. वह बोले, "रोबिन तुम अपने दोस्तों को साथ ले कर जंगल जाना और वहां से कुछ जड़ीबूटियां ले कर आ जाना.”
“लेकिन पापा, वहां जंगली जानवरों का खतरा रहता है."
“जंगली जानवर घने जंगल के अंदर रहते हैं. तुम्हें दूर नहीं जाना है, बस थोड़ी दूर पर ही तुम्हें ये मिल जाएंगे, घबराना नहीं. तुम चिंता मत करो, मुझे जंगल की पूरी जानकारी है. ऐसा कुछ नहीं होगा जैसा तुम सोच रहे हो वरना मैं तुम्हें वहां न भेजता.”
पापा की बात सुन कर रोबिन आश्वस्त हो गया. वह अपने दोस्त विदित के पास पहुंचा और बोला, "क्या तुम आज मेरे साथ जंगल घूमने चलोगे?”
“तुम्हारे पापा कहां हैं?” विदित ने पूछा.
“वे घर पर नहीं हैं. मुझे कुछ जड़ीबूटी लेने जंगल जाना है."
"मम्मी अकेले मुझे तुम्हारे साथ नहीं भेजेगी रोबिन. तुम और दोस्तों को तैयार कर लो. साथ मिल कर चलेंगे. वहां हमारी पिकनिक भी हो जाएगी और हम कुछ जड़ीबूटियां भी ले आएंगे,” विदित ने सुझाव दिया.
रोबिन को विदित का यह आइडिया बहुत अच्छा लगा. वह तुरंत मीनाल के पास पहुंचा और बोला, “चलो, आज जंगल किनारे पिकनिक मनाते हैं."
“अचानक तुम्हें पिकनिक मनाने की क्या सूझी?” मीनाल ने पूछा.
"बस, मन में आया कि आज दोस्तों के साथ पिकनिक मनाते हैं."
“आइडिया अच्छा है, कौनकौन जा रहा है?”
“विदित, मैं और तुम."
“चलो, वरुण और सोनल को भी अपने साथ ले लेते हैं. ज्यादा दोस्तों के साथ खूब मजा आएगा."
“अच्छा आइडिया है, मेरे साथ आओ, उन्हें बताने चलते हैं."
रोबिन और मीनाल ने वरुण और सोनल से संपर्क किया और उन्हें भी यह आइडिया अच्छा लगा. पांचों दोस्त जंगल किनारे पिकनिक मनाने के लिए तैयार हो गए. उन्होंने अपने साथ कुछ खाने का सामान ले लिया. सूरज उग आया. वे पांचों हाथ में डंडा लिए जंगल के किनारे पहुंच गए.
रोबिन बोला, “चलो, थोड़ा अंदर तक चलते हैं."
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रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.