"अंकल, वास्तव में यूएफओ क्या होते हैं," उस ने रवि अंकल से पूछा, जो काम पर निकलने ही वाले थे. वह पायलट थे और उन्होंने उड़ान भरते समय आकाश में बहुत 'सारी अजीब रोशनी देखी थी.
रवि ने बताया, "यूएफओ अज्ञात उड़ने वाली वस्तुएं हैं. ये अज्ञात अंतरिक्ष जहाज हो सकते हैं, जो पृथ्वी से संबधित नहीं हैं."
"वे आमतौर पर रोशनी वाली तश्तरी या कटोरे के आकार के होते हैं," दादीमां ने कहा.
"क्या एलियन स्मार्ट हैं?" जैनी ने पूछा.
"हां, यही कारण है कि वे यूएफओ में उड़ते हैं और हमेशा मानव के अपहरण करने की कोशिश करते हैं," उन्होंने मजाक किया.
जैनी और दादीमां खिलखिला उठीं. फिर वे दोनों हर सुबह की तरह ड्राइंग करने के लिए बैठ गईं. दादीमां ने एक चौकोर सिर और तीन आंखों वाला एक एलियन बनाया. जैनी ने यूएफओ को एक अनाज के कटोरे की तरह देखा, जिस में शीर्ष पर एक चमकती रोशनी थी.
उन्होंने अपने चित्रों को एकसाथ रंग दिया और चर्चा की कि किस रंग का उपयोग करना है.
उस रात जैनी को एक सपना आया. वह अपनी छत से घूर रही थी, आसमान असंख्य तारों से भरा था. कुछ चमकीले थे, जबकि कुछ चमकीले नहीं थे, लेकिन वे हर समय टिमटिमाते रहे. फिर उस ने एक चमकीला तारा देखा, जो बड़ा और चमकीला होता जा रहा था तथा इतना उज्ज्वल था कि जैनी ने अपनी आंखें बंद कर दीं. जब उस ने उन्हें खोला तो अनाज के कटोरे के आकार का एक अंतरिक्ष यान उस की छत के ऊपर खड़ा था.
एक एलियन उस से बाहर निकला. जैनी यह देख कर हैरान रह गई कि एलियन के चेहरे पर एक खूबसूरत मुसकान थी. वह फिर मुसकराई और बोली, "हैलो एलियन."
अचानक दादीमां वहां आ गईं और उन्होंने एलियन को ताजे क्रैनबेरी जूस की पेशकश की.
एलियन ने मुंह बनाया और कहा, "क्या आप क्रैनबरी जूस के साथ यात्रियों का स्वागत करते हैं?"
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रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
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शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
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मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
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चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
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अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
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