पियोली की बात सुन कर मम्मी ने कहा, "बेटा, अगर तुम टिफिन नहीं ले जाओगी तो क्या पूरे दिन भूखी रहोगी?"
पियोली ने जवाब दिया, "मम्मी मैं घर आ कर अच्छी तरह खा लूंगी."
पियोली ने सुबह नाश्ता भी ठीक से नहीं किया था. उस ने बड़ी मुश्किल से दूध पिया था इसीलिए मम्मी उसे टिफिन तो देती ही थीं पर अब वह टिफिन ले जाने से मना कर रही थी.
मम्मी ने कहा, "इतनी देर भूखे रहना सही नहीं है. तुम स्कूल से भूखे पेट घर आते हो और फिर तुम्हें नींद आने लगती है. तुम होमवर्क कर पाते हो और न ही चैप्टर याद कर पाते न तो हो. उस समय तो तुम सो जाते हो फिर शाम को तुम्हारे खेलने का टाइम हो जाता है. तुम रात को होमवर्क करने बैठते हो और फिर सुबह देर से उठते हो."
मम्मी को ऐसे बोलते देख पियोली बोली, "मम्मी, आप तो बोलते ही जा रही हो, प्लीज, मेरी बात सुनो."
इतने में पापा भी घर आ गए थे. पापा ने सारी बात सुन ली थी. उन्होंने पियोली से पूछा, "तुम टिफिन क्यों नहीं ले जाना चाहती?"
पियोली बोली, "पापा, मुझे किसी ने धमकी दी है कि मैं आप से कुछ न कहूं, लेकिन मैं उस की धमकी नहीं मानूंगी और आप को बताऊंगी कि मैं टिफिन क्यों नहीं ले जाना चाहती?"
यह सुन कर मम्मी ने कहा, "मैं ने तुम से कहा था न कि मम्मीपापा से कुछ छिपाना नहीं है, चाहे कोई धमकी या कसम ही क्यों न दे दे."
पियोली बोली, "इसीलिए तो मैं आप दोनों को एकसाथ बताना चाहती थी. पापा शाम को देर से आ रहे थे और मेरे स्कूल जाने के बाद वे जागते हैं इसलिए मैं 3-4 दिन से बता नहीं पा रही थी. आज मैं आप दोनों को बताती हूं."
هذه القصة مأخوذة من طبعة July Second 2024 من Champak - Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة July Second 2024 من Champak - Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.