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आपदा या अवसर?
देशव्यापी लॉकडाउन के बाद बड़ी संख्या में प्रवासी वापस अपने राज्य लौट आए हैं, लेकिन उनके लिए रोजगार पैदा करना प्रदेश सरकार के लिए बड़ी चुनौती
पहाड़ों पर गुत्थमगुत्था
आक्रामक चीन की वजह से सीमा पर खूनी भिडंत हो गई. यह 1962 के बाद एलएसी पर सबसे बड़ा सैन्य गतिरोध है
शुरुआत अब करें भी तो कैसे
लॉकडाउन में कारोबार ठप होने से कई स्टार्ट-अप पर ताले लटक गए. ज्यादातर इकाइयों की आय पेदे पर आ लगी है. गिरते निवेश और भविष्य को लेकर अनिश्चिताओं के बीच लाखों नौकरियों पर छंटनी की तलवार लटक रही है, सो अलग
टूटकर गिरा एक और सितारा
होनहार युवा अभिनेता ने क्यों ली अपनी जान? सुशांत सिंह राजपूत की त्रासद और अकाल मौत को समझने की कोशिश कर रहा फिल्म जगत और उनके मुरीद
क्या घाटी में पनपा उग्रवाद दम तोड़ रहा है?
वर्ष 1989 से जम्मू और कश्मीर में सक्रिय अलगाववादी उग्रवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन को जबरदस्त झटका लगा है.
राजस्व जुटाने की रस्साकशी
कोविड और लॉकडाउन के कारण राज्यों को संसाधनों का भीषण अभाव दिख रहा है इसलिए केंद्र से ज्यादा रकम लेने के लिए खींचतान हो रही है
कोविड के संग जिंदगी
रोग की चपेट में आ चुके लोगों के तजुर्बे यही हैं कि ज्यादातर पर इसका हल्का असर ही हुआ, जिन्हें सघन चिकित्सा की जरूरत पड़ती है, उन्हें इससे दिलासा मिल सकती है कि ठीक होने की दर अपेक्षाकृत अधिक और मृत्यु दर कम है
परीक्षण के लिए तैयार प्राचीन ज्ञान!
कोविड-19 से निबटने को दुनिया भर के चिकित्साशास्त्री रात-दिन जूझ रहे. इसी कड़ी में अब पतंजलि की आयुर्वेदिक औषधियों को लेकर शुरू हुए चिकित्सीय परीक्षणों ने हलचल मचाई
उद्योगों की टूटती उम्मीदें
सरकार का राहत पैकेज उम्मीद से कम होने की वजह से हजारों छोटे कारोबार डूबने की कगार पर पहुंचे
घोटालों में घिरी शिक्षक भर्ती
एक ओर तो फर्जी तरीके से नौकरी करती शिक्षिकाएं पकड़ी गईं, वहीं शिक्षक भर्ती प्रक्रिया भी भ्रष्टाचार और कानूनी दांव-पेच में उलझी
कोविड को हराने वाले लोग
ये लोग कोविड संक्रमण को हरा कर लौटे, कुछ आसानी से पार पा गए तो कुछ दूसरों को इस बीमारी के साथ इससे जुड़े सामाजिक पूर्वाग्रहों से भी जूझना पड़ा, यकीनन इस संकट से उबरने के बाद सभी की एक ही राय है कि बीमारी से शरीर को ही लड़ने दें, दिमाग पर इसे हावी न होने दें
लड़बो जीतबो
सूबे में अगले साल विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा ममता बनर्जी को अस्थिर करने के लिए जोरदार हमले कर रही है. मुख्यमंत्री पलटवार तो कर रही हैं लेकिन उन्हें अपनी पार्टी के भीतर से उभरते असंतोष के स्वरों को भी शांत करना है
सांस के लिए संघर्ष
एक स्थानीय अखबार में पिछले महीने एक खोजी खबर छपने के बाद, गुजरात सरकार स्थानीय स्तर पर निर्मित 'धमन-1' वेंटिलेटर की खरीद का बचाव करने को विवश हुई. नौकरशाहों और डॉक्टरों ने आरोप लगाया था कि ये वेंटिलेटर घटिया गुणवत्ता के हैं.
आखिर किसके हाथों में पतवार
कांग्रेस में अहम भूमिका निभाने को लौटे राहुल गांधी, लेकिन पुराने दिग्गज उनकी टीम के मंसूबों पर पानी फेरने की फिराक में. इस पुरानी पार्टी में एक और सत्ता संघर्ष छिड़ता नजर आ रहा
खस्ताहाल खुदरा बाजार
कोरोना लॉकडाउन का प्रत्यक्ष तौर पर सबसे ज्यादा असर खुदरा बाजार पर पड़ा है, जहां कारोबार चौपट होने के साथ बेहिसाब रोजगार छिन गए
ओहदा संभालते ही अग्निपरीक्षा
देश में कोविड-19 महामारी का केंद्र महाराष्ट्र बनने लगा तो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की नेतृत्व क्षमता के लिए कड़ी परीक्षा की घड़ी, क्या वे चुनौती पर खरे उतर पाएंगे या अफसरशाहों पर ज्यादा निर्भरता उनके किए-कराए पर पानी फेर देगी?
नैनीताल के वजूद पर संकट
बार-बार हो रहे भूस्खलन से इस शहर पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है, लेकिन राज्य सरकार उदासीन
जोखिम का खुला दरवाजा
तमिलनाडु, दिल्ली और गुजरात जैसे कोविड से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों ने लॉकडाउन के प्रतिबंधों में ढील देकर बड़ा जोखिम उठाया है. इसके लिए वे कितने तैयार हैं?
महामारी में भरोसे का संकट
ज्यादातर अनुमानों में दावा किया गया है कि अहमदाबाद में कोविड संक्रमण के 60 फीसद मामले मुसलमानों के हैं जबकि वहां उनकी आबादी 15 फीसद से कम है
हिमालय में अशांति
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी की घुसपैठ से देश के नवीनतम केंद्रशासित प्रदेश की नाजुक स्थिति की नई कसौटी उजागर हुई
सीख लिया सबक!
बेहद मसरूफ फिल्मी सितारों को अपने घर-परिवार में सब्र और सुकून के पल बिताने, कुदरत को करीब से निहारने और जिंदगी के असली मकसद पर गौर करने का मिला मिला भरपूर मौका
दुर्दशा और दुश्वारियां
कोविड-19 महामारी आई तब पता चला कि अदृश्य- -सी श्रम-शक्ति की क्या अहमियत है और अर्थव्यवस्था की गाड़ी को सरपट चलाए रखने वाले मजदूरों- कामगारों की देश ने कितनी उपेक्षा की
बिखर गई जिंदगानी
अम्फान ने राज्य में भीषण तबाही मचाई, यहां तक कि कोलकाता में कई लोगों को बिना बिजली- पानी के रहना पड़ रहा. राहत की धीमी गति ने चीजों को और बिगाड़ा
घर लौटने की भारी दुश्वारियां
दूसरे प्रदेशों से अपने गांव-घर लौटने वालों की भारी तादाद से राज्य के चिकित्सा और वित्तीय संसाधनों पर भारी दबाव, लाखों लोग क्वारंटीन में और जल्दी ही काम की तलाश करेंगे
टूट गया सब्र का बांध
सिनेमाघरों के खुलने पर ऊहापोह के चलते फिल्म निर्माताओं ने ओटीटी की ओर रुख किया तो सिनेमाघरों के मालिकों की त्यौरियां तनी
कैसे बचाएं 'बचत'
पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाएं और बैंक में सावधि जमा (एफडी)-अगर आप भी इन जोखिम रहित निवेश विकल्पों के सहारे नियमित कमाई कर रहे हैं या कमाने की योजना बना रहे हैं तो सतर्क हो जाइए. कोविड-19 के कारण पैदा हुई परिस्थितियां बड़े बदलाव का इशारा कर रही हैं
फरमानों की फजीहत
आखिरकार, प्रधानमंत्री के कार्यालय से केंद्रीय मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा के लिए एक फोन आया कि उन्हें दिल्ली से कर्नाटक उड़ान भरने वाले सभी यात्रियों के लिए अनिवार्य नियम के तौर पर सात दिन के लिए खुद को क्वारंटीन रखना होगा. इससे पहले तक गौड़ा कह रहे थे कि वे केंद्रीय मंत्री हैं, इसलिए उन पर आम नागरिकों का नियम लागू नहीं होता है.
27 लाख का सवाल
धीमी शुरुआत के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने शायद भारी संख्या में लौटे मजदूर-कामगारों की सेहत और उसके आर्थिक नतीजों पर तो कुछ पकड़ बनाई, लेकिन उनका दीर्घकालीन पुनर्वास अभी दूर की कौड़ी
आसमान से आई आफत
लॉकडाउन की वजह से पहले ही परेशान राज्य के किसान अब टिड्डी दल के हमले से जूझ रहे हैं
शहर पर कोविड का कहर
मुंबई में मरीजों की तेजी से बढ़ती तादाद और अस्पतालों में साधन-सुविधाओं की कमी की वजह से महानगर की चिकित्सा प्रणाली पर जबरदस्त दबाव