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सबको साधने की महारत
उनके वैचारिक प्रतिद्वंद्वी उनके राजनैतिक साथी हैं; और राजनैतिक प्रतिद्वंद्वी उनके विचार साझा करने का दंभ भरते हैं. ऐसे में नीतीश कुमार का कद इस चुनावी साल में औरों से बड़ा दिख रहा
सबकी थाली में थोड़ा-थोड़ा
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गठबंधन ने अपने पहले प्रयास में पेश किया सबको खुश करने वाला बजट
महाराज की बगावत
कांग्रेस के पुराने दिग्गज ग्वालियर रजवाड़े के वारिस की महत्वाकांक्षाओं के आड़े आए तो नए भविष्य की तलाश में भाजपा की ओर रुख किया कौशिक डेका, राहुल नरोन्हा और उदय माहूरकर
बैंक का भट्टा ऐसे बैठाया
जोखिम उठाने को हर वक्त तैयार रहने वाले तेजतर्रार अगुआ कैसे अपनी मगरूर महत्वाकांक्षा से एक बैंक को जमींदोज कर बैठे, बेआबरू यस बैंक के संस्थापक-चेयरमैन राणा कपूर की अनकही दास्तान आनंद अधिकारी
नारी शक्ति के सम्मान का उत्सव
इंडिया टुडे ने वुमन समिट ऐंड अवॉर्ड्स में छत्तीसगढ़ की उन महिलाओं का सम्मान किया जिन्होंने अपने दम पर हासिल की बुलंदियां और देश की आधी आबादी के लिए मिसाल बनीं मंजीत ठाकुर
अर्थव्यवस्था पर कोरोना का कहर
कोविड-19 के प्रकोप से अंतरराष्ट्रीय व्यापार ठप हो गया है. पहले से ही लड़खड़ाती भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह एक और गंभीर आघात
अब आंकड़ों को लेकर बड़ा अंदेशा
यह बात बहुत कम रेखांकित की जाती है कि अपने देश की आर्थिक और सामाजिक विशिष्टताओं की हमारी समझ किस हद तक उन नमूना सर्वेक्षणों पर निर्भर करती है जो विभिन्न सरकारी सांख्यिकी एजेंसियों और खासकर राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) की तरफ से किए जाते हैं.
हरियाली और रास्ता
सूखे पड़े तालाब, नालों, कुओं वगैरह से मिट्टी- गाद-पत्थर निकाल कर उनसे सड़क बनाने की महाराष्ट्र में एनएचएआइ की बुलढाणा परियोजना से सूखाग्रस्त विदर्भ में पानी और हरियाली पहुंची
महिला शक्तिः कौशल से बड़ा कमाल
कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) को अनिवार्य बनाने वाले दुनिया के पहले देश भारत ने अपने इस प्रयास से सामाजिक पुनर्जागरण की एक अहम पहल की है. प्रमुख व्यापारिक संस्थान और कॉर्पोरेट, अपने आइडिया, अपना सामय और अपने धन का एक हिस्सा उन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए लगा रहे हैं जिन क्षेत्रों में उनकी उपस्थिति है. जिस समाज से उन्होंने बहुत कुछ अर्जित किया है उसका एक हिस्सा उसी समाज को वापस लौटाने की यह भावना समावेशी समाज निर्माण की अवधारणा को मजबूत करती है.
बिकिनी से बा की काया तक
जीनत अमान की 15 साल बाद मंच पर वापसी, बिसार दी गईं कस्तूरबा गांधी को अपनी अदाकारी से जिंदा किया
नए मोर्चे पर शाह
आगामी चुनावों के मद्देनजर बंगाल में शाह के हालिया दौरे के साथ ही भाजपा के चुनावी अभियान ने नया रंग-ढंग अख्तियार किया
दिल्ली के गुनहगार कौन?
राष्ट्रीय राजधानी में बीते 35 वर्ष में यह सबसे भयानक दंगा है और सरकार, पुलिस, गृह मंत्रालय और राजनैतिक . नेतृत्व-वे सभी इसके गुनहगार हैं
आ गई आफत
दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा तरिणि मोहन ने 4 मार्च को टिक टॉक पर अपना और अपनी दोस्तों का एक वीडियो अपलोड किया. इसमें 19 साल की यह लड़की अपनी दोस्तों का अभिवादन करती दिखाई दी, पर किसी ने हाथ नहीं मिलाया, न आलिंगन, न चुंबन. मास्क से अपनी नाक और मुंह को ढके ये लड़कियां पैरों के पंजे दबाकर एक दूसरे का अभिवादन कर रही हैं.
हल्के छलके जाम
हल्के छलके जाम पर्यटन क्षेत्र के कारोबारियों का मानना है कि गहलोत की नई आबकारी नीति पहले से ही मुसीबतों में घिरे उद्योग के लिए खतरे की घंटी
विपक्ष का नया गुब्बारा
प्रशांत किशोर की छोटे महागठबंधन दलों के साथ बैठक विपक्ष की एक नई धुरी की ओर संकेत करती दिखती है
योजनाओं में अम्मा
ढेरों महिला और बाल कल्याण योजनाओं के जरिए दिवंगत दिग्गज आज भी यादों में जिंदा
सीएए का वोट गणित
भाजपा नए नागरिकता कानून से गैर-असमी भाषी हिंदुओं को शायद कुछ खुश कर पाए, मगर पार्टी को 2021 के चुनाव में असमी भाषियों की नाराजगी दूर करने के उपाय करने होंगे
राजधानी शर्म की
हाथों में हथियार लिए दंगाइयों ने 23 फरवरी से लगातार तीन दिन तक उत्तर पूर्वी दिल्ली में खुलेआम जमकर उपद्रव मचाया. उनमें से कुछ ने अपने चेहरे ढंक रखे थे, कुछ के पास घातक हथियार थे
मोदी मन्त्र से मुग्ध ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति का दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत पहल वाले राजनय, व्यावहारिक और बहुआयामी विदेश नीति की कामयाबी दर्ज कर गया
कृषि मशीनों में भारत-अफ्रीका की साझेदारी में अपार संभावनाएं
दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने में कृषि पैदावार और कृषि उपकरणों के आयात-निर्यात से काफी मदद की उम्मीद
कितने तैयार हैं हम?
हर बार कुछ वर्षों के बाद किसी न किसी वायरस प्रकोप के फैलने की प्रवृत्ति को देखते हुए क्या भारत के आपातकालीन स्वास्थ्य इंतजाम वुहान जैसी किसी आपदा को संभालने में सक्षम दिखते हैं?
हौसले की जीत
शत्रु के कब्जे में होने के बावजूद अपने असाधारण शौर्य से इस युवा विंग कमांडर ने पूरे देश का दिल जीत लिया
हिंसक उपद्रवियों पर कसता शिकजा
सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के लिए पुलिस मुख्य रूप से पीएफआइ नामक संगठन को जिम्मेदार ठहरा रही
हाउडी, ट्रंप !
अमेरिका-चीन-पाकिस्तान के बीच संबंधों के त्रिकोणीय मोर्चे को सरकार ने अपनी विदेश नीति से जिस तरह से संभाला है, उसको लेकर लोगों की धारणा सकारात्मक है. हालांकि, बढ़ती आंतरिक अशांति चिंता का कारण
हर मोर्चे पर बेचैनी बेहिसाब
दोबारा चुने जाने के सात महीने बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश का मिज़ाज जनमत सर्वेक्षण में अपनी लोकप्रियता तो बरकरार रखी है, लेकिन अर्थव्यवस्था के मंदी की चपेट में होने और सीएए विरोधी प्रदर्शनों से उनकी सरकार की चमक फीकी पड़ गई है जो हालात सुधारने की मांग कर रही
हकीकत स्वीकार करें तभी बदलेंगे हालात
2000 के पहले दशक में वैश्वीकरण ने भारत का भाग्य तय किया, लेकिन अब वक्त है कि आर्थिक वृद्धि के नए स्रोत ढूंढे जाएं
स्वच्छता योगी
“स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्य को महज पांच साल में पूरा करना आसमान में उड़ते हवाई जहाज के पंखों पर रंग-रोगन करने जैसा ही मुश्किल था क्योंकि आजादी के बाद से 39 फीसद शौचालय ही बने थे”
स्टेशन के रास्ते
“मुझे महसूस हुआ कि पढ़ाई के जरिए इन बच्चों का मानसिक पोषण भी उतना ही जरुरी है”
सेहत का बिल
प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा से लेकर अस्पताल में भर्ती होने तक, मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में महत्वपूर्ण सुधारों की आवश्यकता
सेवारत उद्यमी
रायपुर (छत्तीसगढ़) का एक मुहल्ला है टिकरापारा. राजधानी में तब्दील होने के बाद भी यहां अगर कुछ नहीं बदला है तो नंदी चौक की एक चाय बेचने वाली की कुटिया में प्रति सप्ताह रामायण गाने वाली मंडली.