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कूचे में बेआबरू
इस आइपीएल में मुंबई इंडियंस के खराब प्रदर्शन से नए कप्तान पांड्या, लोगों के निशाने पर
जाति का गणित
भाजपा का ओबीसी उम्मीदवारों पर दांव तो कांग्रेस ने सवर्ण और महिला प्रत्याशियों को दी तरजीह, झामुमो की आदिवासी वोटों पर नजर
चुनावी मुठभेड़
पहले चरण से ठीक पहले निकला माओवाद का जिन्न किसके लिए
राजनैतिक विज्ञापनों का अर्थशास्त्र
चुनाव आते ही आरोप लगाने वाले राजनैतिक विज्ञापनों का बाजार गरम हो गया
इनफ्लुएंसर काल में चुनाव
सोशल मीडिया के लोकप्रिय चेहरों को भुनाकर राजनीतिक दलों ने मतदाताओं तक पहुंचने के एक सशक्त औजार को साध लिया
सिनेमा से बनती-बिगड़ती सियासत
फिल्मी सितारों का सबसे ज्यादा प्रभाव राजनीति में अगर कहीं रहा है, तो वह है दक्षिण भारत, खासकर तमिलनाडु
वजूद बचाने की जंग
तेलंगाना के चुनावी अखाड़े में सबके अपने भारी के बड़े-बड़े दावे
द्रविड़ पहचान बनाम हिंदुत्व
यहां मुकाबला दोतरफा, सिवाय एकाध सीटों के जहां भाजपा का कुछ दांव है
जाति, पानी और हिंदुत्व से चढ़ता चुनाव
भाजपा को दक्षिण कन्नड़, उत्तर कन्नड़ और उडुपि के तीन तटीय जिलों से उम्मीद है
विरासत का द्वंद्व
पिता की विरासत को आगे बढ़ाने वाले जगन का भाजपा-कांग्रेस से रिश्तों में रवैया ढुलमुल
प्रांतीय राजनीति की चुनौती
भाजपा के रणनीतिकारों को यह बात समझ नहीं आई है कि नब्बे के दशक के बाद इस देश की राजनीति एकदम बदल गई है
चुनावी फासले
पिछले एक दशक में हुए चुनावों से पता चलता है कि उत्तर और दक्षिण के बीच सियासी दूरी बढ़ती जा रही है, मौजूदा आम चुनाव इस विभाजन की पुष्टि करते हैं
सुक्खू की साख का सवाल
भाजपा असेंबली में अपनी ताकत को बढ़ाने की फिराक में है ताकि कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ जाए और गिर जाए
बेदम 'स्टारडम'
फिल्मी परदे पर गरजने वाले कलाकारों की सदन में आवाज नहीं निकलती
आंबेडकर और गांधी
भारत निर्माण के दोनों युग-प्रवर्तकों में मतभेदों के बावजूद लक्ष्य के प्रति काफी स्पष्टता थी
सियासी सफर पर क्वीन
फिल्मी दुनिया के अनगिनत विवादों के बीच राजनीति में क्या गुल खिलाएंगी, देखना बाकी
सब कुछ नयाँ है
आइपीएल में इस बार बहुत सी बातें पहली बार हैं, पहली-पहली बार के ये अनुभव दर्शकों को रोमांचित भी कर रहे हैं और आनंद भी दे रहे
स्त्री स्वर, लय, थाप और थिरकन
ओडिशी नृत्यांगना निताशा नंदा ने नृत्य, गायन, वादन और पारंपरिक तथा पाश्चात्य ध्वनियों के संगम से स्त्री सशक्तीकरण का अनोखा रंग पेश किया
संवेदना विस्तार की कथा
एक धारणा है, जो इस समुदाय के प्रति होती है, एक आवरण जो इस समुदाय को घेरे रहता है। इस आवरण की वजह से कयास हैं। जहां भी कयास होते हैं, वहां परिणाम गलत होते हैं।
स्त्री नहीं समाज का संघर्ष
वरिष्ठ कवि अरुण कमल की ये पंक्तियां पुस्तक के मूल को बहुत अच्छे से परिभाषित करती है। साहित्य-समालोचक और दिल्ली विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक डॉ. राजीव रंजन गिरि द्वारा संपादित यह पुस्तक स्त्रीवाद पर एक सारगर्भित संकलन है।
राजधानी में विस्थापन
पलायन और विस्थापन इस दौर के सबसे ज्यादा भयावह शब्द है। वैश्विक स्तर पर कभी वर्चस्व की लड़ाई, कभी जमीन के टुकड़े पर हक, कभी सौंदर्यीकरण के नाम पर उजाड़ दिया जाना बहुत ‘साधारण’ होता जा रहा है।
राजनीतिक किस्से
राजनीति में शान्ता कुमार उच्च मूल्यों के पक्षधर नेताओं में से एक रहे हैं। 2019 में चुनावी राजनीति से संन्यास लेने के बाद उन्होंने अपने छह दशक के राजनीतिक अनुभव को पाठको के साथ साझा करने का निर्णय लिया। अब आत्मकथा के रूप में यह पुस्तक सामने है।
खोई जमीन पाने की लड़ाई
1990 और 2000 के दशक में उत्तर प्रदेश में दलित वोटों पर एकाधिकार रखने वाली और राजनीतिक चर्चा के केंद्र में रहने वाली मायावती की अगुआई वाली बहुजन समाज पार्टी के लिए ये चुनाव प्रासंगिक बने रहने की चुनौती
टूटेगा 9-2-11 फॉर्मूला
चुनावी फिजा में फिर कांग्रेस के पीछे लगा महादेव ऐप घोटाले का जिन्न
टक्कर जोरदार
पाला बदल राजनीति में सूबे के नेता भी पीछे नहीं, चुनाव से पहले अदला-बदली जोरों पर
दोनों सांसत में
सुक्खू के लिए चुनाव अग्निपरीक्षा, सरकार संकटग्रस्त, तो भाजपा जोड़तोड़ और सेलेब्रेटी के सहारे
लड़ाई कांटे की
भाजपा के लिए जीत की हैट्रिक की राह में रोड़े, कांग्रेस ने 'इंडिया' गठबंधन के तहत अपनी स्थिति मजबूत की, सीकर और नागौर की सीटें प्रतिष्ठा का प्रश्न
मराठी रंग का बोलबाला
शिवसेना और राकांपा में बड़ी टूट से लोकसभा चुनावों में लड़ाई दिलचस्प हुई, मराठी अस्मिता पर चोट भाजपा खेमे को पड़ सकती है भारी
कांग्रेसियों के भरोसे भाजपा
भाजपा भारी एंटी-इनकंबेसी की काट में लगी, तो कांग्रेस में भी जिताऊ उम्मीदवारों का टोटा
उधार के उम्मीदवार पर दारोमदार
कहीं बगावत तो कहीं दल-बदल, कहीं पैराशूट उम्मीदवार तो कहीं असंतोष, चौतरफा मुकाबले में लड़ाई तगड़ी