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रत्नों का ऑनलाइन शोरूम !
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श्री बगलामुखी उपासना सैद्धान्तिक पक्ष एवं ध्यातव्य बातें
दस महाविद्याओं में बगलामुखी द प्रमुख महाविद्या के रूप में जानी जाती हैं और वर्तमान में शत्रु सम्बन्धित समस्याओं के निवारण, चुनाव एवं मुकदमे में विजय, राजकार्य में सफलता आदि कामनाओं की पूर्ति के लिए इनकी उपासना की जाती है।
पराम्बा श्री बगलामुखी का स्वरूप चिन्तन
चार भुजा स्वरूप में उनके दाहिने हाथों में मुद्गर एवं पाश है। बायें हाथों में शत्रु की जिह्वा एवं वज्र है। इनके वस्त्र भी पीले रंग के हैं। इनके मस्तक पर अर्धचन्द्रमा सुशोभित हो रहा है। ये पीले रंग के आभूषणों से शोभायमान हैं।
नि:संतानता आकलन के तीन ज्योतिषीय उपकरण
डॉक्टर पति और पत्नी दोनों को शारीरिक रूप से स्वस्थ मानते हैं, फिर भी सन्तान नहीं हो पाती। यह व्यक्ति के पूर्व जन्म के कर्मों का प्रतिफल या शाप आदि मान सकते हैं।
क्या हम प्रकृति के विपरीत जा रहे हैं?
अखिल विश्व ब्रह्माण्ड पंचतत्त्वों का मूर्त रूप है । इन पाँचों तत्त्वों में थोड़ा-सा भी असन्तुलन हुआ, तो सब-कुछ नष्ट हो जाता है।
ईश्वर, प्रार्थना एवं कृपानुभूति
सच्ची प्रार्थना वह है, जिसमें मन एकाकार होकर ईश्वर भक्ति में लीन होकर अपनी सुध-बुध भूल जाए।
सर्वसिद्धिप्रदायक श्रीबगला गायत्री साधना
गायत्री का अर्थ है जिसके गायन, चिन्तन, मनन, पठन, स्मरण अथवा जप करने से त्राण होता है अर्थात् रक्षा होती है।
राहु का परिचय, कहानी के माध्यम से
असुरों में सिर्फ राहु ही है, जो मोहिनी की माया को समझ गया था, लेकिन राजा बलि जैसे बुद्धिमान् और ताकतवर असुर भी मोहिनी के जाल में फँस गए थे।
शनि धीमी गति का विजेता
शनि की कठोर वास्तविकता से सूर्य का अहंकार आहत होता है। इस योग का जातक बहुत सारी जिम्मेदारियों या कर्त्तव्यों से बोझिल हो जाता है। कम उम्र में ही परिपक्व हो जाता है।
वास्तु विश्लेषण - केदारनाथ धाम मन्दिर
केदारनाथ मन्दिर के पीछे उत्तर दिशा में पहाड़ियों की ऊँचाई है तथा मन्दिर के आगे की ओर दक्षिण दिशा में ढलान है, जहाँ आगे जाकर मंदाकिनी नदी बह रही है। इसी कारण यह मन्दिर प्रसिद्ध भी है और जून 2013 में आई त्रासदी में सदियों पुराना केदारनाथ मन्दिर बचा भी रहा।
योगी आदित्यनाथ - रच दिया इतिहास!
10 मार्च, 2022 को उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनावों में मुख्यमन्त्री आदित्यनाथ योगी के नेतृत्व में भाजपा ने लगातार दूसरी बार बहुमत प्राप्त कर इतिहास रच दिया।
विक्रम संवत् 2079 - शनि है संवत्सर का राजा
संवत् 2079 की ग्रहपरिषद में राजा का पद शनि को प्राप्त हुआ है। गुरु को मन्त्री पद मिला है। शनि सस्येश, नीरसेश एवं धनेश; शुक्र धान्येश; बुध मेघेश एवं दुर्गेश; चन्द्रमा रसेश तथा मंगल फलेश होंगे। राजा एवं अन्य तीन पदों पर पापग्रह शनि का होना शुभ नहीं है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की - समाधान की ओर बढ़ते कदम
यूक्रेन-रूस विवाद
समीक्षात्मक अध्ययन - बिना पीड़ा मृत्यु योग
यदि जन्मचक्र में द्वादशेश सौम्य ग्रह की राशि अथवा सौम्य ग्रह के नवांश अथवा सौम्य ग्रह के साथ स्थित हो, तो जातक की बिना पीड़ा, बिना किसी क्लेश के मृत्यु होती है।
देवी पूजन में इनका भी रखें ध्यान
मंत्र-जप में दिशा का विचार भी अत्यावश्यक है। प्रात:काल पूर्व की ओर, सायंकाल पश्चिम की ओर मुख करके जप करना प्रशस्त है। विशिष्ट साधनाओं के लिए उपयुक्त दिशा का विचार करना चाहिए।
मृत्यु की विभिन्न अवस्थाएँ!
मृत्यु क्या है? मृत्यु के पश्चात् आत्मा या देह की चेतनता कहाँ जाती है? क्या मृत्यु के पश्चात् पुनर्जन्म होता है? क्या मृत्यु के पश्चात् भी आत्मा से सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है?
नवरात्र में ऐसे करें नवदुर्गा की आराधना
नवरात्र - 02 से 10 अप्रैल तक
ऐसे समर्पित करें सप्तशती के पाठ को
नवरात्रों में दुर्गासप्तशती का पाठ सामान्यत: किया जाता है, किन्तु इसके पाठ में एक त्रुटि भी सामान्यत: रह जाती है, वह है पाठ का समर्पण।
13 अप्रैल, 2022 को गुरुका मीन राशि में प्रवेश
पीताम्बरः पीतवपुः किरीटी चतुर्भुजो देवगुरुः प्रशान्तः। दधाति दण्डञ्च कमण्डलुञ्च तथाक्षसूत्रं वरदोऽस्तु मह्यम्।।
होली पर सिद्ध करें विशेष प्रभावी शाबर मन्त्र
शाबर मन्त्र देखने में सरल प्रतीत होते हैं, परन्तु उनके प्रभाव को भी हम सभी ने अपने जीवन में कई बार अनुभव किया है। होली का पर्व शाबर मन्त्र सिद्ध करने का विशेष पर्व है। प्रस्तुत है कतिपय उपयोगी शाबर मन्त्र।
वास्तु अनुकूलताओं से भी प्रसिद्ध है काशी विश्वनाथधाम
काशी विश्वनाथ मन्दिर परिसर का वास्तु विश्लेषण
राहु का गोचरफल अन्य ग्रहों के सन्दर्भ में
विशेषतः गुरु, शनि एवं केतु के सम्बन्ध में
राफेल नडाल के 21 ग्रैंडस्लेम राजयोगकारक दशाओं ने रचाया इतिहास
टूर्नामेंट के दौरान यदि राजयोगकारक ग्रहों की दशा हो, तो जातक का प्रदर्शन उस टूर्नामेंट में बेहतर होता है। ध्यातव्य रहे कि शुक्र लग्न, द्रेष्काण एवं नवांश तीनों में ही राजयोग का निर्माण कर रहा है।
रत्नों से संवारें अपना जीवन
मोती सफेद, सुनहरा, गुलाबी तथा काले रंगों में पाया जाता है। बसरा मोती सर्वश्रेष्ठ होता है। इसका स्वामी चन्द्रमा होता है। मोती पहनने से जातकों को मानसिक तथा शारीरिक लाभ होता है।
योगासन पाचन एवं प्रजननतंत्र में लाभकारी पश्चिमोत्तासन
योग के संदर्भ में पूर्व' यानि शरीर का सामने या पेट की तरफ का हिस्सा और पश्चिम यानि पीछे या पीठ की तरफ का भाग। 'उत्तान' का अर्थ होता है तानना'। चूँकि इस आसन में शरीर का पृष्ठ (पश्चिम) भाग पूरा तनता है, अतः इसे पश्चिमोत्तान' कहते है।
पत्रिका में केतु छायाग्रह होकर भी है शुभ!
केतु के सिर नहीं है, तो बुद्धि भी नहीं होगी। जब बुद्धि ही नहीं है, तो चालाकी और चतुराई होने का तो सवाल ही नहीं उठता। केतु के हृदय है और हृदय में ममता, दया, करुणा और भावुकता विद्यमान होती है। इससे मालूम चलता है कि हृदय से बनने वाले गुण केतु के अन्दर होंगे।
कैसा रहेगा मेष का राहु भारत के लिए?
राहु के राशि परिवर्तन पर विशेष
सर्वांगासन
शरीर के समस्त अंगों को फायदा पहुंचाने वाला
महामृत्युजय मन्त्र परिचय, महत्त्व और जपविधि
महाशिवरात्रि पर विशेष
बुद्धि-वृद्धि तथा विद्याप्राप्ति के प्रयोग
माघ मास में विशेष