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सावन-भादौ में राधा-कृष्णमय हो जाती है ब्रजभूमि
राधाष्टमी पर विशेष
अपनी नींद के बारे में जाने कुंडली से
भारतीय दर्शन मे व्यक्ति की जागृत, स्वप्न, सुषुप्त और तुरीय यह चार प्रकार की अवस्थाएँ मानी गई है।
कैसे करें घटस्थापना-दुर्गापूजा?
शारदीय नवरात्र - 2022
हरतालिका व्रत ( 30 अगस्त, 2022 )
जिसे कुँवारी तथा विवाहित स्त्रियाँ रखती हैं
वास्तुशास्त्र एक परम शास्त्र है
सूर्य के अभाव में पृथ्वी पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। सूर्य की प्रात:कालीन रश्मियाँ प्राप्त करने के लिए भवन का पूर्वी भाग अधिक खुला रखना चाहिए।
मन के बोझ के भार तले दबा जीवन
आरम्भ के दो वर्ष तो ऐसे गए कि मैं हर दिन मरती थी, मिटती थी, रात को सो नहीं पाती थी। मेरा कृत्य मुझे जीने नहीं दे रहा था, जिस कारण मैं भाग रही थी, बस भाग रही थी, लेकिन मैंने सब ईश्वर को सौंप दिया है। अब जो भी है, मुझे मंजूर है।
52 अंक का आध्यात्मिक महत्त्व एवं आंकिक विश्लेषण
अंकशास्त्र के अनुसार प्रत्येक अंक का अपना मूल स्वरूप, आकार, स्वर, ध्वनि कम्पन एवं ऊर्जा होती है, जिसके विस्तृत एवं गहन अध्ययन से किसी भी अंक, अंक युग्म अथवा अंक समूह का परीक्षण एवं आत्मनिरीक्षण करके उस अंक अथवा अंक स्वामी की समूल मानसिक, शारीरिक तथा व्यावहारिक अभिव्यक्ति का वास्तविक विश्लेषण किया जा सकता है।
प्रथम पूज्य श्रीगणेश!
गणेश चतुर्थी पर विशेष
वृन्दावन में ज्ञान हारा और भक्ति जीती!
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष
समय से सन्तान प्राप्ति होती है अगर पत्रिका में हों ऐसे योग!
लग्न का स्वामी जन्मपत्रिका में बलवान् हो, शुभ स्थान पर हो तथा सप्तमांश लग्न भी शुभ ग्रहों से युक्त एवं द्रष्ट हो, तो निश्चित रूप से सन्तान सुख की अनुभूति होती है।
अमरनाथ यात्रा में होने वाली आपदाओं के कारण वास्तुदोष!
सरकार को चाहिये कि तीर्थयात्रियों के लिए लगने वाले तम्बू, पाण्डाल, इत्यादि अमरनाथ गुफा के नैर्ऋत्य कोण में न लगायें, ताकि तीर्थयात्री अधिक सुरक्षित रह सकें।
नया घर बनवाने में अभी कितना संघर्ष बाकी है?
जन्मपत्रिका में यदि चतुर्थ भाव में शनि स्थित हो अथवा चतुर्थेश पर शनि का प्रभाव हो, तो जातक को घर तो प्राप्त हो जाता है, लेकिन पुराना घर अथवा पिता या दादा के द्वारा बनवाया हुआ घर प्राप्त होता है।
संकट में करें 'ॐ' का उच्चारण
ॐ ईश्वर का शक्तिशाली एवं प्रभावशाली नाम है। यह लघु बीजमन्त्र होने के साथ-साथ समस्त मन्त्रों का जनक और सिरमौर है। यह अक्षर ही परम ब्रह्म है। इस अक्षर को जानकर जो जिस किसी वस्तु की इच्छा करता है, वह उसकी हो जाती है। महर्षि वेदव्यास कहते हैं : “प्रणव मन्त्राणां सेतु” अर्थात् ॐ मन्त्रों को पार करने के लिए अर्थात् सिद्धि के लिए पुल के समान है।
श्रावणमास में करें दरिद्रता एवं दुःख का नाश
श्रावण मास पर विशेष
श्रावण मास में शिवोपासना!
कई लोग शिव मन्दिर में जाकर नन्दी के बायें कान में अपनी मनोकामना कहते हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए उनसे निवेदन करते हैं। नन्दी भगवान् शिव को भक्तों की मनोकामनाएँ बताते हैं।
फ्रांस में बन रहा 'सूरज!
पृथ्वी पर ऊर्जा के संकट को समाप्त करने के लिए फ्रांस में भारत समेत 35 देशों के वैज्ञानिक एक ऐसे रिएक्टर का निर्माण कर रहे हैं, जो परमाणु संलयन पर आधारित है।
नागपंचमी पर मनसादेवी एवं नागराज का पूजन
[ नागपंचमी पर विशेष ]
ज्योतिर्विदों के लिए शिव साधना
कहते हैं साधना के बिना विद्या पूर्ण नहीं होती। ज्योतिष ज्ञान के साथ-साथ साधना भी आवश्यक है। तभी सटीक भविष्यवाणी करने की क्षमता विकसित हो पाती है। प्रस्तुत है पराशरोक्त शिव-गौरी साधना, जो त्रिकालदर्शन की क्षमता देती है।
कला वैभव में गुरु शिष्य परम्परा
[ गुरु पूर्णिमा पर विशेष ]
आपके शरीर का तिल व्यक्तित्व के बारे में क्या कहता है?
यदि किसी व्यक्ति के गाल पर तिल हो, तो व्यक्ति की स्मरण शक्ति बहुत तेज होती है। उसकी अध्ययन कार्यों में रुचि रहती है।
'गोल्डन गर्ल' का विश्वकप में 'गोल्डन एचीवमेंट'
अवनि लेखरा
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप
अकबर महाराणा प्रताप को बन्दी न बना सका। यही नहीं महाराणा प्रताप की मृत्यु की खबर सुनकर अकबर रो पड़ा था। हल्दीघाटी का युद्ध अकबर को जब याद आ जाता था, तो कहते हैं कि अकबर महलों में सोतेसोते जग जाता था।
मनुष्य स्वयं में रहस्य है
विचारपूर्वक देखा जाए तो के पास मनुष्य बुद्धि और इन्द्रियाँ हैं, ज्ञान, विवेक, लेकिन फिर भी जीवन का रहस्य बना हुआ है।
बालि का वध
प्रार्थना कर बालि ने अंगद को उन्हें सौंपते हुए कहा, 'यह मेरा पुत्र अंगद विनय और बल में मेरे ही समान है। इसे स्वीकार कीजिए | हे नाथ! इसे अपना दास बनाइए।'
पतित पावनी एवं जीवनदायिनी मां गंगा
माँ गंगा मोक्षदायिनी एवं जीवनदायिनी सरिता हैं। जब व्यक्ति मृत्यु की ओर उन्मुख होता है, तो उसके परिजन उसके मुख में गंगाजल की बूँदें और तुलसीपत्र रखते हैं, ताकि उसे मोक्ष की प्राप्ति हो सके।
न्यायप्रिय शनिदेव
शनि सौरमण्डल का सबसे दूरस्थ ग्रह है, जो सूर्य से 88.6 करोड़ मील दूर है। 29.5 वर्ष में यह सूर्य का एक चक्कर लगाता है। इसके चारों ओर 93 उपग्रह चक्कर लगाते हैं। शनि ग्रह के चारों ओर छोटे-छोटे कणों का एक छल्ला दिखाई देता है, मानो शनि ने अंगूठी पहन रखी हो। इसलिए शनि वलयाकार ग्रह है। सूर्य से काफी दूर होने से यह अति ठण्डा ग्रह है। सूर्य का थोड़ा-सा प्रकाश यहाँ पहुँच पाता है।
ज्योतिष में त्रिक भाव एवं त्रिकेश की भूमिका
फलित ज्योतिष
जिये मरे जो एकला सो 'कबीर' कहलाय
अगर आज खुद कबीर हमसे पूछें कि “भैया! मैं तुम्हारे कण्ठ में तो हूँ, लेकिन तुम्हारी करुणा में क्यों नहीं हूँ?" तो हमारे पास कोई उत्तर नहीं होगा।
जन्मकुण्डली में ग्रहण योग' और 'ग्रहण' का उस पर प्रभाव
यह कहना कि जब-जब ग्रहण होगा, तब-तब उस व्यक्ति के लिए समय अशुभ फलप्रद होगा, उचित नहीं है। यह अवश्य है कि राहु के ऊपर से राहु का गोचर हो रहा हो और उस समय आकाशीय ग्रहण हो, तो उस जातक के लिए अशुभ फलप्रद हो सकता है।
माँ श्रीबगलामुखी के प्रमुख चमत्कारी मन्त्र
बगलामुखी जयन्ती पर विशेष