India Today Hindi - September 18, 2024
India Today Hindi - September 18, 2024
Keine Grenzen mehr mit Magzter GOLD
Lesen Sie India Today Hindi zusammen mit 9,000+ anderen Zeitschriften und Zeitungen mit nur einem Abonnement Katalog ansehen
1 Monat $9.99
1 Jahr$99.99 $49.99
$4/monat
Nur abonnieren India Today Hindi
1 Jahr $37.99
Speichern 26%
1 Monat $2.99
Diese Ausgabe kaufen $0.99
In dieser Angelegenheit
Highlights of India Today Hindi 18th September 2024 issue:
How the BJP and the Sangh parivaar are trying to reinvent themselves after the subpar performance in the Lok Sabha election
India’s big submarine acquisition programme, Project 75 (I), is rolling forward at full steam with an expanding Chinese submarine fleet extending its reach in the Indian Ocean, it must move faster still.
A policy push helps India’s toy sector pick up, but lack of precision engineering and high capital investment hamper its full potential
With India running against time to eliminate Tuberculosis by 2025, a new drug regimen offers hope. But persistent shortages of even basic medications threaten to derail progress and fuel drug resistance.
There has been a sudden increase in the criminal incidents of digitally arresting people and then extorting huge amounts of money in the name of saving them from arrest by showing fear of trial through video calls. The smartness of the criminals and above all the dumbness of the people are responsible for this.
Man-eater wolfs killed at least 10 persons and wounded 35 in Mahsi tehsil of Bahraich in Uttar Pradesh. Wildlife experts are also stunned by changed behaviour of wolfs in this area.
Before the Supreme Court suggested sub categorization in schedule cast reservation, the Bihar government had created Mahadalit category in 2007. Separate schemes were started for the development of 18 out of 22 deprived Dalit casts. But this experiment is still inconclusive.
At the age of thirty the experiences shared by wildlife photographer Arzoo Khurana after visiting all the 55 Tiger Reserves of the country have all answers to many questions. But, it also ignites many questions.
मूर्ति के ढहने का अंजाम
छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिर जाने का शायद इससे बुरा वक्त नहीं हो सकता था. महज आठ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मूर्ति का अनावरण किया था. विधानसभा चुनाव से बस कुछेक महीने पहले इसके गिरने से सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन मुश्किल में पड़ गया है और विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के लिए सरकार से दो-दो हाथ करने की माकूल स्थिति बन गई है.
4 mins
जीडीपी की हकीकत आखिर क्या
यह डर 30 अगस्त को सच साबित हो गया कि देश की अर्थव्यवस्था 7 फीसद से अधिक की वृद्धि दर को बरकरार रख पाने में असमर्थ हो सकती है. उस दिन वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही के वृद्धि के आंकड़े घोषित किए गए. वास्तविक जीडीपी वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में सिर्फ 6.7 फीसद की दर से बढ़ी, जो साल भर पहले इसी तिमाही में 8.2 फीसद की दर से बढ़ी थी. मौजूदा दर पांच तिमाहियों में सबसे वृद्धि दर थी (इससे पिछली चार तिमाहियों में अर्थव्यवस्था 7 फीसद से अधिक की दर से बढ़ी थी) और भारतीय रिजर्व बैंक समेत कई एजेंसियों की उम्मीदों से कम थी. रिजर्व बैंक ने पहली तिमाही में वृद्धि दर 7.1 फीसद रहने का अनुमान लगाया था.
2 mins
पिनाराई की परेशानी
जब खूबसूरती से भरपूर केरल की धरती पर मॉनसून की तेज धार कहर बरपा रही है तो राज्य के सियासी गलियारों ज में अलग तरह का तूफान मचा है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेतृत्व वाली वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार विवादों की बाढ़ में फंसी हुई है.
5 mins
अलगाववादी भी आजमा रहे किस्मत
कभी आतंकवाद का गढ़ रहे दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में बड़ा बदलाव नजर आ रहा है. विधानसभा चुनाव के मौसम में उत्साह का माहौल है. ओधुरा गांव में सुबह की खिली धूप के बीच एक छोटे-से गश्ती दस्ते ने मुख्य सड़क पर उत्सुकता के साथ जुटी भीड़ की सुरक्षा पर पैनी नजर बना रखी है. उन्हें राजनीतिशास्त्र में एमफिल कर चुके 42 वर्षीय सयार अहमद रेशी का इंतजार है, जो कुलगाम से चुनाव मैदान में उतरे प्रतिबंधित जमात-एइस्लामी (जेईआइ) के उम्मीदवार हैं. अतीत में बहिष्कार का चलन था, मगर इस बार जमात और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस नेताओं समेत करीब दर्जनभर 'अलगाववादी' चुनाव मैदान में हैं. उनमें एक रेशी भी हैं.
3 mins
मदरसों पर तनी नजरें
मध्य प्रदेश में मदरसे जांच के दायरे में हैं. राज्य सरकार का स्कूल शिक्षा विभाग मुख्यतः इस्लामी शिक्षा देने वाले 24 मदरसों के कामकाज की जांच कर रहा है. दो खास मुद्दों की वजह से यह कदम उठाया गया है- एक, अभिभावकों की मंजूरी लिए बिना मदरसों में गैर-मुस्लिम बच्चों को पढ़ाने का आरोप, और दूसरा, ऐसे कथित छात्र जो दरअसल हैं ही नहीं मगर सरकारी सहायता हासिल करते रहने के लिए उनके नाम कथित तौर पर कुछ मदरसों के हाजिरी रजिस्टर में रखे गए हैं.
3 mins
आदिम जनजाति के हलक में गंदा पानी
झारखंड हाइकोर्ट ने 26 अगस्त को एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य के संथाल परगना के इलाकों में बांग्लादेशी अवैध घुसपैठियों की जानकारी मांगी, तो संथाल इलाके में आने वाले छह जिलों पाकुड़, साहिबगंज, दुमका, गोड्डा, देवघर और जामताड़ा के जिलाधिकारियों ने कहा कि एक भी घुसपैठिया नहीं है. कोर्ट ने पूछा कि तब आदिवासियों की जनसंख्या क्यों घट रही है, इसका जवाब दीजिए. अधिकारी जवाब तैयार कर रहे हैं. पर शायद जवाब है संथाल परगना में आदिवासियों को मिल रहा गंदा पानी.
4 mins
भगवा मंथन
लोकसभा चुनाव में कमजोर प्रदर्शन के बाद भाजपा और संघ परिवार अपना दमखम वापस पाने के लिए क्या-क्या जतन कर रहे हैं
10+ mins
अपने ही घर में डर कर लुटते लोग
वीडियो कॉल के जरिए मुकदमे का भय दिखाकर गिरफ्तारी से बचाने के नाम पर लोगों को डिजिटल अरेस्ट करने और फिर मोटी रकम ऐंठने की आपराधिक घटनाएं एकाएक बढ़ीं. इसके लिए अपराधियों की स्मार्टनेस और उससे ज्यादा लोगों की अज्ञानता जिम्मेदार
7 mins
इंसानों से क्यों भिड़ रहे भेड़िए
बहराइच की महसी तहसील में भेड़ियों ने अब तक 10 लोगों को अपना निवाला बनाया तो वहीं 35 से अधिक लोगों को घायल कर दिया. भेड़ियों के व्यवहार में आए अनायास परिवर्तन से चकित हैं वन्य जीव विशेषज्ञ
7 mins
कहां ठहर गया महादलित प्रयोग
एससी आरक्षण में उप-वर्गीकरण सुप्रीम कोर्ट के सुझाव से पहले बिहार सरकार ने 2007 में महादलित वर्ग बना दिया था. 22 में से 18 वंचित दलित जातियों के विकास के लिए अलग योजनाएं शुरू की गईं. मगर यह प्रयोग अब तक बेनतीजा
9 mins
पनडुब्बी हासिल करने का महा-अभियान
भारत का पनडुब्बी हासिल करने का बड़ा कार्यक्रम प्रोजेक्ट 75 (आइ) पूरे जोर-शोर से आगे बढ़ रहा है. दूसरी ओर चीन का बढ़ता हुआ पनडुब्बी बेड़ा हिंद महासागर तक आ पहुंचा है. ऐसे में भारत को अब इन्हें हासिल करने की रफ्तार और तेज करनी होगी
7 mins
देसी खिलौनों का जलवा
नीतिगत प्रोत्साहन से भारत के खिलौना उद्योग ने रफ्तार तो पकड़ ली पर उन्नत इंजीनियरिंग और बड़े पूंजी निवेश के अभाव में इसकी पूरी क्षमता का दोहन नहीं हो पा रहा है
8 mins
अब चूके तो...लाइलाज
ट्यूबरकुलोसिस या तपेदिक को 2025 तक जड़ से खत्म करने के लिए भारत के पास ज्यादा वक्त नहीं. ऐसे में दवाओं के एक नए विकल्प ने उम्मीद पैदा की. मगर बेहद जरूरी यानी बुनियादी दवाओं की लगातार कमी से सारे किए धरे पर पानी फिरने और दवा का प्रतिरोध बढ़ने का खतरा
8 mins
बाघों के बीहड़ में एक जांगलिंक
महज तीस साल की उम्र में वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर आरजू खुराना ने देश के सभी 55 टाइगर रिजर्व में घूमकर जो अनुभव साझा किए वे कई सवालों के जवाब हैं. लेकिन इसके साथ कई सवाल भी उपजते हैं जो जरूरी और मौजूं हैं
4 mins
बुद्ध की धरती पर चरथ भिक्खवे
जब शांति से ठहर कर गौतम बुद्ध ने भिक्षुओं से लगातार चलते रहने को कहा, तब वह कैसा 'चलते रहना' था. बुद्ध के इस 'चरथ भिक्खवे' (निरंतर भ्रमण) में नत्थी था बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय. विचार का एक पहलू यह भी कि जब तक सबका हित और सुख सुनिश्चित नहीं होता, आप ठहर ही कैसे सकते हैं.
2 mins
एक रंगकर्मी का त्रिभुवन संसार
अभिनेता, लेखक, निर्देशक और यायावर मानव कौल अपने मशहूर नाटकों, लेखन और लिखने के दर्शन पर
2 mins
India Today Hindi Magazine Description:
Verlag: India Today Group
Kategorie: News
Sprache: Hindi
Häufigkeit: Weekly
India Today Hindi Magazine is a weekly Hindi-language magazine published by the India Today Group. The magazine covers a wide range of topics, including politics, business, economy, society, culture, and sports. It is known for its in-depth reporting, insightful analysis, and stunning photography.
India Today Hindi Magazine features a variety of content, including:
* Cover Story: The cover story of each issue of India Today Hindi Magazine is dedicated to a specific topic related to current affairs. The cover story is typically written by a leading expert in the field and provides readers with in-depth analysis and recommendations.
* Featured Articles: The featured articles in India Today Hindi Magazine cover a wide range of topics related to current affairs, including national and international news, government policies, economic trends, and social issues. The featured articles are written by experienced journalists and analysts and provide readers with valuable insights into current events.
* Editorials: The editorials in India Today Hindi Magazine provide readers with the magazine's perspective on important current events. The editorials are written by the magazine's editors and are known for their critical and independent analysis.
* Q&A: The Q&A section of India Today Hindi Magazine provides readers with the opportunity to ask questions about current affairs to the magazine's experts. The questions and answers are published in the magazine and provide readers with valuable insights into how to understand current events.
India Today Hindi Magazine is a valuable resource for anyone who wants to stay informed about the latest news and developments in India. It is also a great way to get in-depth analysis and commentary on current affairs.
- Jederzeit kündigen [ Keine Verpflichtungen ]
- Nur digital