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'इंडिया' का इस्तेमाल रोकने की सरकारी कवायद
यह संयोग ही है कि विपक्षी पार्टियों के 'इंडिया' (इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायन्स) के नाम से एक मंच पर आने के बाद से भाजपा सरकार आधिकारिक दस्तावेजों में 'इंडिया' शब्द के इस्तेमाल से बच रही है और उसके पितृ संगठन आरएसएस ने एक फतवा जारी कर कहा है कि हमारे देश के लिए केवल 'भारत' शब्द का प्रयोग होना चाहिए।
भारतीय रेल की ऑन बोर्ड हाऊस कीपिंग सर्विस हुई धांधलियों का शिकार
रेल यात्रियों को सुलभ और साफ सफर मुहैया कराने के उद्देश्य से कुछ वर्षों पहले शुरू की गई 'ऑन बोर्ड हाऊस कीपिंग सर्विस' अब लगातार धांधलियों का शिकार होती जा रही है। चलित यात्रा के दौरान कोच की सफाई, बेड रोल की सप्लाई, कोच में स्वच्छता के कार्य करना इत्यादि का कार्य, इस सेवा में शामिल किया गया हैं और इन सबके लिए रेल्वे ने ये काम निजी कंपनियों को सौंप रखे हैं। मैकेनिकल डिपार्टमेंट के तहत चलने वाली इन सेवाओं में कार्यरत स्टाफ बेहद लापरवाह हो चुका है। सफाई में कार्यरत स्टाफ के साथ-साथ कोच अटैण्डेंट की सेवाओं में भारी लापरवाही बरती जा रही है, नतीजा ये हो रहा है कि रेल से प्रतिदिन यात्रा करने वाले लाखों यात्री पर्याप्त सेवाओं से वंचित हो रहे हैं। ताज्जुब की बात तो ये है कि सेवा में कमी के लिए जिम्मेदार ठेकेदार पर रेल्वे मामूली जुर्माना लगाती है, मगर जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई होती ही नही है। ये सिलसिला जारी है, मगर सुधार के अवसर दिखाई नहीं देते है।
चुनावी रथ में ही क्यों सवार होती हैं जन-हित योजनाएं
आजादी के अमृतकाल के पहले लोकसभा एवं पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की आहट अब साफ-साफ सुनाई दे रही है, राज्यों में चुनावी सरगर्मियां उग्र हो चुकी है। भारत के सभी राजनीतिक दल अब पूरी तरह चुनावी मुद्रा में आ गये हैं और प्रत्येक प्रमुख राजनैतिक दल इसी के अनुरूप बिछ रही चुनावी बिसात में अपनी गोटियां सजाने में लगे दिखाई पड़ने लगे हैं।
वैश्विक भूख सूचकांक 2023 में भारत की स्थिति
अभी कुछ महापूर्व संयुक्त राष्ट्र ने अपने ऑथराइज्ड बयान में कहा था कि भारत में पिछले 15 वर्षों में 37.5 करोड लोग गरीबी रेखा के ऊपर आए हैं और भारतीय नीति आयोग ने कुछ महीने पूर्व कहा था भारत पिछले 5 वर्षों में 13 .5 करोड लोग गरीबी रेखा के ऊपर आए हैं।
महिला आरक्षण के प्रति राजनीतिक पार्टियों का दृष्टिकोण
केंद्र सरकार ने गत 18 से 22 सितंबर के बीच पांच दिनों के लिए 17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र विशेष बुलाया था। इन्हें विशेष सत्र के रूप में बुलाया गया था। किसी भी दल अथवा नेता को संसद के इस विशेष सत्र के एजेंडे की आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं थी। हाँ तरह तरह के कयास जरूर लगाए जा रहे थे।
चुनावों के दृष्टिगत सक्रिय है भाजपा नेतृत्व
कभी चाल, चरित्र व चेहरा की बात करने वाली भाजपा में अब बड़े बदलाव की बयार चल रही है। इन दिनो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक नई भाजपा बन रही है। पार्टी के सभी पुराने छत्रपों को एक-एक कर किनारे लगाया जा रहा है। प्रदेशों में भाजपा के बड़े नेताओं को सक्रिय राजनीति से दूर कर घर बैठा दिया गया है।
अमेरिका में बना दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर
वैश्विक स्तर पर आदि अनादि काल से भारत संस्कृति, वास्तुकला व आध्यात्मिकता का गढ़ रहा है जो हजारों वर्ष पूर्व के भारतीय इतिहास में हमें देखने को मिलता है।
शिक्षा के पक्षधर थे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी
महात्मा गांधी को विद्यार्थियों से मिलना-जुलना और उनसे बातें करना पसंद था। वे स्कूलों, कॉलेजों और विश्व विद्लायों में भी अक्सर जाते थे। वे एक बार मास्टर जी की भी भूमिका में आ गए थे। वे पहली बार 12 मार्च 1915 को राजधानी दिल्ली आए तो सेंट स्टीफंस कॉलेज में ठहरे। वे वहां पर छात्रों और फेक्टी से भी मिले। उनके साथ सामयिक सवालों पर लंबी चर्चाएं की।
मोदी के सेवाभावी नेतृत्व में भारत का हो रहा यशोगान
'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' की शुरुआत माननीय प्रधानमंत्री ने 22 जनवरी, 2015 को पानीपत, हरियाणा में की थी। इस योजना से शिशु लिंग अनुपात में कमी को रोकने में मदद मिली है और महिलाओं के सशक्तीकरण से जुड़े मुद्दों को भी प्रोत्साहन मिला है।
फोटोग्राफी के क्षेत्र में कॅरियर बनाने के अवसर
फोटोग्राफी का शौक ज्यादातर लोगों को होता है लेकिन जिन लोगों को इसमें ज्यादा रुचि होती है वो इसी क्षेत्र में अपना करियर बनाने की कोशिश करते हैं। बेहतर तकनीक वाले कैमरा फोन के आने से फोटोग्राफी का शौक आज हर किसी में देखा जा सकता है। अगर आप भी अच्छी तस्वीरें लेना और रचनात्मक तरीके से सोचना जानते हैं तो आप अपनी फोटोग्राफी स्किल्स को बेहतर बनाकर इस क्षेत्र में बेहतर करियर बना सकते हैं। मीडिया, ब्लॉगर्स, फूड पोर्टल्स, ट्रैवल पोर्टल्स और बड़े फैशन स्टोर्स के आने के बाद। मार्केट में फोटोग्राफर्स की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। फोटोग्राफरों की जीवनशैली बहुत मज़ेदार होती है क्योंकि वे अक्सर मशहूर हस्तियों या प्रसिद्ध लोगों से मिलते हैं और दुनिया भर की यात्रा करते हैं लेकिन फ़ोटोग्राफी करना इतना आसान नहीं है। एक फोटोग्राफर को एक क्लिक के लिए कई घंटों और कभी-कभी महीनों तक भी इंतजार करना पड़ सकता है। आप शादियों, सांस्कृतिक कार्य मों आदि की तस्वीरें खींचकर भी अपना व्यवसाय चला सकते हैं।
अच्छे खिलाड़ी देने लगे हैं टी-20 को महत्व
गैरी सोबर्स, रोहन कन्हाई, ग्रिफिथ जैसे क्रिकेटरों ने जिस कैरेबियन क्रिकेट को ऊंचाई पर पहुंचाया था, उस पर सत्तर के दशक में क्लाइव लायड और उनके साथियों ने और सितारे जड़े। स्टार क्रिकेटरों की जो कमी आज कैरेबियन क्रिकेट झेल रहा है, कभी अपने स्टार खिलाड़यिों की बदौलत उसकी बादशाहत थी। लेकिन अब वेस्टइंडीज विश्व कप के लिए क्वालीफाई भी न कर सकी। वेस्टइंडीज का विश्व कप में खेलने का रास्ता किसी बड़ी टीम ने नहीं बल्कि स्काटलैंड जैसी टीम ने रोका है।
शिक्षा से मजबूत होता है मानवीय दृष्टिकोण
इंग्लिश व्याकरण, थर्मोडायनामिक्स, मध्ययुगीन इतिहास या कंप्यूटर इंजीनियरिंग या फिर फायनेंशल मैनेजमेंट क्या इनसे परे शिक्षा में कुछ ऐसा है जिसको लेकर एक अध्यापक को चिंता होनी चाहिए? जब हमने हाल ही में शिक्षक दिवस मनाया है तो शायद यह सवाल बेमानी नहीं है।
प्लास्टिक कचरा के प्रति जाग्रत हो समाज
वर्तमान में प्लास्टिक कचरा बढ़ने से जिस प्रकार से प्राकृतिक हवाओं में प्रदूषण बढ़ रहा है, वह मानव जीवन के लिए तो अहितकर है ही, साथ ही हमारे स्वच्छ पर्यावरण के लिए भी विपरीत स्थितियां पैदा कर रहा है। हालांकि इसके लिए समय-समय पर सरकार और सरकारी सहयोग लेकर चलने वाली गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा जागरण अभियान भी चलाए जा रहे हैं, परंतु परिणाम उस गति से मिलता दिखाई नहीं देता।
आजादी के अमृतकाल में नारीशक्ति का जागरण बहुत सुखद संकेत है
अमृतकाल में नये संसद भवन में प्रवेश करते ही महिलाओं को सक्षम बनाने के उद्देश्य से नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 पारित कर भारत सरकार ने इतिहास रचने का काम किया है। निश्चित ही यह नये व विकसित भारत का प्रतिबिम्ब है।
दुनिया में सबसे समृद्ध भाषा है हिन्दी
भारत की स्वतंत्रता के बाद 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी की खड़ी बोली ही भारत की राजभाषा होगी। इस महत्वपूर्ण निर्णय के बाद 1953 से सम्पूर्ण भारत में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाते लगा है जो हिंदी भाषा के महत्व को दर्शाता है।
इसरो ने काफी संघर्ष किया है तब जाकर अब सफलता का नया इतिहास लिख पा रहा है
चंद्रयान तीन की सफलता की गूंज पूरे विश्व में सुनाई देर ही है। पूरे देश में दीवाली जैसा जश्न मनाया गया, किन्तु इस ऐतिहासिक सफलता के भी पीछे भारतीय अंतरीक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का ऐतिहासिक संघर्ष छिपा हुआ है।
स्वामी शिवानंद सरस्वती ने किया वेदान्त का व्यावहारिक प्रयोग
साधु द्वारा मिली एक आध्यात्मिक पुस्तक ने बदल कर रख दी पेशे से चिकित्सक कुप्पु स्वामी की सारी दुनिया। आगे जाकर यही कुप्पु स्वामी वेदान्त के महान आचार्य और सनातन धर्म के विख्यात पक्षधर परमहंस स्वामी शिवानंद सरस्वती के नाम से विख्यात हुए। हालांकि बचपन से ही उनमें वेदांत के अध्ययन और अभ्यास के लिए समर्पित जीवन जीने की स्वाभाविक व जन्मजात प्रवृत्ति थी।
पर्यावरण संरक्षण के हों प्रभावी प्रयास
पंजाब और हिमाचल में आई बाढ़ ने हमें बता दिया है कि पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करना कितना महंगा है। प्रदूषण मुक्त वातावरण स्वस्थ जीवन का आधार बनता है। बेशक, यह संभव नहीं है कि किसी को कोई बीमारी न हो, लेकिन अपने आस-पास साफ-सफाई रखकर हम काफी हद तक बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं।
राजस्थान के चुनाव में मोदी होंगे भाजपा का चेहरा
राजस्थान भाजपा में आपसी गुटबाजी खुलकर उजागर हो रही है। विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित सभी बड़े नेता अपने को फ्रंट में लाने के प्रयास में लगे हुयें हैं। वसुंधरा समर्थको को मानना है कि उनको ताकत दिखाने का अब अंतिम अवसर है। यदि इस बार चूक गए तो फिर मुख्य धारा की राजनीति में पिछड़ जाएंगे। वसुंधरा समर्थक कई विधायकों को तो इस बात का डर भी सता रहा है कि यदि मैडम राजनीतिक रूप से कमजोर होती है तो उनकी टिकट भी खतरे में पड़ सकती है। इसीलिए वसुंधरा के सभी समर्थक जोर दे रहे हैं की मैडम पार्टी आलाकमान से दो टूक बात करें। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व भी राजस्थान में भाजपा की फूट को लेकर पूरी तरह सतर्क है।
हाथीदांत के अवैध शिकार का दौर बदस्तूर जारी
वर्ष 1976 से भारत 'कंवेशन्स ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन इन्डेन्जर्ड स्पेसिज ऑफ वाइल्ड फ्लोरा एंड फोना' (सी.आई.टी.ई.एस.) का हिस्सा बना हुआ है तब से भारत ने कई कदम उठाए है जिसमें हाथी दांतों की घरेलू बिक्री पर रोक, अफ्रीकी देशों से हाथी दांत के आयात पर रोक तथा 'प्रोजेक्ट एलिफेंट' की शुरुआत शामिल है। परंतु आज भी भारत में हाथियों के अवैध शिकार और हाथीदांत के अवैध व्यापार पर कोई नियंत्रण नहीं है और ब्लैक मार्केट से इसका व्यवसाय दिनों-दिन फल-फूल रहा है।
बेटियों को प्रोत्साहित करने की कवायद जारी
शिवराज सरकार 2 मई से प्रदेश में लाडली लक्ष्मी उत्सव मना रही है, तब इसकी पृष्ठभूमि को अवश्य देखा जाना चाहिए। पृष्ठभूमि में जाये बिना हम लाडली लक्ष्मी उत्सव के महत्व को नहीं समझ पाएंगे।
विनम्रता और सादगी के पर्याय थे बादल
सरदार प्रकाश सिंह बादल... ये सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि पंजाब, पंजाबियत, अपनेपन, भरोसे की वो पहचान रहा, जो सालों-साल से देश के ललाट पर चमकदार पंजाबी साफ़े की तरह बंधा रहा।
तूफान बिपरजॉय: आपदा प्रबंधन की मिसाल
मौसम विभाग की सटीक भविष्यवाणी और आपदा प्रबंधन के समन्वित प्रयासों के चलते बिपरजॉय चक्रवात ने बड़े क्षेत्र और बड़ी मात्रा में संपत्ति का तो विनाष किया, लेकिन जनहानि का कारण नहीं बन पाया। पषुओं की भी बहुत कम मौतें हुई।
आपदा से निबटने की तैयारियों को मोदी ने दी नई दिशा
चक्रवात बिपरजॉय से निपटने में भी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का मार्गदर्शन और रणनीतियाँ कारगर सिद्ध हुईं।
भारत को सुपर पावर बनाने का संकल्प सिद्ध करके रहेंगे नरेंद्र मोदी
भारत दुनिया का एक ऐसा अहम देश है जोकि अपनी जाति, धर्म, बोली, पानी, मौसम, विभिन्न प्रकार की भौगोलिक व जैव विविधताओं को एक सूत्र में पिरोकर दुनिया में विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है और जल्द ही विकसित देश बनकर सुपर पावर बनने की कतार में शामिल है।
स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने वर्ल्ड बैंक ने मंजूर की 2460 करोड़ रूपए की राशि : मुख्यमंत्री
प्रोजेक्ट से 600 मॉडल स्कूलों के विकास एवं संचालन में मिलेगी सहायता • सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में विज्ञान और वाणिज्य की शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा • प्रोजेक्ट से 600 मॉडल स्कूलों के विकास एवं संचालन में मिलेगी सहायता
मेडिकल टूरिज्म का केंद्र बन गया है भारत
भारत में मेडिकल टूरिज्म के प्रति आकर्षण के अन्य कारणों के साथ ही भारत की समग्र चिकित्सा पद्धति भी एक कारण है।
योग को बिष्णु चरण ने बनाया लोकप्रिय
यह वह समय था जब भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था बंगाल क्रांतिकारी आंदोलनों का केंद्र था।
नशे पर लगाम लगाने की हो कारगर पहल
आज पूरी दुनिया नशे के चंगुल में फंसी हुई है। दुनिया का कोई भी ऐसा देश नहीं है जहां के लोगों को नशे कि लत नहीं लगी हो।
गौ सेवा की सनातन परम्परा एवं महत्व
भगवान शंकर ने भी गौ सेवा करने वालों की प्रशंसा की है। एक बार शिवजी ने विद्वानों की सभा का आयोजन किया। कुछ विद्वान देरी से आये।