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सुधार शिरोमणि
पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री के सुधार एजेंडे पर आहिस्ता-आहिस्ता अमल हुआ. दूसरे कार्यकाल में वे भारत के आर्थिक फलक के सुधारों पर तेज रफ्तार से आगे बढ़े और 2021 में निजीकरण पर जबरदस्त जोर दिया, जिसमें श्रम कानूनों को सरल बनाने के साथ पीएसयू की परिसंपत्तियों का मौद्रीकरण भी था. अलबत्ता इन्हें कामयाबी के साथ जमीन पर उतारने की चुनौतियां कायम हैं
स्क्रीन को चमकाने वाले चेहरे
अक्षय कुमार ने अपनी बेल बॉटम और फिर सूर्यवंशी से दर्शकों को फिर थिएटरों में खींचा; और सान्या मल्होत्रा ने पगलैट और मीनाक्षी सुंदरेश्वर में शानदार अदाकारी से घर पर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया, दोनों ओटीटी पर रिलीज हुईं
खिसक गया नैतिक आधार
क्रूज शिप पर ड्रग भंडाफोड़ केस में बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान का बेटा गिरफ्तार किया गया. लेकिन यह मामला उलटा पड़ गया, जिससे जांच करने वाली एजेंसी नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की साख पर लगा बट्टा. इससे नशीले पदार्थों के सेवन से जुड़े कानूनों में संशोधन की जरूरत पर भी बहस शुरू हो गई
दमदार चुनौती
ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी-अमित शाह की जोड़ी की अपराजेयता का मिथ यकीनन चकनाचूर कर दिया. भाजपा के उत्तेजक चुनाव प्रचार, ध्रुवीकरण के हथकंड़ों और भारी संसाधन झोंकने के बावजूद 2021 में पश्चिम बंगाल के चुनाव में उनकी शानदार जीत ने विपक्षी खेमे में नई उम्मीदें जगा दी हैं. अब वे लोकसभा की लड़ाई के लिए उन्हें मोदी का सबसे काबिल प्रतिद्वंद्वी मान रहे हैं.
स्वर्ण मानक
ओलंपिक में भारत के लिए पहला और व्यक्तिगत स्पर्धाओं में दूसरा स्वर्ण पदक जीतकर चोपड़ा ने 1.3 अरब देशवासियों को ऐसे वर्ष में सिर ऊंचा करने का मौका दिया, जब खेल में कई निराशाएं हाथ लगी
जात न पूछो 'इश्क' की
तेजस्वी-रेचल के अंतरधार्मिक विवाह पर बस थोड़ी हलचल हुई लेकिन बिहारी समाज ने इसे ज्यादा हवा न देकर साबित कर दिया कि वो सचमुच प्रगतिशील है
ओमिक्रॉन से सावधान
ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों की वजह से कोविड की तीसरी लहर का अंदेशा पैदा होने के साथ ही केंद्र ने बूस्टर शॉट कार्यक्रम का खुलासा किया और राज्यों ने आनन फानन प्रतिबंध लगाए
आंसू बने अंगारे
गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जब एकबारगी अपने मकसद से भटका लग रहा था और अन्य किसान नेता पस्त पड़ने लगे थे तब भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने लगभग अकेले ही इसकी दिशा बदल दी. आखिरकार सर्वशक्तिमान केंद्र सरकार को कदम पीछे खींचने पड़े, कानूनों को निरस्त करना पड़ा और किसानों से माफी मांगनी पड़ी
मशीनों का उड़ता झुड
नवोन्मेषक
सफलता का सुंदर चेहरा
उद्यमी
फेंक जहां तक भाला जाए
खेल
टूट गया चोर बाजार का तिलिस्म
मेरठ के सोतीगंज में 25 साल से चल रहा चोरी की गाड़ियों काट कर निकाले गए कलपूर्जी का 1,000 करोड़ रुपए से अधिक का सालाना कारोबार अब ठप हो चुका है
गालिब छुटी ना शराब
मदिरापान के बेहद शौकीन मिर्जा गालिब का एक चर्चित शेर है 'गालिब' छुटी शराब पर अब भी कभी कभी /पीता हूं रोज-ए-अब्र ओ शब-ए-माहताब में." लेकिन बिहार में कंबखत शराब है कि छूटने का नाम नहीं ले रही. सूबे में बीते करीब पांच साल से शराबबंदी है लेकिन आसमान में चाहे बादल छाए हों या न छाए हों, चांदनी रात हो या कड़कती धूप हो, कोई फर्क नहीं पड़ता. बिहार में अंतरराज्यीय सीमाओं से तस्करी से आने वाली देसी और विदेशी शराब जम कर पी जा रही है. खुद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की बात पर यकीन करें तो रात दस बजे के बाद राज्य के आइएएस और आइपीएस अफसर समेत बड़े-बड़े अधिकारी शराब पीते हैं, मगर उन्हें कोई नहीं पकड़ता. यहां तक सूबे में चोरी-छुपे बन रही जहरीली शराब पी कर लोग मर रहे हैं. आलम यह है कि 13 करोड़ की आबादी वाले इस राज्य में अब तक चार लाख से ज्यादा शराब पीने और पिलाने वाले लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. इनमें ज्यादातर हैं. कोठी और बंगले वाले वीआइपी शराबी पुलिस की पकड़ से कोसों दूर हैं. पुलिस और अदालतों का काम बेवजह बढ़ा है. हर साल करोड़ों रुपए के रेवेन्यू का नुक्सान हो रहा है सो अलग. बिहार में एक समानांतर शराब माफियाराज विकसित हो चुका है. युवा नशे के दूसरे खतरनाक विकल्प तलाश चुके हैं. महिलाओं के खिलाफ हिंसा में भी अपेक्षित कमी नहीं आई है. विपक्ष और अब तो सत्ता के सहयोगी दल तक शराबबंदी पर सवाल उठा रहे हैं. आखिर इतने अच्छे गांधवादी इरादे के बावजूद नीतीश सरकार से चूक कहां हो रही है? दुनिया भर में शराबबंदी के प्रयोग नाकाम रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी की समीक्षा करने तक को राजी नहीं. इंडिया टुडे के विशेष संवाददाता पुष्यमित्र ने हकीकत जानने के राज्य के लिए विभिन्न इलाकों का दौरा करके हालात का लिया जायजा. एक रिपोर्ट:
मिल गया सही सुर
संगीत
पर्यावरण के लिए फिक्रमंद
राजनीति
नई नस्ल 100 नुमाइंदे
राजनीति, कारोबार, सिनेमा, विज्ञान और कला के क्षेत्र के वे कामयाब युवा जो आने वाले कल में भारत का प्रतीक बनेंगे
कितने मोर्चों पर एक साथ
विरासत संभालने वाले उद्यमी
एकछत्र राज करती सुंदरी
मनोरंजन
वापसी एक सम्राट की
नए साल का तोहफा लेकर बाहुबली के निर्देशक तैयार हैं अपनी अगली महागाथा आरआरआर के साथ. 550 करोड़ रुपए में बनी यह विराट फिल्म स्वतंत्रता संग्राम की पृष्ठभूमि पर है।
परिसीमन से चढ़ा सियासी पारा
कश्मीर में ठंड भले ही काफी बढ़ गई हो, लेकिन सियासी पारा चढ़ रहा है.
सिंधिया-दिग्विजय में खिंची तलवारें
टक्कर की तैयारी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 4 दिसंबर को राघोगढ़ में और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (इनसेट)
नई पहचान बनाता योगी का शहर
मुख्यमंत्री योगी ने यूपी की सत्ता संभालने के बाद गोरखपुर में बड़े पैमाने पर विकास योजनाओं की शुरुआत की थी. साल 2022 के विभानसभा चुनावों से पहले 30 हजार करोड़ रुपए से अधिक लागत वाली ये योजनाएं अब आकार ले चुकी हैं
जनरल रावत का अधूरा अ एजेंडा
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की असमय मौत उनके उत्तराधिकारी पर आजादी के बाद देश के सबसे अहम सैन्य सुधारों की एक बड़ी चुनौती छोड़ गई. नए सैन्य सुपर चीफ के विशालकाय दायित्व की एक झलक
उम्मीद की छांव
प्रोत्साहन इंडिया फाउंडेशन जोखिम से घिरी किशोरियों की सुरक्षा, शिक्षा और रोजगार के लिए काम कर रहा है
गोबर का कारोबार
छत्तीसगढ़ की गोबर खरीद योजना से हजारों गौ पालकों की अंटी में आई ज्यादा आमदनी, सामाजिक फायदों का वादा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में उछाल अलग से
आर्थिक बहाली को कैसे रखें बरकरार
दूसरी तिमाही के आंकड़े इशारा करते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था सुधार के रास्ते पर है लेकिन ऊंची महंगाई दर, मांग में सुस्ती और घटती नौकरियां अब भी चिंता का सबब हैं
अफीम की भूसी बनी मुसीबत
राजस्थान के पुलिस महानिदेशक एम.एल. लाठर ने बीती 26 नवंबर को सिरोही की एक थानाध्यक्ष सीमा जाखड़ और तीन अन्य पुलिसकर्मियों को अफीम की भूसी की तस्करी में मदद के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया.
'फौज के बल पर पूर्वोत्तर में अलगाववाद कभी खत्म नहीं हो सकता'
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के मुखिया हैं. एनपीपी एनडीए की घटक है और मेघालय तथा मणिपुर में उसकी भाजपा के साथ साझा सरकार है. फिर भी, संगमा नागरिकता (संशोधन) कानून, 2019 और सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) कानून, 1958 (एएफएसपीए) वगैरह पर भाजपा के खिलाफ सख्त रुख जाहिर करते रहे हैं. एएफएसपीए को रद्द करने की मांग पूर्वोत्तर के कई राज्यों में काफी पहले से हो रही है. नगालैंड में 4 दिसंबर को सेना की कार्रवाई में 14 आम लोगों के मारे जाने के बाद संगमा ने एएफएसपीए के खिलाफ फिर अपनी आवाज बुलंद कर दी है. डिप्टी एडिटर कौशिक डेका के साथ उनकी विशेष बातचीत के अंश:
मिशन 2022
भाजपा आलाकमान ने उत्तर प्रदेश और दूसरे कई राज्यों में निर्णायक माने जा रहे चुनावों के लिए अपनी रणनीति को सिरे चढ़ाना शुरू किया. इसमें उसे सत्ता विरोधी रुझान के अलावा महामारी के चलते स्वास्थ्य और आर्थिक मोर्चे पर आ खड़ी हुई बड़ी चुनौतियों से निबटना है
सौंदर्य की नायिका
फाल्गुनी नायर नायका की संस्थापक-सीईओ हैं और भारत में सौंदर्य की भाषा नए तरीके से गढ़ रही हैं. बंपर आइपीओ के बाद एक महिला के नेतृत्व वाला भारत का पहला यूनीकॉर्न अब सभी श्रेणियों में जाने की तैयारी कर रहा है. सौंदर्य की महारानी को अगला बड़ा कदम उठाने में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए