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आपदा में खोज लिया अवसर
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस कहीं भी लड़ाई में नहीं है. ऐसे समय में जहां जाति का नशा सिर चढ़कर बोल रहा हो, वह 40 फीसद सीटें महिलाओं को देकर राजनीति को नारी केंद्रित बनाते हुए आपदा में अवसर तलाश रही
मोदी में है भरोसा...
इस छमाही जनमत सर्वेक्षण से पता चलता है कि लोगों की राय में प्रधानमंत्री अब भी बेहतरीन विकल्प, मगर चिंता की लकीरें पहले से और गहरी होकर उभरी
नया विपक्ष नया चेहरा?
कांग्रेस की किस्मत सुधारने के लिए राहुल गांधी पर दांव लगाना भले ही सबसे बढ़िया विकल्प हो, लेकिन भाजपा के खिलाफ विपक्षी गठबंधन की अगुआई करने के लिए ममता बनर्जी को बेहतर उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा
मर-मरकर सीख रहे जीना
एमओटीएन के अधिकांश उत्तरदाताओं ने केंद्र सरकार के टीकाकरण अभियान और कोविड से निबटने के सरकारी प्रयासों को सराहा, ओडिशा इस महामारी से निबटने में शीर्ष पर रहा
ठसक भरी अगुआई
चालीस साल से अधिक उम्र की अभिनेत्रियां ओटीटी चार्ट में जलवा बिखेर रही हैं, जबकि बच्चन पिता-पुत्र सामान्य और ओटीटी दोनों वर्गों में शीर्ष पर हैं
कितने अहम आप के मान?
आप ने एक कॉमेडियन को 'भावी राजा' के रूप में पंजाब के चुनावी मैदान में उतारा है, लेकिन नेतृत्व की आभा पैदा करने के लिए भगवंत मान को कुछ ठोस करके दिखाना होगा
अपनी फिल्म में ऐक्टिंग? ना ना ना
फिल्मकार तिग्मांशु धूलिया आने वाले अपने नए वेब शो द ग्रेट इंडियन मर्डर, बेस्ट सेलर के फिल्मांकन, ऐक्टिंग और क्राइम स्टोरीज से खास लगाव पर
यह कितना खतरनाक?
ओमिक्रॉन को हल्का मानने की मूर्खता कतई न करें, कोविड के इस वैरिएंट का संक्रमण जंगल में आग की तरह फैल रहा है और कोई जोखिम उठाकर ही इसके प्रति बरत सकता है लापरवाही
भरोसे की डोज
आत्मविश्वास वर्धक बूस्टर शॉट की शुरुआत और कोविड के नए टीकों से ओमिक्रॉन और तीसरी लहर का असर कम होने की जगी उम्मीद
मायूसी का आलम
यह सिनेमाघरों के लिए तयशुदा पटकथा के मुताबिक ही हो रहा है. 16 दिसंबर को मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष कमल ज्ञानचंदानी ने बड़े उत्साह से एक प्रेस रिलीज में कहा, "बड़ा परदा वापस आ गया है." फिल्म उद्योग सूर्यवंशी, स्पाइडरमैन: नो वे होम और पुष्पा की सफलता का जश्न मना रहा था. मार्वल फ्रैंचाइजी ने बॉक्स ऑफिस पर 202 करोड़ रुपए की कमाई की थी जबकि अल्लू अर्जुन-स्टारर पुष्पा: चैप्टर-1 200 करोड़ रुपए पार कर चुकी है. 2022 में अधिक भीड़जुटाऊ फिल्में कतार में थीं इसलिए माहौल में आशा थी. लेकिन तभी रंग में भंग डालने वाले कोविड 19 की वापसी ओमिक्रॉन वैरिएंट के रूप में हो गई.
परिसीमन की पीड़ा, सीटों का संतुलन
नए साल की पूर्वसंध्या पर घूमने जाने के लिए कश्मीर मुकम्मल ठिकाना था. पहाड़ों की चोटियां और घास के मैदान बर्फ में ढके थे. रात भर जश्न मनाने के लिए पर्यटन स्थलों पर सैलानियों की भीड़ उमड़ आई थीं. मगर सुबह हुई, तो श्रीनगर की गुपकर रोड पर, जहां तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों और सरकारी अफसरों के घर और सुरक्षा प्रतिष्ठान के दफ्तर हैं, अफरातफरी का आलम था. बैरिकेड लगे थे और सुरक्षाकर्मी गाड़ियों को उच्च सुरक्षा वाले इलाकों में जाने से रोक रहे थे. मकसद उस संयुक्त विरोध प्रदर्शन को रोकना था, जो पीएजीडी (पीपल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन) के नेता-फारूख अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर और महबूबा मुफ्ती-उसी दिन परिसीमन आयोग के 'विभाजनकारी' मसौदे के खिलाफ करने वाले थे. फिर जो होना था, वही हुआ-तीनों नेताओं के साथ पीएजीडी के प्रवक्ता एम.वाइ. तारिगामी को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया.
नए दल नए गठजोड़
गोवा चुनाव की बड़ी खबर टीएमसी की एंट्री है, लेकिन राज्य की राजनीति में जोड़-तोड़ बदस्तूर जारी है, जबकि भाजपा सत्ता-विरोधी भावनाओं को रोकने में जुटी
फिर घिर आए डरावने काले बादल
कोविड के ओमिक्रॉन वैरिएंट ने फिर से सेवा क्षेत्र से जुड़े ज्यादातर कारोबारों को ठप करने का खतरा पैदा कर दिया है. मौजूदा स्वास्थ्य संकट की व्यापकता पर ही निर्भर है कि अर्थव्यवस्था को कितनी चोट पहुंचेगी
जाट लैंड में बनी जोरदार जोड़ी
एक दशक तक उपेक्षित रहने के बाद राष्ट्रीय लोक दल और उसके नए मुखिया जयंत चौधरी को किसान आंदोलन ने संजीवनी दी, विरासत वापसी को लेकर जयंत के लिए ये चुनाव करो या मरो जैसे
फ्लाईओवर से पंजाब में प्रवेश
पहचान के मसले पर अति संवेदनशीलता, सुरक्षा का प्रेत, टुकड़ों में बंटा अस्थिर राजनीतिक परिदृश्य...क्या यह सब भाजपा के फायदे में तब्दील होगा?
डिजिटल चुनावी दंगल
नेताओं की फौज में तकनीक में पारंगत और अनाड़ी दोनों हैं, दिन में भगवा और रात में समाजवाद की सेवा करने वाले तकनीक में दक्ष फ्रीलांसर, आभासी बारूद की महक महसूस हो रही है...आखिर भारत अपना पहला केवल ऑनलाइन चुनाव प्रचार जो देख रहा है. पार्टियों के डिजिटल वार रूम किस तरह से काम कर रहे हैं?
जरूरत मरहम की
महामारी से तहस-नहस दो सालों के बाद और विधानसभा चुनावों के बीच आने से केंद्रीय बजट 2022-23 के खुशगवार होने की उम्मीद
हिंदू मूल्यों की लड़ाई
हिंदू धर्म की विराट, जटिल और बौद्धिक विरासत को हिंदुत्व के कट्टर दुराग्रहियों ने उसके सबसे निचले मूल्य तक गिरा दिया है. असल हिंदुओं को खड़े होकर इस विभाजन से लड़ना चाहिए
सुधारों की नई फसल पर जोर जरूरी
विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन ने भारतीय कृषि को जन चेतना के केंद्र में ला दिया. महत्वपूर्ण सुधारों की गति मंद नहीं पड़नी चाहिए
वक्त एक्ट ईस्ट नीति पुनर्जीवित करने का
वैश्विक अर्थव्यवस्था को ओमिक्रॉन की चुनौती, अफगानिस्तान पर तालिबान के काबिज होने से आतंकी समूहों की हिम्मत में बढ़ोतरी और चीन की भूराजनीतिक महत्वाकांक्षाएं भारत के लिए अप्रत्याशित चुनौतियां पेश करती हैं
पूर्ति ज्यादा मांग कम
टीके लगने की तादाद जैसे-जैसे बढ़ेगी, आपूर्ति श्रृंखला की रुकावटें कम होंगी, उत्पादन बढ़ेगा. 2022 की चुनौती होगी मांग को ऊंचा बनाए रखना ताकि भारत महामारी से पहले की वृद्धि की राह पर लौट सके
टीम इंडिया की तलाश
वर्ष 2022 हर भारतीय खिलाड़ी के लिए खुद को साबित करने का या उस खेल की नई परिभाषा गढ़ने का मौका होगा
क्या 2022 कोविड से राहत दिलाएगा?
ओमिक्रॉन ने हमें दिखाया है कि कोविड के नए स्ट्रेन अभी भी उभर रहे हैं. अगर हमें वायरस को हराना है तो नियंत्रण की कोशिशों में सबसे आगे विज्ञान और सार्वजनिक स्वास्थ्य को रखना होगा और उनके लिए एक सक्षम नीति भी दरकार है
चुनौतियां का चतुष्कोण
भारत को 2022 में जिन इम्तहानों से गुजरना है, उनमें राजनीतिज्ञ मोदी नहीं बल्कि राजनेता मोदी की जरूरत है
गर्व और गुस्से के बीच संतुलन
भारत के राष्ट्रीय जीवन में हिंदू सांस्कृतिक और सभ्यतागत पहचान की केंद्रीयता को पुनर्स्थापित करने का आरएसएस का मुख्य मिशन वास्तविकता में बदल चुका है. 2022 में संघ को इससे पैदा हो रही भांतियां दूर करने की जरूरत है
उम्मीद की डोर
भविष्य के रुझान 2022
ऊर्जा व्यवस्था की साफ-सफाई
जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जंग में भारत की असली चुनौती बुनियादी ढांचे का निर्माण नहीं, बल्कि यह तय करने की होगी कि निपट निर्धन व्यक्ति भी 'स्वच्छ ऊर्जा की कीमत चुका सके
अगली श्रमिक क्रांति
डिजिटल कामकाज का भविष्य कर्मचारियों के काम के बारे में अनुभव समझने और उसे बेहतर करने के लिए तकनीक के इस्तेमाल पर टिका है
यूनिकॉर्न का धावा
इंटरनेट का प्रसार और स्मार्टफोन का प्रयोग बढ़ने तथा निवेशक पूंजी की भरमार की बदौलत देश में एक अरब डॉलर से ज्यादा कीमत वाले स्टार्टअप-यूनिकॉर्न-की संख्या में तेजी से इजाफा देखा गया. आखिर वे 2021 में सुर्खियों में क्यों छाए रहे
वैक्सीन के सूरमा
कोविड वैक्सीन के निर्माता भारत बायोटेक के कृष्ण एल्ला और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अदार पूनावाला ने अपनी असाधारण दूरदर्शिता, पहल और हिम्मत से भारत को स्वास्थ्य के मोर्चे पर एक भयंकर तबाही से बचने में मदद की. वे इंडिया टुडे के 2021 के सुर्खियों के सरताज हैं