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सोने के गहनों का रखरखाव
ज्वैलरी न सिर्फ फैशन बल्कि स्टेटस का भी सिंबल है, लेकिन तभी जब वह साफसुथरी हो. ऐसा तभी हो सकता है जब उस का रखरखाव अच्छे से किया जाए. जानिए सोने की ज्वैलरी को किस तरह संभाल कर रखें कि उस की चमक सालोंसाल बरकरार रहे.
गोल्ड में कैरेट के क्या हैं मायने
सोना कैरेट में मापा जाता है. उसी मुताबिक उस की कीमत और अन्य धातुओं की मिलावट तय होती है. शुद्ध सोना 24 कैरेट का माना जाता है जिस में सोने की मात्रा 99.9 फीसदी होती है. यह कैरेट है क्या और इस के क्या हैं मायने, जानें आप भी.
डिजिटल गोल्ड में निवेश करना फायदेमंद
डिजिटल गोल्ड पर निवेश सुरक्षित माना जाता है. यह औनलाइन सोना खरीदने का तरीका है जिस में सारी चीजें औनलाइन होती हैं. इस में निवेश की सुरक्षा की गारंटी सरकार देती है.
अरबों की जमीन पर भगवान का कब्जा
मध्य प्रदेश में अरबों की जमीन भगवान भरोसे है. जहां जिधर देखो बजरंगबली, गणेश, शिव, साईं बाबा आदि के मंदिर हैं. सार्वजनिक स्थलों पर, सरकारी जमीन पर और आवागमन के रास्तों पर मंदिर बने हैं. एक ही शहर में एक ही देवीदेवता के दर्जनों मंदिरों की जरूरत नहीं है. मंदिर अब अपराध के गढ़ बनते जा रहे हैं.
युद्ध में महिलाएं होती हैं ज्यादा बरबाद
युद्ध कहीं भी हो, सब से ज्यादा अत्याचार और वीभत्स घटनाएं औरतों व मासूम बच्चियों के साथ घटती हैं, जिन्हें सीधे गोली नहीं मारी जाती या बम से नहीं उड़ाया जाता, बल्कि पहले उन के शरीर से कपड़े नोच कर उन से सामूहिक बलात्कार किया जाता है और उस के बाद उन्हें प्रताड़ित करकर के या तो मार दिया जाता है या युद्धबंदी के तौर पर कैद कर उन के जिस्म को आगे भी नोचते रहने की साजिश होती है.
चुनावी नतीजे धर्म की धमक
हिंदी पट्टी के 3 राज्यों में भाजपा को मिली जीत की बड़ी वजह वही धर्म है जिस की राजनीति वह करती रही है. कांग्रेस ने भी इसी को अपनाने की कोशिश की लेकिन वोटरों ने उस को ठुकरा दिया. कैसे भाजपा ने धर्म को राजनीतिक शक्ति की तरह इस्तेमाल कर नतीजे बदलने में कामयाबी हासिल कर ली, पढ़िए इस रिपोर्ट में.
सिद्धार्थ मल्होत्रा के कैरियर पर लगा सवालिया निशान
मौडलिंग से फिल्मों में आए टौल एंड हैंडसम सिद्धार्थ मल्होत्रा की नाव हिचकोले खाती रही है. उन की अधिकतर फिल्में फ्लौप रही हैं. यह कहना गलत न होगा कि उन्हें जबरन हिट कराया जा रहा है. फ्लॉप फिल्मों के बाद भी उन की झोली में फिल्में कैसे हैं, पढ़िए.
सर्दी की बीमारियों से कैसे बचें
सर्दी है तो बीमारियां भी होंगी. सर्दी, जुकाम, आंखों में भारीपन, बुखार जैसी छोटीमोटी बीमारियां तो होती ही हैं साथ में ब्लड प्रैशर, हार्ट अटैक और सांस जैसी समस्याओं के बिगड़ने का खतरा बना रहता है. ऐसे में जरूरी है खुद के शरीर को बीमारियों से बचाने की.
विंटर में क्या खाएं
मौसम के हिसाब से यदि सही डाइट ली जाए तो न सिर्फ शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि एनर्जी भी बनी रहती है. सर्दी आ गई है, तो जरूरी है कि अपने शरीर के मुताबिक खानपान पर ध्यान दिया जाए.
सर्दी में रखें खाना गरम और ताजा
सर्दी में घर का बना गरम खाना पैक कर के ले जा रहे हैं और चाहते हैं वह गरम और ताजा बना रहे तो उपयोग कीजिए थर्मल इंसुलेटेड कंटेनर और बौक्स.
सर्दी में पहाड़ों पर पर्यटन का मजा
अब पर्यटन की चौइस काफी बदल गई है, ट्रैडिशनल नहीं रह गई है. पहले लोग सिर्फ गरमी में ठंडे टूरिस्ट प्लेसेस जाते थे पर अब सर्दी में भी जाने लगे हैं. ऐसे में कहां जाएं ताकि आप को सुकून मिल सके?
सर्दी की धूप से जलती स्किन कैसे रखें ध्यान
सालभर निकलने वाली धूप सर्दी में कुछ ज्यादा ही सुहानी हो जाती है जिस के लिए हम सब उत्साहित रहते हैं लेकिन यह धूप शरीर की स्किन के लिए हानिकारक भी साबित हो सकती है.
भारीभरकम की जगह थर्मल कपड़े
तकनीक के साथसाथ कपड़ों में भी बदलाव देखे जा रहे हैं. अब शरीर के मौइस्चर को सोख कर, तापमान को अंदर स्टोर करने वाले स्किनफ्रैंडली कपड़े बनाए जा रहे हैं.
एप्लायंसेज जो रखेंगे वार्म और देंगे कंफर्ट
बाजार में मौजूद नईनई तकनीक से बने उपकरणों की सहायता से सर्दी का सामना करना अब थोड़ा आसान हो गया है.
घर को ऐसे गरम रखें
सर्दियों में घर को गरम रखना किसी चुनौती से कम नहीं. खिड़की, दरवाजों की दरारों से आती ठंड घर में भी सुकून का एहसास नहीं होने देती लेकिन कुछ उपायों को अपना कर घर को गरम और सुकूनदायक बनाया जा सकता है.
ढहते पहाड़ों ने विंटर का मजा किया खराब
केदारनाथ त्रासदी और चमोली में भयावह भूस्खलन को अभी हम भूल भी नहीं पाए थे कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में प्रकृति का रौद्र रूप फिर सामने है. कुदरत इंसान को बारबार चेतावनी दे रही है मगर विकास के नाम पर पहाड़ों पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है. धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने वाली सरकार धर्म के नाम पर प्रकृति के साथ जो अधर्म कर रही है, वह सिर्फ विनाश का आह्वान है.
शकुंतला की कथा स्त्रियों के साथ अनाचार की पुष्टि
हमारे पौराणिक ग्रंथों को आदर्श समाज व्यवस्था देने वाला कहा जाता है जबकि इन ग्रंथों में ऐसी कहानियां हैं जिन्हें आदर्श बिलकुल नहीं कहा जा सकता. ऐसे ही विश्वामित्र और मेनका के संबंधों से जन्मी शकुंतला की कथा है. क्यों यह स्त्रियों के अनाचार की पुष्टि करती है?
क्या तूल पकड़ेगी दलित प्रधानमंत्री की मांग
दलित प्रधानमंत्री का मुद्दा उछालना पुराना शिगूफा है. मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम प्रधानमंत्री के रूप में धीमी आवाज में आने लगा है. भाजपा के पास राष्ट्रीय स्तर का कोई दलित नेता नहीं है. जाहिर है कांग्रेस यहां आगे दिखती है. हां, शंका यह है कि मल्लिकार्जुन खड़गे भी डा. जगजीवन राम की तरह कहीं सरका न दिए जाएं.
धार्मिक कट्टरता के कारण तबाह पाकिस्तान
धर्म के आधार पर खड़ा देश तरक्की नहीं कर सकता. पाकिस्तान धर्म का हवाला दे कर भारत से अलग हुआ था. जाहिल कठमुल्लाओं के काबू में आने के बाद पाकिस्तान में कभी सही मायनों में जनतांत्रिक सरकार की स्थापना नहीं हो पाई. आज पाकिस्तान में चल रही उथलपुथल इसी का नतीजा है, जिस से भारत को सीख लेने की जरूरत है.
कंगना रनौत की फिल्में असफल लेकिन अंधभक्ति जारी
अपनी शानदार ऐक्टिंग स्किल्स और वोकल पर्सनैलिटी से अभिनय कैरियर की शुरुआत करने वाली कंगना आज लगातार फ्लौप फिल्में दे कर असफल अभिनेत्रियों की श्रेणियों में जा खड़ी हैं. इस की बड़ी वजह उन का फोकस अभिनय पर कम, सरकार से रिश्ते प्रगाढ़ करने पर ज्यादा रहना रही है.
वह इंसान से बन गया कुत्ता
दुनिया में अजीबोगरीब शौक पालने वाले लोग हैं, मगर एक आदमी लाखों रुपए खर्च कर कुत्ता क्यों बन गया, जान कर दांतों तले उंगली दबा लेंगे आप.
बच्चों को बेसहारा बनाते अपराधी मांबाप
मातापिता बच्चे की परवरिश की रीढ़ होते हैं. मातापिता के किसी अपराध में संलिप्त होने से उस का बच्चों पर सीधा असर पड़ता है. वे बेसहारा हो जाते हैं, दरदर भटकना पड़ता है उन्हें. आखिर ऐसी नौबत ही क्यों?
जितनी जातियां उतने देवता
अब देवीदेवताओं की संख्या और बढ़ती जा रही है. हरेक जाति का एक बड़ा देवता हो गया है. यह साजिश है जिस के भव्य मंदिर बनने लगे हैं। तथा इस से किसे कितना नुकसान है, जानने के लिए पढ़िए यह रिपोर्ट.
लंग्स की बीमारियां झाड़फूंक के चक्कर में न पड़ें
कुछ लोग श्वास संबंधित बीमारियों को भूतप्रेत का साया समझ झाड़फूंक करने वालों के यहां चक्कर काटने में लग जाते हैं. इस से सही इलाज का समय निकल जाता है और अंत में मुश्किलें उठानी पड़ जाती हैं.
लंग्स को सुरक्षित रखने के उपाय
लंग्स शरीर के बेहद जरूरी अंगों में से होते हैं. श्वसन क्रिया लंग्स पर निर्भर करती है. लंग्स का खराब होना कई बीमारियों का वाहक बन सकता है. ऐसे में इस का सुरक्षित रहना अतिआवश्यक हो जाता है और तब जब बात दिनप्रतिदिन बढ़ते पौल्यूशन की हो.
पहाड़ियों और माउंटेनियर के लंग्स क्यों होते हैं मजबूत
पहाड़ियों व माउंटेनियरिंग करने वाले लोगों के लंग्स अपेक्षाकृत अन्य लोगों से ज्यादा मजबूत होते हैं.
घर के सामान से भी होते हैं लंग्स खराब
लंग्स खराब होने में अकसर प्रदूषण बड़ा जिम्मेदार होता है. लोग कार, इंडस्ट्री, पराली से निकले प्रदूषण का ज्यादा जिक्र करते हैं जबकि घर के भीतर छिपे प्रदूषण को नजरअंदाज कर देते हैं.
फेफड़ों के लिए ब्रोकली व बादाम सूप अनेक गुणों से भरपूर
लंग्स शरीर का जरूरी अंग है. इन्हें स्वस्थ रखने के लिए विटामिंस, प्रोटीन व फाइबर की जरूरत होती है. ऐसे में ब्रोकली व बादाम में कई तरह के गुण प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं.
नींद और लंग्स का आपस में कनैक्शन
नींद और लंग्स का आपस में गहरा रिश्ता है. डाक्टर अच्छी नींद लेने की सलाह देते हैं. बेहद अधिक या बेहद कम सोना स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है, इस में लाइलाज फेफड़ों की बीमारी पल्मोनरी फाइब्रोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है.
फेफड़ों की बीमारियों के लिए स्टेम सैल थेरैपी
स्टेम सैल थेरैपी को फेफड़ों की विभिन्न बीमारियों के लिए कारगर इलाज माना जा रहा है. जानिए कि क्या है यह थेरैपी और कैसे काम करती है.