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"இளம் விஞ்ஞானிகள் பேடன்ட் செய்வது அவசியம்"
கருத்தரங்கில் தகவல்
मस्तिष्क स्वयं की मौत को नहीं समझता
एक स्तर पर हर कोई जानता है कि वह मरने वाला है । इस्राइल के बार इलान विश्वविद्यालय के अध्ययनकर्ताओं की परिकल्पना थी कि जब बात खुद की मृत्यु की आती है तब हमारे मस्तिष्क में ऐसा कुछ है जो “ पूर्ण समाप्ति, अंत, शून्यता" जैसे को समझने से इन्कार करता है ।
दा विंची द्वारा डिज़ाइन किया गया सबसे लंबा पुल
लियोनार्डो दा विंची बहुज्ञानी व्यक्ति थे जिन्होंने अपने समय के पर्यवेक्षकों को कई विषयों में फैले अपने जटिल डिज़ाइनों से प्रभावित किया था ।
यूरोप के नीचे एक डूबा हुआ महाद्वीप है
हाल ही में वैज्ञानिकों ने दक्षिण युरोप के नीचे एक डूबा हुआ महाद्वीप खोजा है । ग्रेटर एड्रिया नामक यह महाद्वीप 14 करोड़ वर्ष पहले मौजूद था । शोधकर्ताओं ने इसका विस्तृत मानचित्र बनाया है ।
सूखे से निपटने में मददगार रसायन
पानी की कमी या सूखा पड़ने जैसी समस्याएं फसल बर्बाद कर देती हैं । लेकिन साइंस पत्रिका में प्रकाशित ताज़ा अध्ययन के अनुसार ओपाबैक्टिन नामक रसायन इस समस्या से निपटने में मदद कर सकता है ।
ब्रह्माण्ड में कई सौर मंडल हैं
कुछ समय पूर्व हबल नामक अंतरिक्ष दूरबीन से ब्रह्मांड में 15 नवनिर्मित तारों के चारों ओर घूमते हुए गैस तथा धूल कणों से निर्मित तश्तरियों के चित्र खींचे गए हैं । खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार ये चित्र इस बात के स्पष्ट तथा सशक्त प्रमाण हैं कि हमारे सौर परिवार के बाहर भी ग्रहों का अस्तित्व है ।
बैटरी चार्जिंग मात्र 10 मिनट में
बैटरी चार्जिंग मात्र 10 मिनट में
तकनीक से बेहतर होता फिंगरप्रिंट विज्ञान
वर्षों से व्यक्तियों की पहचान के लिए उंगलियों के निशान की मदद ली जाती रही है । बैंक, जीवन बीमा आदि अनेक स्थानों पर उंगलियों या अंगूठे के निशान लिए जाते हैं । ऐसा माना जाता है कि फिंगरप्रिंट विज्ञान का आरंभ प्राचीन काल में एशिया में हुआ था ।
3-डी प्रिंटिंग की मदद से अंग निर्माण
यदि हम 3-डी प्रिंटिंग तकनीक से ऊतक और अंग बना सकें तो इनका उपयोग अंग प्रत्यारोपण के अलावा औषधि परीक्षण और प्रयोगशाला में मॉडल के रूप में किया जा सकेगा ।
योजनाएं और कार्यक्रम तथ्य व विश्लेषण
आगामी प्रारंभिक परीक्षाओं (संघ लोक सेवा आयोग एवं राज्य लोक सेवा आयोगों द्वारा आयोजित) के आलोक में भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों का यहां संक्षिप्त तथ्यपरक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। इनमें सरकार की कुछ प्रमुख नवीनतम योजनाओं की अद्यतन स्थिति व सीमाएं भी शामिल हैं।
कोरोनावायरस कब-क्या-कैसे?
नोवेल कोरोनावायरस और उससे जनित रोग कोविड-19, 7 मार्च, 2020 तक विश्व के 118 देशों को अपनी चपेट में लिया था और इस तिथि तक 124,518 लोग संक्रमित हो चुके थे तथा 4607 लोगों की मौत हो चुकी थी (विश्व स्वास्थ्य संगठन)।
केरल बाढ़ 2018 सर्वश्रेष्ठ अभ्यास और सबक
वर्ष 2018 के केरल बाढ़ से सक्षम सर्वोत्तम अभ्यासों, सीखे गए सबक और भावी परिदृश्य पर पुनः अवलोकन आवश्यक है। इनमें आपदा जोखिम में कमी के लिए सामुदायिक प्रत्युत्तर और बाढ़ जोखिम प्रबंधन के लिए संस्थागत क्षमता निर्माण भी शामिल है। इस आलेख में इस समीक्षा का समर्थन करने के लिए आरंभिक प्रत्युत्तर के रूप में प्रथम प्रत्युत्तर देने वाली सामाजिक पूंजी के महत्व और फिर इस सामाजिक पूंजी को संस्थागत रूप देने की आवश्यकता का गंभीर रूप से विश्लेषण किया गया है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का क्षेत्र
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के भविष्य पर दो तरह की विचारधाराएं देखने को मिल रही हैं: एक तरफ नौकरियों के नुकसान और मानव-रोबोट संघर्ष संबंधी तर्क हैं तो दूसरी ओर जीवन के सभी रूपों पर इसके असाधारण प्रभाव संबंधी तर्क हैं।
आपदा बचाव का पारितंत्र आधारित द्रष्टिकोण
भारत तेजी से शहरी विस्तार के दौर से गुजर रहा है। बढ़ती आबादी, तीव्र विकास और आधारसंरचना विकास के साथ शहरी भारत आज आपदा के नए हॉटस्पॉट के रूप में उभरे हैं।
भारतीय कृषि में जैव उर्वरक
जैव उर्वरक नाइट्रोजन स्थिरकों, फास्फोरस विलेयकों आदि जैसे कृषीय रूप से उपयोगी सूक्ष्मजीवों से निर्मित पदार्थ हैं और एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन का एक घटक है। भारत में जैव उर्वरक का वाणिज्यिक उत्पादन 1956 में शुरु हुआ। 65 हजार टन उत्पादन और इसमें संलग्न 150 से अधिक वाणिज्यिक इकाइयों के साथ जैव उर्वरकों के उपयोग में लगातार वृद्धि हो रही है।
भारत में स्वास्थ्य क्षेत्रक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की वर्तमान क्षमताएं, जो मुख्य रूप से डेटा संग्रह, भंडारण, कंप्यूटिंग और संचार प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाती हैं, विज्ञान मिथक के क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। कई देशों की सरकारों ने अपनी एआई रणनीतियों की घोषणा की है। इस परिप्रेक्ष्य में, नीति आयोग ने 2018 में एक चर्चा पत्र जारी किया है जिसमें स्वास्थ्य सेवा को उच्च प्रभाव की संभावना वाले क्षेत्रों में से एक के रूप में रेखांकित किया गया है।
भारतीय संदर्भ में पोषण पर जलवायु परिवर्तन का प्राभाव
सतत विकास लक्ष्यों को 2030 तक प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय और वैश्विक पोषण लक्ष्यों को प्राप्त करना आवश्यक है। भारत सरकार और इसके साझेदारों के ठोस प्रयासों के बावजूद, कुपोषण गंभीर दरों पर बना हुआ है। जलवायु परिवर्तन, कृषि और पोषण के बीच के अंतर को समझना स्वास्थ्य और उत्पादकता को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
भारत में वन स्थिति रिपोर्ट 2019
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने 30 दिसंबर, 2019 को भारत वन सर्वेक्षण (एफएसआई) द्वारा तैयार 'भारत में वन स्थिति रिपोर्ट 2019' (India State of Forest Report- ISFR 2019) जारी किया।
महाराष्ट्र में एचटीबीटी कॉटन बीज की अवैध खेती
हाल में महाराष्ट्र की कई जगहों से 'कीटनाशक सह-ट्रांसजेनिक बीज' जिसे एचटीबीटी (Herbicide-Tolerant Transgenic Seeds: HTBt.) कहा जाता है की खेती की रिपोर्ट समाचारपत्रों में छपी थी।
भारत में बहु-स्तरीय नियोजन
भारत जैसे संघीय शासन प्रणाली वाले देश में जहाँ प्रादेशिक और अन्तःप्रादेशिक विषमता व्यापक स्तर पर पायी जाती है वहाँ प्रादेशिक नियोजन के अन्तर्गत बहुस्तरीय नियोजन की प्रक्रिया का अपनाया जाना अत्यन्त आवश्यक है।
नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 क्या है सच?
संसद् ने 11 दिसंबर, 2019 को नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 को पारित कर दिया। राज्यसभा ने 11 दिसंबर को जबकि लोकसभा ने 9 दिसंबर, 2019 को इसे पारित किया।
बेलगाम विवाद
महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के साथ ही बेलगाम मुद्दा पर फिर से बहस आरंभ हो गई है। विवाद के फिर से उभरने के पश्चात कर्नाटक के बेलगाम एवं महाराष्ट्र के कोल्हापुर के बीच बस सेवा रोक दी गई।
नाइट्रोजन चक्र
नाइट्रोजन पृथ्वी पर सभी जीवन प्रक्रियाओं के लिए एक महत्त्वपूर्ण तत्व है। वायुमंडल में इसकी मात्रा 78 प्रतिशत है और यह प्रत्येक सजीव ऊत्तक से जुड़ा है। यह एमीनो अम्ल, प्रोटीन और न्युक्लीक अम्लों का एक संघटक है। कार्बन के अपवादस्वरूप नाइट्रोजन जीवन का सर्वाधिक सार्वभौमिक तत्व है।
बाढ़ नुकसान में कमी और प्रतिरोध क्षमता
भारत की लगभग 12 प्रतिशत भूमि बाढ़ की चपेट में है। अल्पावधि में भारी वर्षा; अपर्याप्त जलाशय विनियमन; नालियों द्वारा कम पानी वहन क्षमता क्षमता और तटबंध जैसी बाढ़ प्रबंधन संरचनाओं की विफलता बाढ़ को भीषण बनाने में मदद करते हैं। भारत के उत्तरी, उत्तरी पूर्वी और तटीय राज्यों में बाढ़ से जीवन, आजीविका, बुनियादी ढांचे, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण को काफी नुकसान होता है।
नव-उदारवादी भारत में प्रवासी श्रमिक
यह अनुमान लगाया गया था कि आर्थिक सुधारोपरांत की अवधि में भारत के भीतर ही प्रवासन की प्रवृत्ति में बढोतरी होगी, परंतु इस आशा के विपरीत प्रवासन में कोई व्यापक वृद्धि नहीं देखी गई। हालांकि 2001-2011 के दशक में, पर्याप्त वृद्धि जरूर हुई है।
बाजार में अत्यधिक सरकारी हस्तक्षेप-नुकसानदेह या लाभकारी?
बाजार में अत्यधिक सरकारी हस्तक्षेप-नुकसानदेह या लाभकारी?
कॉप-25 अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने में रहा असफल
स्पेन की राजधानी मैड्रिड में 2-15 दिसंबर, 2019 तक जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (कोप-25) आयोजित हुआ। यह सम्मेलन 13 दिसंबर को ही समाप्त होना था परंतु विभिन्न मुद्दों पर सहमति बनाने के लिए इसे 15 दिसंबर तक जारी रखा गया।
आर्थिक समीक्षा विश्लेषण 2019-20
वर्ष 2019-20 की अप्रैल-अक्तूबर अवधि में देश में सबसे अधिक किफायती थाली झारखण्ड में थी। झारखंड में दैनिक मजदूरी 244 रुपये थी और एक थाली का मूल्य 22.2 रुपये था।
“THEY STOLE MY WOMB”
Thousands of women across the country are being misled by doctors to get their uterus removed. What’s shocking is that most of them are under 30 and do not really need surgery. Hysterectomy at this age can interfere with one’s hormonal balance, triggering high blood pressure, osteoporosis, vision loss and mental illnesses. As the government remains blind to this emergency, doctors make quick money through insurance schemes. KUNDAN PANDEY investigates the untold tragedy
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As industry explores energy potential of crop residues, millers and intermediaries are set to alienate farmers from the value chain