जैसे ही स्कूल की छुट्टी हुई 8 वर्षीय रुचि जल्दीजल्दी घर की तरफ चल रही थी. उसे घर पहुंचने की जल्दी थी. उस की सहेली तृषा धीरेधीरे कदम बढ़ा रही थी. बस से उतरने के बाद घर पहुंचने के लिए उन्हें कुछ दूर पैदल चलना पड़ता था. दोनों का घर आसपास था.
रुचि की मम्मी ने उसे जल्दी आने के लिए कहा था, क्योंकि उन्हें उस के छोटे भाई जय को पास के पोलियो क्लीनिक में टीका लगवाने व पोलियो की खुराक पिलाने ले जाना था. वह अभी साढ़े 3 साल का था. 5 साल तक के छोटे बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने के लिए उन के शहर में हर साल 24 अक्तूबर को कैंप लगता था.
रुचि की मम्मी ने उसे पहले ही इस बारे में बता दिया था और जब वह 3 साल की थी, तभी उसे भी शहर की डिस्पैंसरी में टीका लगवा कर पोलियो की दो बूंद खुराक पिला दी थी, क्योंकि 5 साल से कम उम्र के बच्चे इस से ज्यादा प्रभावित होते हैं.
जाने से पहले उस के पापा ने बताया था, "पोलियो एक वायरसजनित संक्रमण है, जो मुंह या नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करने के साथ ही गले और आंतों तक बढ़ने लगता है. यहां से अन्य अंगों में पहुंच कर केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है."
“यह एक घातक बीमारी है जिसे 'पोलियो मेलाइटिस' या 'शिशु अंगघात' कहा जाता है, इससे बच्चे विकलांग हो सकते हैं और उन की मृत्यु भी हो जाती है.
Diese Geschichte stammt aus der November Second 2022-Ausgabe von Champak - Hindi.
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जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
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फौक्सी को सबक
एक समय की बात है, एक घने, हरेभरे जंगल में जिंदगी की चहलपहल गूंज रही थी, वहां फौक्सी नाम का एक लोमड़ रहता था. फौक्सी को उस के तेज दिमाग और आकर्षण के लिए जाना जाता था, फिर भी वह अकसर अपने कारनामों को बढ़ाचढ़ा कर पेश करता था. उस के सब से अच्छे दोस्त सैंडी गौरैया, रोजी खरगोश और टिम्मी कछुआ थे.
बच्चे देश का भविष्य
भारत की आजादी के कुछ साल बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, जिन्हें प्यार से 'चाचा नेहरू' के नाम से भी जाना जाता है, वे एक कार्यक्रम में छोटे से गांव में आए. नेहरूजी के आने की खबर गांव में फैल गई और हर कोई उन के स्वागत के लिए उत्सुक था. खास कर बच्चे काफी उत्साहित थे कि उन के प्यारे चाचा नेहरू उन से मिलने आ रहे हैं.
पोपी और करण की मास्टरशेफ मम्मी
“इस बार आप बार आप ने क्या बनाया हैं, मम्मी?\"
अद्भुत दीवाली
जब छोटा मैडी बंदर स्कूल से घर आया तो वह हताश था. उसकी मां लता समझ नहीं पा रही थी कि उसे क्या हो गया है? सुबह जब वह खुशीखुशी स्कूल के लिए निकला था तो बोला, “मम्मी, शाम को हम खरीदारी करने के लिए शहर चलेंगे.\"
डिक्शनरी
बहुत से विद्वानों ने अलगअलग समय पर विभिन्न भाषाओं में डिक्शनरी बनाने का प्रयत्न किया, जिस से सभी को शब्दों के अर्थ खोजने में सुविधा हो. 1604 में रौबर्ट कौड्रे ने कड़ी मेहनत कर के अंग्रेजी भाषा के 3 हजार शब्दों का उन के अर्थ सहित संग्रह किया.
सिल्वर लेक की यादगार दीवाली
\"पटाखों के बिना दीवाली नहीं होती है,” ऋषभ ने नाराज हो कर कहा.