"हां," जूली ने दृढ़ता के साथ कहा, "वह हर साल बिना चूके हम से मिलने आता है."
"तुम्हें पक्का पता है?" निशा ने कहा.
"उफ्फ, मेरी मम्मी कहती हैं कि अगर मैं पूरे साल अच्छी लड़की बनी रही तो सैंटा जरूर मेरे पास उपहार ले कर आएगा," जूली ने अधीरता से जवाब दिया.
"लेकिन इस साल तो तुम 'हमेशा की तरह अच्छी लड़की नहीं रही हो. इसलिए शायद वह नहीं आएगा," निशा ने उसे चिढ़ाते हुए कहा.
"बेशक, मैं एक अच्छी लड़की हूं. वह आएगा," जूली ने कहा.
"ठीक है, लेकिन उस समय क्या हुआ, जब तुम अपना विज्ञान का होमवर्क पूरा करने के लिए झूठ बोला था या उस समय जब तुम ने कृष का बैगनी क्रेयोंस चुराया था? और फिर वह समय भी था जब हम दोनों ने झूठ बोला था कि हम होमवर्क पूरा कर रहे हैं, लेकिन हम वास्तव में अपनी क्लास के शरारती सागर के बारे में गपशप कर रहे थे?" निशा ने पूछा.
जूली को समझ नहीं आ रहा था कि क्या जवाब दे. निशा ने आगे कहा, "उस समय जब हम ने एक ड्रैगनफ्लाई को पकड़ा और उसे धागे से लैंपपोस्ट के साथ बांध दिया था, वह समय जब हम ने रेवती मैम की पुस्तक छिपा दी और उन्हें अंग्रेजी का पूरा पीरियड छोड़ना पड़ गया था या..."
"बस," जूली ने अपने हाथों से निशा का मुंह बंद कर दिया.
लेकिन अब जूली ठीक हो गई थी. वह चाहती थी कि सैंटा इस साल उसे साइकिल दिलाए, लेकिन साथ ही सारी शरारतें जो निशा ने सूचीबद्ध की थीं, जूली को यकीन नहीं था कि उसे एक इस्तेमाल किया हुआ इरेजर भी सैंटा से उपहार के रूप में मिलेगा.
"शायद हम सैंटा को खुश करने के लिए कुछ कर सकते हैं ताकि वह तुम पर इतना नाराज न हो?" निशा ने सुझाव दिया.
"बहुत बढ़िया निशा," जूली ने अपनी सहेली का हाथ पकड़ा और तेजी से घूम गई.
"मुझे पता है कि सैंटा क्लौज को दूध और कूकीज पसंद हैं. मैं कूकीज खरीदने के बारे में सोच रही थी, लेकिन मैं उन्हें खुद बनाने जा रही हूं, ताकि वे और भी खास बन जाएं," जूली ने थोड़ा सोचने के बाद घोषणा की.
"क्या मैं तुम्हारी मदद कर सकती हूं?" निशा ने आंखें चमकाते हुए कहा.
"तुम्हें इस बारे में पूछने की जरूरत है?" तुम्हारा स्वागत है. मुझे तुम्हारे साथ खाना पकाना अच्छा लगेगा, जूली ने मुसकराते हुए कहा.
जैसे ही वे रसोईघर में पहुंची, जूली ने गरजते हुए कहा, "औपरेशन कूकी का समय आ गया है."
Diese Geschichte stammt aus der December Second 2024-Ausgabe von Champak - Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der December Second 2024-Ausgabe von Champak - Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
नौर्थ पोल की सैर
\"अंतरा, तुम कई घंटों से क्रिसमस ट्री सजा रही हो, क्या तुम थकी नहीं,\" मां ने किचन में काम निबटाने के बाद कहा...
जलेबी उत्सव
चंपकवन के राजा शेरसिंह को कार चलाने का बड़ा शौक था. जाड़े की एक शाम को वह अकेले ही लंबी ड्राइव पर निकल पड़ा...
मिशन सांता क्लौज
यह एक ठंडी, बर्फीली रात थी और शिमला की सभी सड़कें रोशनी में जगमगा रही थीं. करण, परी और समीर क्रिसमस मनाने के लिए उत्साहित थे. हर साल की तरह वे क्रिसमस के मौके पर समीर के घर सोने जा रहे थे, लेकिन इस साल उन्होंने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक अतिरिक्त कार्यक्रम की योजना बनाई थी...
अनोखा क्रिसमस
\"क्या तुम्हें मालूम है कि क्रिसमस आ ही वाला है?\" ब्राउनी सियार ने अपने दोस्त ब्रूटस भेड़िया से झल्लाते हुए पूछा...
उड़ने वाली बेपहिया गाडी
दिसंबर की शुरुआती ठंडी धुंध भरी सुबह थी और डैनियल भालू अपने मित्र हौपी खरगोश से मिलने गया हुआ था...
औपरेशन चौकलेट कुकीज
\"क्या सैंटा इस बार क्रिसमस की पूर्व संध्या पर तुम्हारे घर आएगा?\" निशा ने जूली से पूछा...
रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"