गिगी बकरी, चेरी गाय और कैमी ऊंटनी बहुत अच्छी दोस्त थीं. वे अकसर जंगल घास चरने एकसाथ जाती थीं. कभी किसी ने उन्हें आपस में बहस करते हुए नहीं देखा था. कैमी बहुत लंबी थी. वह पेड़ों के मुलायम पत्ते तोड़ कर नीचे गिरा देती, जिसे गिगी और चेरी शौक से खाते. बातों में समय कब कट जाता उन्हें पता ही न चलता. दोपहर में वे अगले दिन मिलने की बात कह कर घर लौट जाते.
गर्मियों के मौसम में अकसर वे सुबह जल्दी भोजन की तलाश में निकल जाते और दोपहर से पहले घर लौट आते. एक दिन तीनों एकसाथ घास चरने में जुटे हुए थे तभी उधर बोबो भालू आया और बोला, “गिगी, मैं तुम्हें तलाशते हुए तुम्हारे घर गया था. पता चला कि तुम इधर घास चरने आई हो."
"ऐसा क्या हो गया बोबो, जो तुम्हें सुबहसुबह मेरी जरूरत पड़ गई?”
“क्या बताऊं, मेरा बेटा पिछले दो दिन से तेज बुखार से पीडित है. बुखार उतरने का नाम ही नहीं ले रहा है. डाक्टर ने कहा है कि इसे डेंगू हो गया है. इस के प्लेटलेट्स बहुत कम हो गए हैं. तुम्हें इस के खानेपीने का ध्यान रखना होगा."
"इस में मैं क्या कर सकती हूं बोबो?”
“डाक्टर ने कहा है कि इसे बकरी का दूध पिलाओ तो यह जल्दी ठीक हो जाएगा. प्लीज गिगी, मुझे कुछ दिन तक थोड़ा दूध दे देना. तुम्हारी मदद से निक्कू की जान बच जाएगी."
ऐसा मत कहो बोबो, निक्कू को कुछ नहीं होगा. वह बहुत जल्दी ठीक हो जाएगा."
“अब देर मत करो गिगी. प्लीज, मेरी मदद करो," बोबो गिड़गिड़ाते हुए बोला.
"ठीक है, तुम मेरे घर चलो, मैं ने अपने बेटे के लिए थोड़ा दूध रखा हुआ था.
उसे तुम ले जाओ. मैं उसे बाद में पिला दूंगी,” गिगी बोली.
उस ने चेरी और कैमी से विदा ली और घर की ओर चल दी.
बोबो दूध ले कर बोला, "तुम ने मुसीबत के समय मेरी मदद की है. कम से कम एक हफ्ते तक तुम्हें निक्कू के लिए भी दूध बचा कर रखना होगा.” “तुम चिंता मत करो बोबो, मैं दूध का प्रबंध कर दूंगी."
Diese Geschichte stammt aus der November Second 2022-Ausgabe von Champak - Hindi.
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