बोनी भालू और गीगी बकरे के बीच झगड़ा जोरों पर था. वे एक सब्जी की दुकान के ठीक सामने वे एकदूसरे पर चिल्ला रहे थे. बोनी ने गीगी को चिढ़ाते हुए कहा, “गीगी, तुम्हारे पूर्वज भिखारी थे. इसलिए तुम हमेशा भिखारी ही रहोगे.”
गीगी खेतीहर मजदूर था और बहुत गरीब था.
बोनी द्वारा अपमानित किए जाने पर उस ने गुस्से में कहा, "जा, तेरे घर में आग लग जाए. टीवी, फ्रिज, एसी और जिस मोटरसाइकिल पर तुझे इतना घमंड है, सब जल कर राख हो जाएं. कितना मजा आएगा."
दूसरे जानवरों ने उन्हें डांटतेफटकारते हुए अलग खींच लिया.
बोनी का शहद का अच्छाखासा व्यापार था और अच्छी कमाई थी.
दोनों बढ़ई की दुकान पर पहुंचे, जहां गीगी को अपने सींग और बोनी को अपने पंजे नुकीले करवाने थे.
अगले दिन मछली बाजार में हाथी, गैंडा, चीता, जेब्रा, बंदर और अजगर ने फिर से बोनी और गीगी को कीचड़ में लड़ते हुए देखा.
दो दिन बाद शाम को 7 बजे जानवरों ने देखा कि जंगल का आसमान काला हो गया है.
वे पेड़ों के ऊपर आग की लपटें भी देख रहे थे.
वे हड़बड़ाहट में इधरउधर भागने लगे.
Diese Geschichte stammt aus der March Second 2023-Ausgabe von Champak - Hindi.
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जो ढूंढ़े वही पाए
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