"मेरे सिर्फ 7 पैर ही क्यों हैं?" यह सोच कर पोली औक्टोपस दुखी रहता था. वह अपनी मां से भी अकसर यह सवाल करता था.
उस की मां भी इस बात से हमेशा चिंतित रहा करती थीं. जब पोली पैदा हुआ था तो उस के 7 पैरों को देख उन्होंने समुद्र के डाक्टर को उसे दिखाया था.
"8वां पैर भी आ जाएगा. आप परेशान न हों मिसेज आउली, " डाक्टर ने उन्हें आश्वस्त किया था.
"लेकिन कब?" पोली ने पूछा.
"जब पोली 8 साल का हो जाएगा. तब उस का 8वां पैर बढ़ जाएगा, " डाक्टर ने कहा था.
पोली के भाईबहन, सब दोस्त उसे 7 पैरों वाला
औक्टोपस कह कर चिढ़ाते थे. वह अपने परिवार का सब से छोटा सदस्य था.
"ऐसा लगता है जैसे पोली तुम्हारे परिवार का नहीं है. तभी तो इस के 7 पैर हैं. इसे तुम कहां से उठा कर ले आए हो? पोली, तुम्हें अवश्य किसी अन्य समुद्र से लाया गया होगा," अन्य समुद्री जीव उसे चिढ़ाते और उस के साथ खेलने से मना कर देते.
"सही कहा, सचमुच मां इसे कहीं से उठा लाई हैं, " उस की बड़ी बहन कौली ने कहा तो पोली को बेहद दुख हुआ.
जब अन्य समुद्री जीव पानी में बहुत तरह के खेल खेलते, तो पोली के भाईबहन उसे खेलने से मना करते.
अन्य जीव उस का मजाक उड़ाते हैं. यह बात उसे अच्छी नहीं लगती थी. हालांकि वे खुद उस का मजाक उड़ा करते थे, पर दूसरों के सामने ऐसा दिखाते मानो उस की मदद करने की कोशिश कर रहे हों.
"तुम 7 पैरों से मछली नहीं पकड़ सकते, इसलिए बेहतर होगा कि मछली पकड़ने वाले खेलों से दूर रहो. चुपचाप समुद्रतट पर बैठ कर धूप सेको," उस के भाई सोली ने उसे समझाया.
"यदि हो सके तो कोई ऐसा दोस्त ढूंढ़ो, जिस के 8 की जगह 9 पैर हों, जिस से वह तुम्हारी मदद कर सके," उस की बहन कौली ने उस का पैर खींचते हुए कहा.
पोली अकेले ही समुद्र की गहराइयों में चक्कर लगाता रहता. कोई दोस्त न मिलने के कारण वह उदास हो जाता.
Diese Geschichte stammt aus der June Second 2023-Ausgabe von Champak - Hindi.
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