सैंडी हिरण ने बड़ी मेहनत से अपने लिए एक घर बनवाया था. इस में उस की सारी जमा पूंजी खर्च हो गई, लेकिन उसे इस बात की खुशी थी कि अब उसे रहने के लिए इधरउधर भटकना नहीं पड़ेगा.
पिछले दिनों एक टाइगर से खुद को बचाने के लिए जब सैंडी भाग रहा था तभी अचानक एक पत्थर से ठोकर लग जाने के कारण वह गिर पड़ा और उस का सिर एक चट्टान से टकरा गया.
बड़ी मुश्किल से किसी तरह वह अपने घर पहुंचा और बैड पर जा कर लेट गया.
"सैंडी भाई नमस्ते. कहो, कैसे हालचाल हैं तुम्हारे?" चोट लगने की खबर सुन कर एक दिन वौफी सियार उस से मिलने के लिए आया.
"घाव गहरा है, इसलिए इसे भरने में थोड़ा समय तो लगेगा ही. डाक्टर ने मुझे कुछ दिन आराम करने के लिए कहा है, " सैंडी बोला.
"सैंडी, तुम ने अपना घर तो बहुत शानदार बनवाया है. क्या इतने बड़े घर में तुम अकेले रहते हो?" इधरउधर की बातें करने के बाद वौफी ने पूछा.
"मैं अकेला नहीं हूं, मेरे दो छोटे बच्चे भी हैं, पर तुम यह सब क्यों पूछ रहे हो?" सैंडी ने कहा.
"मैं सोच रहा था कि घर के ऊपर वाले हिस्से में तुम मुझे रहने की जगह दे दो तो तुम्हारा एहसान होगा. मैं किराए का भुगतान भी कर दूंगा और तुम्हें किसी चीज की जरूरत हो तो मदद के लिए भी तैयार रहूंगा, " वौफी ने अपनी मीठी बातों से सैंडी को अपने जाल में फंसाते हुए कहा.
"ठीक है, जब तक तुम्हारे रहने का कोई बंदोबस्त नहीं हो जाता, तब तक तुम आराम से ऊपर की मंजिल में रह सकते हो रही बात किराए की, तो वह मुझे नहीं चाहिए. आखिर हम दोस्त हैं एकदूसरे के काम आते हैं," सैंडी उस की बातों में आ गया और उस ने ऊपर वाले हिस्से में उसे रहने की इजाजत दे दी.
"तुम कितने अच्छे हो सैंडी, तुम्हारा यह एहसान मैं कभी नहीं भूलूंगा," वौफी बोला.
सैंडी को बिलकुल भी पता नहीं था कि वह कितनी बड़ी मुसीबत में फंसने वाला है. असल में वौफी के मन में कुछ और ही चल रहा था, क्योंकि वह उस के मकान पर कब्जा करने की नीयत से ही वहां आया था.
शुरुआत में तो सब ठीक रहा, पर कुछ दिन बाद ही वौफी अपनी गलत हरकतों पर उतर आया और रोज नएनए तरीकों से सैंडी को परेशान करने लगा.
Diese Geschichte stammt aus der June Second 2023-Ausgabe von Champak - Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der June Second 2023-Ausgabe von Champak - Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
नौर्थ पोल की सैर
\"अंतरा, तुम कई घंटों से क्रिसमस ट्री सजा रही हो, क्या तुम थकी नहीं,\" मां ने किचन में काम निबटाने के बाद कहा...
जलेबी उत्सव
चंपकवन के राजा शेरसिंह को कार चलाने का बड़ा शौक था. जाड़े की एक शाम को वह अकेले ही लंबी ड्राइव पर निकल पड़ा...
मिशन सांता क्लौज
यह एक ठंडी, बर्फीली रात थी और शिमला की सभी सड़कें रोशनी में जगमगा रही थीं. करण, परी और समीर क्रिसमस मनाने के लिए उत्साहित थे. हर साल की तरह वे क्रिसमस के मौके पर समीर के घर सोने जा रहे थे, लेकिन इस साल उन्होंने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक अतिरिक्त कार्यक्रम की योजना बनाई थी...
अनोखा क्रिसमस
\"क्या तुम्हें मालूम है कि क्रिसमस आ ही वाला है?\" ब्राउनी सियार ने अपने दोस्त ब्रूटस भेड़िया से झल्लाते हुए पूछा...
उड़ने वाली बेपहिया गाडी
दिसंबर की शुरुआती ठंडी धुंध भरी सुबह थी और डैनियल भालू अपने मित्र हौपी खरगोश से मिलने गया हुआ था...
औपरेशन चौकलेट कुकीज
\"क्या सैंटा इस बार क्रिसमस की पूर्व संध्या पर तुम्हारे घर आएगा?\" निशा ने जूली से पूछा...
रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"