“मारिया, मुझे बताओ, भीड़ कहां नहीं है?” जैनब ने पूछा.
“सही कहती हो, जैनब जहां देखो, वहीं भीड़ है. सड़कें, गलियां, महल्ले, स्कूल, बस अड्डे, स्टेशन और तो और अस्पतालों में भी भीड़ ही भीड़ है,” सिमरन ने उन दोनों की बातें सुनते हुए कहा.
“तुम चुप क्यों हो, आयुषी? तुम भी तो कुछ बोलो?” जैनब ने आयुषी को टोका.
“मैं क्या बोलूं, जैनब? मुझे भी हर जगह भीड़ ही भीड़ नजर आती है. वैसे भी भारत अब चीन को पछाड़ कर आबादी के हिसाब से दुनिया में नंबर वन देश बन गया है,” आयुषी ने चिंता जताते हुए कहा.
चारों लड़कियां दिल्ली के एक आधुनिक स्कू में पढ़ती हैं, भले ही वे जूनियर स्कूल की छात्रा थीं, लेकिन वर्तमान समस्याओं पर उन की पैनी नजर थी.
आज रविवार था, इसलिए वे चारों लड़कियां पार्क में घूमने आई हुई थीं. जोगिंग करने के बाद चारों सुस्ताने के लिए एक बैंच पर बैठ गई थीं. भीड़ को देख कर वे भारत की बढ़ती जनसंख्या पर बहस करने लगीं.
आयुषी की बात को आगे बढ़ाते हुए जैनब ने कहा, “सही कहती हो आयुषी. अब भारत की आबादी 1 अरब 43 करोड़ को पार कर चुकी है. दुनिया का हर छठा व्यक्ति भारतीय है. की 16 प्रतिशत आबादी भारत में बसती है जबकि हमारे पास दुनिया की केवल 2.4 प्रतिशत भूमि है.”
“तुम्हारी बात बिलकुल सही है, जैनब. लेकिन सोचने की बात यह है कि आखिर भारत की आबादी इतनी बढ़ कैसे गई?” आयुषी ने प्रश्न किया.
इस पर सिमरन बोली, "इस प्रश्न का सटीक जवाब मेरे पास है."
“अरे सिमरन, तुम्हारे पास इस का सटीक जवाब कैसे है? अभी तक तो इस के बारे में हमें स्कूल में भी कुछ नहीं बताया गया,” मारिया ने हैरानी से पूछा.
Diese Geschichte stammt aus der July First 2023-Ausgabe von Champak - Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der July First 2023-Ausgabe von Champak - Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.
फौक्सी को सबक
एक समय की बात है, एक घने, हरेभरे जंगल में जिंदगी की चहलपहल गूंज रही थी, वहां फौक्सी नाम का एक लोमड़ रहता था. फौक्सी को उस के तेज दिमाग और आकर्षण के लिए जाना जाता था, फिर भी वह अकसर अपने कारनामों को बढ़ाचढ़ा कर पेश करता था. उस के सब से अच्छे दोस्त सैंडी गौरैया, रोजी खरगोश और टिम्मी कछुआ थे.
बच्चे देश का भविष्य
भारत की आजादी के कुछ साल बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, जिन्हें प्यार से 'चाचा नेहरू' के नाम से भी जाना जाता है, वे एक कार्यक्रम में छोटे से गांव में आए. नेहरूजी के आने की खबर गांव में फैल गई और हर कोई उन के स्वागत के लिए उत्सुक था. खास कर बच्चे काफी उत्साहित थे कि उन के प्यारे चाचा नेहरू उन से मिलने आ रहे हैं.
पोपी और करण की मास्टरशेफ मम्मी
“इस बार आप बार आप ने क्या बनाया हैं, मम्मी?\"
अद्भुत दीवाली
जब छोटा मैडी बंदर स्कूल से घर आया तो वह हताश था. उसकी मां लता समझ नहीं पा रही थी कि उसे क्या हो गया है? सुबह जब वह खुशीखुशी स्कूल के लिए निकला था तो बोला, “मम्मी, शाम को हम खरीदारी करने के लिए शहर चलेंगे.\"
डिक्शनरी
बहुत से विद्वानों ने अलगअलग समय पर विभिन्न भाषाओं में डिक्शनरी बनाने का प्रयत्न किया, जिस से सभी को शब्दों के अर्थ खोजने में सुविधा हो. 1604 में रौबर्ट कौड्रे ने कड़ी मेहनत कर के अंग्रेजी भाषा के 3 हजार शब्दों का उन के अर्थ सहित संग्रह किया.
सिल्वर लेक की यादगार दीवाली
\"पटाखों के बिना दीवाली नहीं होती है,” ऋषभ ने नाराज हो कर कहा.