दूसरे दिन जब वह एक नई कागज की नाव बना रहा था, उस ने खिड़की से बाहर देखा तो उसे बहुत जोरदार बारिश होती दिखाई दी. कई दिनों से बारिश हो रही थी और हर जगह पानी ही पानी था.
सड़कों पर पानी नदियों की तरह बह रहा था. उस ने देखा कि कुछ कौवे पानी में मौजमस्ती कर रहे हैं, एकदूसरे पर पानी उछाल रहे हैं. अमृत भी मजा लेना चाहता था, लेकिन इस मौसम में क्या मजा लिया जा सकता है?
"हम तुम्हारी कागज की नावों के साथ खेल सकते हैं," मानसी ने स्वादिष्ठ ब्रेड पकोड़ा कैचअप में डुबाते हुए कहा. मानसी पड़ोस में रहती थी, लेकिन लगभग हर समय अमृत के घर पर ही मंडराती रहती थी. तभी दरवाजे पर दस्तक हुई.
मानसी ने मुंह में ब्रेड पकोड़ा भरते हुए कहा, "यह निश्चित रूप से डैनी है."
अमृत ने दरवाजा खोला तो सचमुच डैनी ही खड़ा था. वह भी उसी बिल्डिंग में सब से ऊपरी मंजिल पर रहता था, उस ने कहा कि घर पर बैठेबैठे वह बोर हो गया है, "चलो, कुछ मजेदार काम करते हैं."
"लेकिन इस मौसम में हम क्या कर सकते हैं?" अमृत ने अभी भी अपनी कागज की नाव को पकड़े हुए पूछा.
डैनी और मानसी ने एकदूसरे की ओर देखा और हंस पड़े, "कागज की कुछ नावें हमारे लिए भी बनाओ."
"मैं तुम्हें कागज की नाव कैसे बनेगी, सिखा सकता हूं," अमृत ने कहा.
"और फिर हम एक नौका दौड़ का आयोजन यह देखने के लिए करेंगे कि किस की नाव दूर तक जाती है और देर तक पानी में रह सकती है." डैनी और मानसी को यह आइडिया पसंद आया.
Diese Geschichte stammt aus der July Second 2023-Ausgabe von Champak - Hindi.
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