शरारती चूहे
Champak - Hindi|October First 2024
हरितवन में 3 शरारती चूहे थे, जिन का नाम रोरो, मोमो और कोको था. सभी चूहे शरारत करने में माहिर थे. वे इतने चतुर और शैतान थे कि शरारत करने के बाद कभी पकड़े नहीं जाते थे. वे शरारत करते और फिर गायब हो जाते...
कुमुद कुमार
शरारती चूहे

जंगल के सभी जानवर इन चूहों की हरकतों से बड़े परेशान थे, जिन में एल्विस हाथी भी शामिल था. चूहे कभी किसी की साइकिल के टायर की हवा निकाल कर भाग जाते तो कभी जब कोई स्टूल पर बैठने वाला होता तो वे स्टूल हटा कर उसे धड़ाम से नीचे गिरा देते थे, जिस से देखने वाले सभी जानवर हंसने लगते थे. जंगल के जानवरों को चूहों की शरारतों में तब मजा आता था जब वे खुद के लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए होती थीं.

चूहे ऐसी हरकतों से खुश थे और खासतौर पर उन्हें एल्विस को चिढ़ाने में मजा आता था, क्योंकि उन की अपेक्षा एल्विस फुर्तीला नहीं था. हर कोई इस शरारती तिकड़ी से तंग आ चुका था, लेकिन चूहे खुद कैटी बिल्ली से सावधान रहते थे. जंगलवासियों ने कई मौकों पर देखा कि चूहे खुद को कितना भी होशियार क्यों न समझें, कैटी के सामने उनकी घिग्घी बंध जाती थी. उन्होंने कई बार कैटी को उन की शैतानी के लिए सब के सामने उन्हें उठक बैठक करवाते हुए भी देखा. यदि वे जरा सी भी आवाज करते तो कैटी तुरंत उन्हें डांट देती. वे उस से बच कर कहीं भाग नहीं सकते थे.

हरितवन में दशहरे की तैयारियां बड़े जोरशोर से चल रही थीं. रोरो, मोमो और कोको ने हर वर्ष की तरह मेले में एक स्टौल लगाया. इस बार उन्होंने चाट व गोलगप्पों का स्टौल लगाने का फैसला किया, जिस का मुख्य उद्देश्य कैटी को सबक सिखाना था.

उन्होंने अपने स्टौल का नाम 'स्पैशल चाट और गोलगप्पा' रखा. उन के स्टौल पर बड़ी संख्या में जानवर आते थे. स्वादिष्ठ व्यंजन देख कर राहगीरों के मुंह में पानी आ जाता था और वे स्टौल की तरफ दौड़ पड़ते थे.

कुछ ने गोलगप्पों का लुत्फ उठाया, जबकि अन्य ने चटपटी टिक्कीचाट पसंद की. हर कोई यह कहते हुए स्टौल से बाहर जाता, "आह, गोलगप्पे और टिक्की खाने में बहुत मजा आया, कितने स्वादिष्ठ और चटपटे हैं."

एल्विस ने और उसके साथी चूहों को सबक सिखाना चाहते थे, उन्होंने अपनी योजना के अनुसार कैटी के पास जाने का फैसला किया.

एल्विस ने कैटी से कहा, "कैटी, क्या तुम्हें नहीं मालूम उनी शरारती चूहों ने इस बार भी दशहरा मेले में चटपटे गोलगप्पे और चाट का स्टौल लगाया है."

Diese Geschichte stammt aus der October First 2024-Ausgabe von Champak - Hindi.

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