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सही-सही दाम लगाओ!
आप जब बाजार जाती होंगी तो मोल-भाव भी जरूर करती होंगी और सही दाम में अपनी पसंदीदा चीज खरीदकर खुश भी होती होंगी। मनोवैज्ञानिक इस मोल-भाव करने को जिंदगी में एक 'विशेष कला' मानते हैं, जिसमें न केवल अच्छे संवाद कौशल की जरूरत होती है, बल्कि समझदारी, धैर्य और आत्मविश्वास भी जरूरी है।
गर्भावस्था में कैसे रखें उपवास?
नवरात्र में आप भी व्रत रखना चाहेंगी। लेकिन अगर आप गर्भवती हैं तो यह आपके लिए बहुत आसान नहीं होगा, क्योंकि इस दौरान आपके शरीर को पोषक तत्वों की जरूरत होती है।
शहर के आम
“हां सावित्री, आज भले ही डॉक्टर बेटा-बहू ने हर तरह की सुख-सुविधा जुटा हो, पर गांव की बात ही अलग थी।\"
रिटायरमेंट के बाद आपका घर
दिन भर के काम के बाद हर कोई घर लौटता है, लेकिन रिटायरमेंट 1 के बाद वह अपना ज्यादातर समय घर में ही बिताता है। तब वह अपने घर को सजाना चाहता बेहद करीने से, खूबसूरती से।
दिल बहलता है उसका सिर्फ एक खिलौने से!
हर बच्चे को कोई खास खिलौना बहुत पसंद होता है। जब वह उस खिलौने से जुड़ जाता है तो वह खिलौना उसके लिए सिर्फ खेल का साधन भर नहीं रहता, बल्कि भावनात्मक सहारा बन जाता है।
जिंदगी जब झुकती है
आप व्यायाम करती हैं, उससे कितना फायदा होता है आपको? हाल के दिनों में हुए अध्ययन बताते हैं कि शरीर को लचीला बनाने वाले व्यायाम आपको एक स्वस्थ और लंबा जीवन दे सकते हैं। इसलिए शरीर को लचीला बनाएं और उसे झुकने दें।
प्रेग्नेंसी में कूल स्टाइल
महिलाएं हर मौके पर सबसे अलग और स्टाइलिश दिखना चाहती हैं। लेकिन प्रेग्नेंसी के दिनों में स्टाइलिश दिखने में थोड़ी सूझ-बूझ की जरूरत होती हैं।
शाप भी देते हैं पितर
धर्मशास्त्रों ने श्राद्ध न करने से जिस भीषण कष्ट का वर्णन किया है, वह अत्यंत मार्मिक है। इसीलिए शास्त्रों में पितृपक्ष में पूर्वजों का श्राद्ध करने को कहा गया है।
हर तिथि का अलग श्राद्धफल
पितृपक्ष में पितरों के निमित्त तिथियों का ध्यान रखना भी जरूरी है। शास्त्रों के अनुसार, तिथि अनुसार किए गए श्राद्ध का फल भी अलग-अलग होता है।
पितृदोष में पीपल की परिक्रमा
शास्त्रों के अनुसार, पितृपक्ष में पितृदोष दूर करने के उपाय जरूर करने चाहिए, ताकि पितर प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दें।
पिंडदान के अलग-अलग विधान
व्यक्ति का अंत समय कैसा रहा, इस आधार पर उसकी श्राद्ध विधि भी विशेष हो जाती है। अलग-अलग मृत्यु स्थितियों के लिए अलग-अलग तरह से पिंडदान का विधान है।
पितृपक्ष में दान
भारतीय संस्कृति में दान की महत्ता अपरंपार है। लेकिन पितृ पक्ष के दौरान दान का विशेष महत्व है। कुछ वस्तुओं के दान को तो महादान माना गया है।
जैसी श्रद्धा, वैसा भोज
पितृपक्ष में ब्राह्मण भोज जरूरी है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति अत्यंत गरीब है तो वह जल में काले तिल डालकर ही पूर्वजों का तर्पण कर सकता है।
स्त्रियों को भी है अधिकार
यदि परिवार में कोई पुरुष सदस्य नहीं है तो ऐसी स्थिति में स्त्री भी संकल्प लेकर श्राद्ध कर सकती है। शास्त्रों ने इसके लिए कुछ नियम बताए हैं।
निस्संतान के श्राद्ध की विधि
शास्त्रों के अनुसार, पुत्र ही पिता का श्राद्ध कर्म करता है। ऐसे में जो लोग निस्संतान थे, उन्हें तृप्ति कैसे मिलेगी ? शास्त्रों ने उनके लिए भी कुछ विधान बताए हैं।
पंडित न हों तो कैसे करें पिंडदान
पिंडदान के लिए यदि कोई पंडित उपलब्ध नहीं हो पा रहा है तो ऐसे में शास्त्रों ने इसका भी मार्ग बताया है, जिससे आप श्राद्ध कर्म संपन्न कर सकते हैं।
किस दिशा से पितरों का आगमन
पितरों के तर्पण में कुछ वास्तु नियम भी बहुत महत्वपूर्ण हैं, जिनके पालन से तर्पण का अधिकतम लाभ होता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
तीर्थ श्राद्ध से 101 कुलों का उद्धार
शास्त्रों में तीर्थ श्राद्ध की बहुत महिमा बताई गई है। कर्मकांडप्रदीप के अनुसार, तीर्थ श्राद्ध से स्वयं के कल्याण के साथ-साथ एक सौ एक कुलों का भी उद्धार होता है।
पितृ मुक्ति के लिए स्वर्ग की सीढ़ी
प्रयागराज को तीर्थराज माना जाता है। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के मिलन का त्रिवेणी संगम क्षेत्र अक्षय कहलाता है। इसे पितृ मुक्ति के लिए स्वर्ग की सीढ़ी कहा जाता है।
तर्पण के आसान नियम
अपने पितरों की संतुष्टि, प्रसन्नता और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि श्राद्ध क्रिया के सही विधि-विधान को जान लें।
श्राद्ध के कितने अवसर
शास्त्रों में श्राद्ध के लिए कुल 96 अवसर बताए गए हैं। साथ ही श्राद्ध के अनेक भेद बताए गए हैं। कहीं तीन, कहीं पांच तो कुछ धर्मशास्त्रों बारह श्राद्ध तक बताए गए हैं।
सेल्फी का जुनून
\"वाऊ! पंडित जी इस पिक पर तो और ज्यादा लाइक कमेंट्स आएंगे। छोड़ो, आप नहीं समझोगे। अमेजिग!\" लाइक कमेंट्स में व्यस्त इशी को आग अपनी चपेट में ले चुकी थी।
अगर उसे पसंद है खुद का साथ...
कुछ बच्चे खुद का साथ ही पसंद करते हैं। उन्हें किसी भी काम के लिए दूसरे की जरूरत नहीं होती, फिर चाहे वो खेलना ही क्यों न हो!
त्वचा पर उभर रहे काले धब्बे?
अगर आपके चेहरे पर बार-बार काले धब्बे उभर रहे हैं तो इसे गंभीरता से लें, क्योंकि कई बार ये आपकी सुंदरता को नुकसान पहुंचा देते हैं।
रिश्तों की आराधना का पर्व
साल में तीन प्रमुख ती नाई जाती हैं। आज हरतालिका तीज है, जो हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को नाई जाती है। यह पर्व मां पार्वती को समर्पित है।
दिमाग को चाहिए एक छोटा-सा ब्रेक
जॉब करना आज सबकी जरूरत है। महिलाएं इससे परेशान भी रहती हैं, लेकिन अगर यह वर्क-लाइफ थोड़ी सुकून भरी और संतुलित हो तो जिंदगी आसान हो जाती है।
आपका कमरा और आपकी नींद
हेल्दी और फिट रहने के लिए सबसे जरूरी है अच्छी नींद और अच्छी नींद निर्भर करती है कि आप कहां और कैसे वातावरण में सोती हैं। आजकल की भाग-दौड़ भरी जिदंगी आराम से सो पाना आसान नहीं है और अगर परेशानी आपके कमरे में हो तो आपको उसे हल करने पर ध्यान देना चाहिए।
क्या वक्त से आगे चल रही हैं घड़ियां
मोबाइल फोन के प्रचार-प्रसार के बाद कुछ दिनों के लिए लगा कि अब घड़ियों को पसंद करने वाले नहीं रहे। मगर 'स्टाइलिश' घड़ियां कुछ समय से धूम मचा रही हैं और मन करता है कि कोई हमें भी गिफ्ट कर दे अच्छी-सी घड़ी।
भाग जाएंगे मच्छर लगाकर तो देखें
इस मौसम में मच्छर बहुत परेशान करते हैं। साथ ही बीमारियों का कारण भी बनते हैं। इनसे बचने के लिए आप अपने बगीचे और बालकनी में कुछ पौधे लगा सकती हैं।
अब शुरू करना है खुद का व्यवसाय
आपके पति खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, लेकिन आपके मन में असफलता का डर है, जिस वजह से आप उनका साथ नहीं दे पा रही हैं?