मेवा शब्द का नाम लेते ही मुंह में पानी आ जाता है, क्योंकि मेवे होते ही इतने स्वादिष्ट हैं पर क्या आप जानते हैं कि स्वाद से ज्यादा इनमें स्वास्थ्य वर्धक गुण होते हैं। लेकिन मेवे तभी लाभकारी होते हैं जबकि इनको खाने का तरीका भी सही हो अन्यथा इनको खाने का कोई फायदा नहीं है। यूं तो सभी उम्र के लोगों के लिए मेवे उपयुक्त रहते हैं परन्तु फिर भी इनकी कितनी मात्रा खानी चाहिए। अगर इसे किसी आयुर्वेदाचार्य से पूछ लिया जाए तो अधिक लाभकारी होता है।
काजू- काजू को ड्राई फ्रूट में राजा कहा जाता है। इसको खाने का अलग ही मजा होता है। यद्यपि इसको कच्चा, तलकर, भूनकर बहुत तरह से खाया जाता है परन्तु इस तरह काजू खाना स्वाद के लिए सही पर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है क्योंकि इसमें कोलेस्ट्रॉल बहुत अधिक पाया जाता है। काजू पीसकर गर्म दूध में पीने से लाभकारी होता है जो कि कैल्शियम से भरपूर होता है।
बादाम- बादाम भी गुणों से भरा ड्राई फ्रूट कहा गया है परन्तु इसे भी रोस्टेड या कच्चा खाने से कोई फायदा नहीं होता क्योंकि इससे तो इसका काफी हिस्सा डेड हो जाता है और इसमें पाए जाने वाला प्रोटीन भी काफी सख्त होता है, जिसको पचाना काफी कठिन होता है। इसलिए इसको पानी में भिगोकर, छीलकर व पीसकर खाना ही सही तरीका है। यह हृदय के लिए लाभकारी है।
मुन्नका - किशमिश- ये दोनों ही विटामिन सी से भरपूर होते हैं। सूखे खाने से ये पूरी तरह से पच नहीं पाते और शौच के साथ बाहर आ जाते हैं। इनको पानी में भिगोकर और पीस कर पेस्ट बनाकर गर्म दूध के साथ खाने से पेट सम्बन्धी बिमारियां जैसे कब्ज, दस्त, पेट दर्द आदि दूर होते हैं। इसमें विटामिन सी की मात्रा अधिक होने से ये बहुत ही लाभकारी भी माना जाता है। इसके सेवन से आंखों की रोशनी बढ़ती है, घाव जल्दी भरते हैं, पाचन शक्ति मजबूत होती है तथा दांतों में कैविटी लगने का खतरा कम होता है।
Diese Geschichte stammt aus der November 2023-Ausgabe von Sadhana Path.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der November 2023-Ausgabe von Sadhana Path.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
सर्दियों में भी रखें वास्तु का ख्याल
सर्दी के इस मौसम में कुछ वास्तु उपाय करके आप सकारात्मक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं कौन से हैं वो उपाय आइए लेख के माध्यम से जानें?
विश्व का महापर्व नववर्ष
विश्व के सभी देशों की अपनी अलग परंपराएं और पर्व होते हैं। किन्तु नववर्ष एक ऐसा पर्व है जो सभी देशों द्वारा एक साथ मनाया जाता है। भले ही इस पर्व को मनाने के तरीके अलग हों।
हम नित्य नवीन हों
जीवन में नवीनता का अर्थ क्या है नित्य नवीनता, नित्यनूतन सकारात्मकता। उस परमात्मा के उद्देश्य को पूर्ण करना जिसने बड़े प्रेम से सृष्टि और मनुष्य की रचना की है, इस शरीर में सब कुछ होते हुए भी प्राण निकलने पर इस शरीर में दुर्गंध आने लगती है। अगर हम एक पेंटिंग बनाते हैं तो हम कितने खुश होते हैं यदि कोई पेंटिंग खराब कर दे तो हमें कितना बुरा लगता है। हम सब ईश्वर की बनाई हुई एक सुन्दर कृति हैं हम जब बुरे कर्म करते हैं तो उस परमेश्वर को कितना दुख होता होगा, नवीन हम तभी बनेंगे जब हम नकारात्मक विचार त्यागेंगे और जीवन के सकारात्मक उद्देश्य को आत्मसात करेंगे। महात्मागांधी ने कहा है -
सामाजिक आदर्श का प्रतीक बने कुम्भ मेला
स्नान, दान का महापर्व कुम्भ आस्था का ऐसा मेला है जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु जन पहुंचते हैं। मेला किन अर्थों में महत्त्वपूर्ण व किस प्रकार सामाजिक आदर्श का प्रतीक बन सकता है। आइए जानते हैं लेख से।
हिन्दू ग्रंथों में महाकुम्भ
महाकुम्भ की महिमा का गुणगान हमारे धर्मग्रंथों में भी मिलता है। महाकुम्भ पर क्या कहते हैं हमारे धर्म ग्रंथ व कुम्भ में स्नान के महत्त्व को? आइए जानते हैं लेख से
जीवनशैली में बदलाव लाकर बनाएं पैन्क्रियाज को सेहतमंद
पाचन संबंधी परेशानियां हैं तो पेट से संबंधित कोई भी छोटी-सी समस्या को न करें नजरअंदाज, ऐसा न हो कि पैन्क्रियाटाइटिस या पैन्क्रियाटिक कैंसर जैसे रोग का करना पड़े सामना। सावधान रहें, स्वच्छ और पौष्टिक आहार को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
शरीर ही बताए अच्छी सेहत का राज
अब आपके दिमाग में सवाल उठेगा कि हमारी मानसिक और शारीरिक सेहत अच्छी है, इसका पता कैसे लगे? तो बता दें कि यह जानने के लिए आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं है। आपका शरीर खुद ही बताएगा कि आप आंतरिक रूप से स्वस्थ हैं कि नहीं। इन 11 लक्षणों से जानें, जो सेहतमंद होने की निशानी है।
सर्दी का मौसम व बच्चों की देखभाल ऐसे करें
सर्दियां शुरू हुई नहीं कि माएं अपने नन्हे-मुन्नों को सिर से पैर तक ऊनी कपड़ों से ढंक देती हैं ताकि उनके नवजात शिशुओं को कहीं से भी ठंड अपनी चपेट में ना ले सके। ऊनी कपड़ों के अलावा कुछ उपाय भी हैं, जिनसे आपके शिशु ठंड में भी राहत की सांस ले सकते हैं।
महीनों और मौसम के साथ बदलता मिज़ाज
साल के 12 महीनों में सिर्फ कैलेंडर के पेज ही नहीं बदलते बल्कि हर महीने के अनुसार हमारा मूड भी बदलता रहता है। तो चलिए जानते हैं क्यों और कैसे बदल जाता है हर मौसम के हिसाब से मूड...
डिटॉक्स वॉटर से कम करें वजन
पानी का स्वाद और पोषण बढ़ाने के लिए उसमें कई तरह के फलों और सब्जियों को मिलाकर डिटॉक्स वॉटर बनाया जाता है। ये वॉटर आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के साथ वजन भी नियंत्रित करता है।