येतो हम सब महूसस करते हैं कि मौसम बदलते ही हमारे मूड में बदलाव होता है, पर क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है? असल में इसके पीछे वैज्ञानिक कारण होता है। वैज्ञानिको की मानें तो इंसानों के मूड का एक खास पैटर्न होता है जो हर महीने के अनुसार बदलता रहता है। इस विषय में शोधकर्ताओं ने पाया है। कि स्तनधारियों (मैमल्स) के मस्तिष्क में ऐसे कैलेंडर सेल्स होते हैं, जो बॉडी क्लॉक को तय करते हैं और हार्मोन के स्तर के आधार पर बताते हैं कि कब शीत निद्रा लेनी है या कब प्रजनन करना है। यानि कि आपका मन-मस्तिष्क भी एक निश्चित संकेत के अनुसार चलता है और ऐसे में जाहिर तौर पर हर महीने आपके मूड में बदलाव होता है।
नई पहल के लिए जनवरी है बेस्ट
जी हां, जनवरी का महीना सिर्फ कैलेंडर के लिहाज से ही नहीं, बल्कि विज्ञान की दृष्टि से भी नई पहल के लिए सबसे बेहतर होता है। दरअसल, वैज्ञानिकों की माने तो सर्दियों के मौसम में इंसान का दिमाग काफी एक्टिव और क्रिएटिव ढंग से काम करता है और साथ ही व्यक्ति का मनोबल भी बढ़ा होता है। मनोवैज्ञानिकों ने इसे टेम्पोरल लैंडमार्क टर्म दिया है। यही वजह है कि जनवरी के महीने में नए संकल्प लिए जाते हैं। इसलिए आप भी अपने जीवन में कुछ बेहतर बदलाव करना चाहते हैं तो इस जनवरी आप भी एक नई पहल की शुरुआत करें।
फरवरी सुलझाती है मानसिक गुत्थी
Diese Geschichte stammt aus der January 2025-Ausgabe von Sadhana Path.
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सर्दियों में भी रखें वास्तु का ख्याल
सर्दी के इस मौसम में कुछ वास्तु उपाय करके आप सकारात्मक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं कौन से हैं वो उपाय आइए लेख के माध्यम से जानें?
विश्व का महापर्व नववर्ष
विश्व के सभी देशों की अपनी अलग परंपराएं और पर्व होते हैं। किन्तु नववर्ष एक ऐसा पर्व है जो सभी देशों द्वारा एक साथ मनाया जाता है। भले ही इस पर्व को मनाने के तरीके अलग हों।
हम नित्य नवीन हों
जीवन में नवीनता का अर्थ क्या है नित्य नवीनता, नित्यनूतन सकारात्मकता। उस परमात्मा के उद्देश्य को पूर्ण करना जिसने बड़े प्रेम से सृष्टि और मनुष्य की रचना की है, इस शरीर में सब कुछ होते हुए भी प्राण निकलने पर इस शरीर में दुर्गंध आने लगती है। अगर हम एक पेंटिंग बनाते हैं तो हम कितने खुश होते हैं यदि कोई पेंटिंग खराब कर दे तो हमें कितना बुरा लगता है। हम सब ईश्वर की बनाई हुई एक सुन्दर कृति हैं हम जब बुरे कर्म करते हैं तो उस परमेश्वर को कितना दुख होता होगा, नवीन हम तभी बनेंगे जब हम नकारात्मक विचार त्यागेंगे और जीवन के सकारात्मक उद्देश्य को आत्मसात करेंगे। महात्मागांधी ने कहा है -
सामाजिक आदर्श का प्रतीक बने कुम्भ मेला
स्नान, दान का महापर्व कुम्भ आस्था का ऐसा मेला है जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु जन पहुंचते हैं। मेला किन अर्थों में महत्त्वपूर्ण व किस प्रकार सामाजिक आदर्श का प्रतीक बन सकता है। आइए जानते हैं लेख से।
हिन्दू ग्रंथों में महाकुम्भ
महाकुम्भ की महिमा का गुणगान हमारे धर्मग्रंथों में भी मिलता है। महाकुम्भ पर क्या कहते हैं हमारे धर्म ग्रंथ व कुम्भ में स्नान के महत्त्व को? आइए जानते हैं लेख से
जीवनशैली में बदलाव लाकर बनाएं पैन्क्रियाज को सेहतमंद
पाचन संबंधी परेशानियां हैं तो पेट से संबंधित कोई भी छोटी-सी समस्या को न करें नजरअंदाज, ऐसा न हो कि पैन्क्रियाटाइटिस या पैन्क्रियाटिक कैंसर जैसे रोग का करना पड़े सामना। सावधान रहें, स्वच्छ और पौष्टिक आहार को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
शरीर ही बताए अच्छी सेहत का राज
अब आपके दिमाग में सवाल उठेगा कि हमारी मानसिक और शारीरिक सेहत अच्छी है, इसका पता कैसे लगे? तो बता दें कि यह जानने के लिए आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं है। आपका शरीर खुद ही बताएगा कि आप आंतरिक रूप से स्वस्थ हैं कि नहीं। इन 11 लक्षणों से जानें, जो सेहतमंद होने की निशानी है।
सर्दी का मौसम व बच्चों की देखभाल ऐसे करें
सर्दियां शुरू हुई नहीं कि माएं अपने नन्हे-मुन्नों को सिर से पैर तक ऊनी कपड़ों से ढंक देती हैं ताकि उनके नवजात शिशुओं को कहीं से भी ठंड अपनी चपेट में ना ले सके। ऊनी कपड़ों के अलावा कुछ उपाय भी हैं, जिनसे आपके शिशु ठंड में भी राहत की सांस ले सकते हैं।
महीनों और मौसम के साथ बदलता मिज़ाज
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डिटॉक्स वॉटर से कम करें वजन
पानी का स्वाद और पोषण बढ़ाने के लिए उसमें कई तरह के फलों और सब्जियों को मिलाकर डिटॉक्स वॉटर बनाया जाता है। ये वॉटर आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के साथ वजन भी नियंत्रित करता है।