मिस्र के पिरामिड दुनिया के सात आश्चर्यों में से एक हैं। ये पिरामिड अपने भीमकाय आकार, अनूठी संरचना और मजबूती के लिए तो जगत प्रसिद्ध हैं ही, लेकिन उससे भी कहीं अधिक प्रसिद्ध हैं अपने जादुई प्रभाव के लिए। दुनिया के वैज्ञानिक उसका रहस्य जानने को उत्सुक हैं। ये उसकी गहन खोज में लगे हुए हैं जिससे यह जान सकें कि हजारों साल पहले की लाशें (ममी) पिरामिड के नीचे रखी हुई हैं फिर भी खराब क्यों नहीं हो रही हैं, इसका क्या कारण है? अभी तक की गई खोजों से पता चला है कि इसके नीचे तथा इसके ऊपर विद्युत की लहरें बराबर चलती रहती हैं, जिनसे ऊर्जा का बहाव निरंतर होता रहता है। इसी कारण लाशों में दुर्गंध नहीं आती है। कुछ और गहन खोज करने के पश्चात् वैज्ञानिकों ने यह भी पाया है कि इस ऊर्जा द्वारा हम अपने दैनिक जीवन में भी लाभ उठा सकते हैं। पिरामिड के विभिन्न उपयोग हो सकते हैं और हम दैनिक जीवन में इन्हें अपनाकर अधिक लाभ उठा सकते हैं।
पिरामिड के कुछ उपयोग इस प्रकार हैं
1. पिरामिड का उपयोग सिर के ऊपर करने से मानव मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और हमारे विचार अच्छे हो जाते हैं।
2. बच्चों को घर पर अध्ययन-काल में पिरामिड पहनाकर तथा कुर्सी के नीचे रखकर उनकी बुद्धि का विकास करवाया जा सकता है। इससे पढ़ाई में उनका मन लगेगा एवं वे बुद्धिमान हो जाएंगे।
3. पिरामिड को जल की हांडी के ऊपर रख देने से बारह घंटे के भीतर ही जल अधिक स्वादयुक्त, मीठा तथा आरोग्यप्रद हो जाता है।
Diese Geschichte stammt aus der July 2024-Ausgabe von Sadhana Path.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der July 2024-Ausgabe von Sadhana Path.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
तुलसी से दूर करें वास्तुदोष
हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा हर घर-आंगन की शोभा है। तुलसी सिर्फ हमारे घर की शोभा ही नहीं बल्कि शुभ फलदायी भी है। कैसे, जानें इस लेख से।
क्यों हुआ तुलसी का विवाह?
कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी पूजन का उत्सव वैसे तो पूरे भारत में मनाया जाता है, किंतु उत्तर भारत में इसका कुछ ज्यादा ही महत्त्व है। नवमी, दशमी व एकादशी को व्रत एवं पूजन कर अगले दिन तुलसी का पौधा किसी ब्राह्मण को देना बड़ा ही शुभ माना जाता है।
बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। बारह पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व सर्वाधिक है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
सिर्फ एक ही ईश्वर है और उसका नाम हैं सत्यः नानक
सिरवों के प्रथम गुरु थे नानक | अंधविश्वास एवं आडंबरों के विरोधी गुरुनानक का प्रकाश उत्सव अर्थात् उनका जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरु नानक का मानना था कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त है। संपूर्ण विश्व उन्हें सांप्रदायिक एकता, शांति एवं सद्भाव के लिए स्मरण करता है।
सूर्योपासना एवं श्रद्धा के चार दिन
भगवान सूर्य को समर्पित है आस्था का महापर्व छठ । ऐसी मान्यता है कि इस पर्व को करने से सूर्य देवता मनोकामना पूर्ण करते हैं। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को यह पर्व मनाया जाता है, जिस कारण इस पर्व का नाम छठ पड़ा। जानें इस लेख से छठ पर्व की महत्ता।
एक समाज, एक निष्ठा एवं श्रद्धा की छटा का पर्व 'छठ'
छठ की दिनोंदिन बढ़ती आस्था और लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि कुछ तो विशेष है इस पर्व में जो सबको अपनी ओर खींच लेता है। पूजा के दौरान अपने लोकगीतों को गाते हुए, जमीन से जुड़ी परम्पराओं को निभाते हुए हर वर्ग भेद मिट जाता है। सबका एक साथ आकर बिना किसी भेदभाव के ईश्वर का ध्यान करना... यही तो भारतीय संस्कृति है, और इसीलिए छठ है भारतीय संस्कृति का प्रतीक।
जानें किड्स की वर्चुअल दुनिया
सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जाल में सिर्फ बड़े ही नहीं बच्चे भी फंसते जा रहे हैं, जिसका परिणाम यह है कि बच्चे धीरे-धीरे वर्चुअल दुनिया में ज़्यादा व्यस्त रहने की वजह से वास्तविक दुनिया से दूर होते जा रहे हैं।
सेहत के साथ लें स्वाद का लुत्फ
अच्छे खाने का शौकीन भला कौन नहीं होता है। खाना अगर स्वाद के साथ सेहतमंद भी हो तो बात ही क्या है। सवाल ये उठता है कि अपनी पसंदीदा खाद्य सामग्रियों का सेवन करके फिट कैसे रहा जाए?
लंबी सीटिंग से सेहत को खतरा
लगातार बैठना आज वजह बन रहा कई स्वास्थ्य समस्याओं की। इन्हें नज़र अंदाज करना खतरनाक हो सकता है। जानिए कुछ ऐसे ही परिणामों के बारे में-
योगा सीखो सिखाओ और बन जाओ लखपति
हमारे पास पैसे नहीं और ललक है लखपति बनने की, ऐसी चाह वाले व्यक्ति को हरदम लगेगा कि कैसे हम बनेंगे पैसे वाले। किंतु यकीन मानिए कि आप निश्चित रूप से लखपति बन सकते हैं केवल योगा का प्रशिक्षण लेकर और योगा सिखाने से ही।