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समाचारपत्र व पत्रिकाओं के नाम न काम, न धाम, न दाम
जब समाचारपत्र या पत्रिका का नाम या शीर्षक ही हास्यपरिहास की फुलझड़ी को बिखेरेगा, तो उन में प्रकाशित खबरों, लेखों, कविताओं का स्तर क्या होगा, आप समझ सकते हैं.
शाहीन बाग सुलगता आंदोलन
सीएए और एनआरसी के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में पुरुषों से ज्यादा महिलाएं अपने बच्चों के साथ बैठी हैं. पर अफसोस कि अभी तक इस आंदोलन का परिणाम नहीं दिख रहा है क्योंकि सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है.
रस्मे विदाई
बरसों बाद दिन आया मिट्ठी की विदाई का, लेकिन वह रोई नहीं. वह तब नहीं रोई थी जब सारा समाज उसे रुलाना चाहता था, फिर भला वह आज क्यों रोती?
युवा आक्रोश घटता विश्वास घटती आस
राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले युवा अगर बेचैन हैं और सरकार उन की बात सुनने और समझने को तैयार नहीं है तो यह तो होना ही था कि वे कौपियां किताबें छोड़ हाथ में पत्थर ले कर सड़कों पर दिखें. यह बेहद अफसोसजनक स्थिति है कि शिक्षण संस्थानों में हिंसा तो सरकार की ढील के चलते हो रही है लेकिन उस का जिम्मेदार उन युवाओं को ठहराया जा रहा है जो हताशा से भरे हैं. इस रिपोर्ट में पढ़ें युवाओं के मन की बात.
भारत भूमि युगे युगे
भारत भूमि युगे युगे
प्रतिभा के सदपयोग से जीवन सार्थक
धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में आईएएस जैसे पदाधिकारी भी आएदिन अखबारों की सुर्खियां बनते हैं. पर हर आईएएस अफसर ऐसा नहीं होता है. कुछ ऐसे भी आईएएस अफसर होते हैं जो न सिर्फ पद की प्रतिष्ठा बनाए रखते हैं, बल्कि ईमानदारी का भी उदाहरण पेश करते हैं.
धर्म की आड़ में यौनाचार
हिंदू धर्म ऐसे प्रसंगों से भरा पड़ा है जहां औरतों को जबरन भोग्या बनाया गया है. धर्माचार्यों व ढोंगियों के कृत्य व अत्याचार को चुपचाप तथाकथित प्रसाद के नाम पर औरतों ने धर्मसम्मत समझ सहा है. लेकिन, आज कुछ युवतियों ने बुलंद आवाज कर साहस का परिचय देते हुए इन ढोंगियों को नंगा कर दिया है.
तलाकशुदा मातापिता - बच्चे को कैसे दें खुशहाल जीवन
तलाक के बाद अकसर बच्चों की मां या पिता को मिलती है. सकारात्मक रूप से देखा जाए तो पतिपत्नी के आपसी झगडे. घर के तनाव से दूर बच्चा मां या पिता किसी एक के पास रह कर खुल कर जी सकता है, यदि कुछ बातों को अमल में लाया जाए तो..
जिम जाने वाली महिलाएं आकर्षक हैं या नहीं
जिम जाने वाली महिलाएं कसरती शरीर बना अपनी सुंदरता खो बैठती हैं, ऐसी मानसिकता वाले पुरुष न केवल स्त्री को भोग्या बनाए रखना चाहते हैं बल्कि स्त्री के साए में अपने मिथ्या अहंकार को पोषित करते हैं.
जब मेरे घर चोरी हुई
महल्ले में होती चोरियां देख कर भई हम तो चौकन्ने हो गए थे. सूझबूझ दिखाई और किराएदार रख लिया, ताकि हम न हों तो खाली घर की रखवाली कोई न कोई तो करेगा. लेकिन, कमबख्त हमारी समझदारी काम न आई.
कोर्ट में वृद्ध
केंद्र व राज्य सरकारों ने अभिभावक और वरिष्ठ नागरिक देखभाल व कल्याण संबंधी कानून बनाए हैं परंतु इन कानूनों तथा अपने अधिकारों की ज्यादा जानकारी बुजुर्गों को नहीं है. जरूरत है इन कानूनों के व्यापक प्रचार की ताकि अपने अधिकारों को जानते हुए वृद्ध अपनी संतानों की उपेक्षा का शिकार न बनें.
अपराधिनी
कितना दोष दिया था शैली को उस ने. लेकिन आज वह महसूस कर रही थी कि शैली ने उस के दुखों को अपने सिर ओढ़ लिया था. अपराध शैली ने नहीं, उस ने किया था शैली के साथ.