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शांत सुरक्षित एशिया का आधार है भारत-भूटान द्विपक्षीय संबंध
भुटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नई दिल्ली में मुलाकात कर विपक्षी संबंधों को नई ऊंचाई देने की प्रतिबद्धता दिखाई है। भारतीय पीएम मोदी ने भी भूटान के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए भारत के पूर्ण समर्थन को दोहराया है।
गुणोत्सव: सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था की संजीवनी बूटी
सरकारी स्कूलों के लिए इससे बड़ी बात और क्या हो है? इस श्रेय के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, तत्कालीन शिक्षा मंत्री सिद्धार्थ भट्टाचार्य से लेकर मौजूदा मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा तथा शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगू व मुख्य सचिव से लेकर स्कूल के चपरासी तक जाता है।
सीएम हेमंत ने किया 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति का वादा
बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए शत प्रतिशत स्कॉलरशिप दिया जा रहा है। बच्चे ड्रॉपआउट न हों, इसके लिए सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का संचालन किया जा रहा है, इसके साथ-साथ एकलव्य प्रशिक्षण योजना, मुख्यमंत्री प्रोत्साहन शिक्षा योजना, गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को लेकर हमारी सरकार आयी है। बच्चों को पैसे को लेकर शिक्षा में दिक्कत ना पहुंचे, इसलिए यह योजनाएं सरकार लेकर आयी है।
लैंड जिहाद पर सख्त सीएम धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कहते हैं कि अवैध धर्मस्थलों को नोटिस भेजकर अतिक्रमण हटाने को कहा गया है। अगर वन भूमि पर अतिक्रमण किया तो जेल होगी। वहीं मंत्री सुबोध उनियाल कहते हैं कि वन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार का अतिक्रमण न हो, इस पर सरकार का विशेष ध्यान है। कुछ अतिक्रमण हटाए गए हैं और यह क्रम भी बना रहेगा। जहां भी धार्मिक स्थल की आड़ में अतिक्रमण की शिकायत आती है तो उस पर गंभीरता से कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
भ्रष्टाचार पर पुष्कर सिंह धामी का बड़ा प्रहार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसके लिए विशेष रूप से बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने पहले दिन से ही सिस्टम को कसने का काम शुरू किया। अधिकतर भ्रष्ट तत्व यह मान कर बैठे थे कि अब सत्ता में परिवर्तन अवश्यमभावी है और पुष्कर सिंह धामी राजनीति के कच्चे खिलाड़ी हैं। यह बात किसी से नहीं छिपी है कि लोगों ने पर्दे के पीछे से सीएम पुष्कर सिंह धामी को हराने में तमाम संसाधन लगाए। इस कोटरी का केवल एक ही उद्देश्य था पुष्कर सिंह धामी की हार और सत्ता परिवर्तन । लेकिन धामी तो आखिर धामी हैं । उनको हल्के में लेने वाले ये तत्व धामी की राजनीतिक परिपक्वता को भांप ही नहीं पाए।
बोल्ड फैसलों ने धामी को बनाया गुड एडमिनिस्ट्रेटर
जब कई राज्य धर्मांतरण के मुद्दे पर कानूनी स्तर पर विचार कर ही रहे थे, ऐसे में धामी अग्रणी मुख्यमंत्री के रूप में सामने आए और तत्काल धर्मांतरण निरोधक कानून बना दिया। मोदी सरकार ने देश में अवैध अतिक्रमणों को रोकने का मंत्र राज्य सरकारों को दिया तो धामी ने मुस्तैदी से लैंड जिहाद को खत्म करने पर निर्णय लेने में देर नहीं लगाई। प्रधानमंत्री मोदी ने एग्जाम वारियर बुक लिखी है और परीक्षा पर चर्चा कर युवाओं की सोच को एक नई दिशा दी तो मुख्यमंत्री धामी ने भी देश का सबसे कठोर नकलविरोधी कानून बनाते हुए उत्तराखंड के युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में कार्य किया है। ये कुछ ऐसे कार्य हैं जो उन्हें देश के कई मुख्यमंत्रियों से अलग बनाते हैं और प्रधानमंत्री मोदी से विशेष कनेक्शन बनने की कड़ी बन गए हैं।
योगी की ताकत से क्या तीसरी बार बनेगी मोदी सरकार!
विपक्ष कुछ भी कहे लेकिन यह कड़वी हकीकत है कि योगी शासन में पहले उमेश अपहरण कांड में अतीक अहमद को सजा और उसके बाद गैंगस्टर एक्ट के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट से माफिया मुख्तार अंसारी को 10 साल तथा उसके सांसद भाई अफजाल अंसारी को चार वर्ष की सजा आज भले ही किसी को सामान्य लगे, पर कुछ वर्ष पहले इसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती थी। पूर्व विधायक कृष्णानंद राय और वाराणसी के कोयला कारोबारी एवं विश्व हिंदू परिषद् के नेता नंदकिशोर रूंगटा की हत्या के मामले में जिन अंसारी भाइयों को सजा हुई है, उसमें पहले सीबीआई की अदालत को कोई सुबूत नहीं मिला था। मगर अब सब कुछ बदल गया है।
माफियाओं की मौत पर 'ब्लेम गेम' की राजनीति
लब्बोलुआब यह है कि अपराधियों के लिए तमाम राजनैतिक दलों द्वारा घड़ियाली आंसू बहाना कोई नया नहीं है, क्योंकि अक्सर इन्हीं अपराधियों के सहारे राजनेता विधान सभा और लोकसभा की सीढ़िया चढ़ने लायक 'ताकत' जुटा पाते हैं। ऐसे में इन अपराधियों को संरक्षण देना ऐसे नेताओं की मजबूरी बन जाती है। इसीलिए अपराधियों की मौत पर हमारे नेतागण अपने हिसाब से जनता के समाने अपराधी की हकीकत बयां करते हैं। एक तरह माफियाओं के सहारे राजनीति चमकाने की कोशिश करने वाले नेताओं द्वारा समय-समय पर अपराधियों के पक्ष या विपक्ष में खड़े होने का 'ब्लेम गेम' यानी आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेला जाता है।
जातिगत जनगणना का 'दल-दल'
राहुल गांधी की मोदी सरनेम पर की गई टिप्पणी को लेकर भाजपा ने संसद के बजट सत्र में ओबीसी कार्ड खेला था। भाजपा ने इसे ओबीसी का अपमान बताया था और राहुल गांधी को घेरने की कोशिश की थी। राहुल पर ओबीसी और दलितों का अपमान करने का भी आरोप लगाया गया था। अब कांग्रेस के इस दांव से यह साफ है कि भाजपा के लिए ओबीसी अपमान का ट्रंप कार्ड च नहीं रहेगा। उधर, साफ है कि सपा, बसपा, राजद, जदयू, डीएमके समेत कई दल इसके समर्थन में हैं। नीतीश ने कांग्रेस को विपक्ष का सर्वसम्मत ढूंढने की सलाह दी थी। इसके बाद ही कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी को इस संदर्भ में पत्र लिखा। जातिगत जनगणना का मुद्दा धीरे-धीरे ही सही गरम हो रहा है।
घाटी और पहाड़ के संघर्ष में जल उठा मणिपुर
मेड़ती पर्वतीय जिलों के नागा कुकी समुदाय को विदेशी अथवा बाहरी मानते हैं। इसलिए वे अपनी सांस्कृतिक स्वायत्तता और नृजातीय स्वायत्तता को बनाए रखने के लिए उनके घाटी प्रवेश का विरोध करते हैं। पिछले कुछ वर्षों में मणिपुर विधानसभा ने कुछ ऐसे भी पत किए हैं जिससे वहां नृजातीय समुदायों के मध्य उत्पन्न हुआ जिसका लाभ लेने की कोशिश विप्लवकारी समूहों ने भी की है।
मन को रसपूर्ण बनाते हैं गीत-संगीत
गीत संगीत और नृत्य से भारतीय सांस्कृतिक साहित्य का अंग-अंग भरा पूरा है। नारद निले पात्र हैं। वे बिना किसी वाहन के सभी लोकों की यात्रा करते हैं और वीणा लेकर विश्व भ्रमण करते हैं। भारतीय दर्शन के अनुसार प्रकृति की शक्तियां भी नाचती हैं। पृथ्वी सूर्य के चारों ओर नाचते हुए परिक्रमा करती है। ऋग्वेद में सोम देवता के लिए कहा गया है कि सोमरस नाचते हुए कलश में गिरता है। ऋग्वेद के अनुसार सृष्टि सृजन के समय देवता भी नाच रहे थे।
नवाबों की नगरी पर क्रिकेट का खुमार!
जैसे ही मार्क वुड ने मैच की आखिरी गेंद फेंकी, पूरा स्टेडियम लखनऊ जायंट्स की सुपर जीत के जश्न में डूब गया। हाथ में अपने लखनऊ की टीम 'सुपर जायंट्स' का झंडा लहराते हुए दर्शक नाचने-झूमने लगे। जोश और जश्न का ऐसा नजारा दिखा जिसे इकाना और इस दौरान स्टेडियम में उपस्थित दर्शक लम्बे समय तक याद रखेंगे।
अपराधमुक्त असम अब दूर नहीं: डॉ. हिमंत
पूर्वोत्तर की राजनीति के चाणक्य तथा नेडा के संयोजक डॉ. हिमंत विश्व शर्मा की राष्ट्रीय राजनीति में भी अपनी खास पहचान बन चुकी है जिनके इस डेढ़ साल से अधिक समय के शासन में मानो राज्य में विकास की लहर सी आ गई है। उनके मंत्रिमंडल में शामिल एक भी ऐसा मंत्री नहीं होगा जिनके जरिए विभागों के कामकाज में बदलाव लाने में मुख्यमंत्री होने के नाते हिमंत विश्व शर्मा ने कोई कोर-कसर छोड़ी है।
असम सरकार का क्रांतिकारी बजट
असम सरकार ने एक क्रांतिकारी बजट अपनी जनता के लिए प्रस्तुत किया। इस बजट से यह सिद्ध हो जाता है कि मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा एक विज़नरी नेता हैं। उनके पास असम के लिए अगले पचास वर्षों का रोडमैप तैयार है। प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने बजट के जरिये यह साबित कर दिया है कि आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को साकार करने में असम एक अहम भूमिका निभाने वाला है।
कुछ खास है इस बार के बिहू में
असमिया पारंपरिक उत्सव बिहू को अंतराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने तथा विश्व पर्यटन की दिशा में प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए 14 अप्रैल को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में गुवाहाटी में एक महा आयोजन होगा। एक ऐसा ऐतिहासिक आयोजन जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया जाएगा।
1932 हमारा था, है और रहेगा: हेमंत सोरेन
मुख्यमंत्री सोरेन कहते हैं कि बिहार से झारखंड अलग हुआ, हम लोगों की अवाज थी कि हम बिहार में नहीं रहेंगे, तब राज्य अलग हुआ, झारखंड के आंदोलन के बाद अब दूसरा आंदोलन 1932 खतियान को लेकर होगा, जो 1932 का नाम लेगा वह झारखंड में रहेगा, हम लोगों को आदत है आंदोलन कर अपना अधिकार लेने का, भारत को दिखा देंगे कि किस तरह अपना अधिकार लिया जाता है।
दर्द जो छलक ही जाता है! - गडकरी को रास नहीं आ रहा पार्टी में चाटुकारिता कल्चर
भाजपा में सबसे कद्दावर नेता और केन्द्रीय मंत्रियों में बेस्ट परफॉर्मर के रूप में चर्चित नितिन गडकरी ने भी भाजपा से दूरी बनाने का साफ संकेत दिया है। गडकरी के बयान से साफ है कि अब वे चापलूसी नहीं कर पाएंगे। लोगों को खुश करने की फितरत उनमें नहीं है। इसीलिए उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मुझे समाजनीति पसंद है, न कि यह तुष्टनीति।
चुनावी मोड में भाजपा!
भाजपा ने राज्य की 40 में 36 संसदीय सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है। इसी उद्देश्य से डा. संजय जायसवाल की जगह सम्राट चौधरी को राज्य में पार्टी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जदयू से अलग होकर उपेंद्र कुशवाहा ने राष्ट्रीय लोक जनता दल बनाया। कुशवाहा लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा कर रहे हैं।
कई दिग्गज गंवा चुके है अपनी सांसदी और विधायकी
1971 के लोकसभा चुनाव में में रायबरेली से इंदिरा गांधी ने जीत हासिल की। उनकी जीत को उनके प्रतिद्वंद्वी राजनरायण ने चुनौती दी। 12 जून 1975 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले ने इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द कर दिया था। इंदिरा गांधी के चुनाव रद्द करने का फैसला उस समय उच्च न्यायालय की इलाहाबाद खंडपीठ के न्यायमूर्ति जगमोहन लाल सिन्हा ने दिया था।
लोकतंत्र के 'मंदिर' में बैठे हैं 30 फीसदी दागी सांसद
लोकसभा में 542 सासंदों में से 179 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जो कुल संख्या का 33 फीसदी है। वहीं, 114 के खिलाफ तो संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। ठीक उसी तरह राज्यसभा के 228 सासंदों में से 51 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं, 20 के खिलाफ संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस तरह से दोनों सदन के सासंदों को मिला कर देखें तो 770 सासंदों में से 230 दागी हैं, जो पूरी संख्या का 30 फीसदी है।
राहुल बनाम ओबीसी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की सजा और उसके बाद उनकी लोकसभा की सदस्यता रद्द किए जाने के बाद कई गैर भाजपाई विपक्षी दल जो कांग्रेस से इत्तेफाक नहीं भी रखते थे, उनके नेताओं ने भी आगे आकर केन्द्र और भाजपा सरकार की आलोचना की। वहीं देश की जनभावना भी कमोबेश आनन-फानन में लिए गए सदस्यता रद्द करने के निर्णय से खुश नहीं दिखी। ऐसे में भाजपा के रणनीतिकारों को यह लगा कि यह तो अपने ही गोल पोस्ट में गोल होता दिख रहा है। सो, उन्होंने नयी लाइन खींचते हुए राहुल की टिप्पणी को ओबीसी का अपमान करार दिया और देशभर में अपने नेताओं को जनता विशेषकर ओबीसी समाज के बीच यह तथ्य पहुंचाने की जिम्मेदारी रातों रात सौंप दी।
अमित शाह की अपेक्षाओं पर खरा उतरे धामी
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि अक्टूबर 2021 में समग्र भारत में पैक्स के कंप्यूटराइजेशन का कार्य उत्तराखंड में शुरू हुआ था। 17 माह बाद उत्तराखंड के सभी 670 पैक्स का कंप्यूटराइजेशन पूर्ण हो चुका है। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह बधाई के पात्र हैं।
जी 20 बैठक - ज्ञान-विज्ञान की गंगा प्रवाहित करता उत्तराखंड
उत्तराखंड के ऊर्जावान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का शासन काल इस बात का साक्षी बना कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के शक्तिशाली स्थाई सदस्य अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन जो दुनिया की राजनीति और अर्थव्यवस्था को रेगुलेट करते हैं, ऐसे महत्वपूर्ण देशों ने उत्तराखंड की धरती पर एक अहम बैठक में शिरकत की। प्रधानमंत्री मोदी ने जब से साइंटिफिक सोशल रिस्पांसिबिलिटी का आह्वान किया है तब से भारत के निजी क्षेत्र के वैश्विक ताकतों से मिलकर विज्ञान प्रौद्योगिकी की सुविधा और सेवाओं को सर्वसुलभ बनाने का दर्शन सामने आया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी उत्तराखंड में निजी क्षेत्र से साइंस एंड टेक के विकास को एक सामाजिक उत्तरदायित्व के रूप में ग्रहण करने की सोच जाहिर की है।
ढह गया अतीक अहमद की दहशत का साम्राज्य
उम्रकैद में कटेगी बाहुबली की बाकी जिंदगी
नए तेवरों से चल रही यूपी सरकार
योगी सरकार की पहली पारी में पर्दे के पीछे विरोधी माने जाने वाले कई चेहेरों का राजकाज से सीधे दखल खत्म हो चुका है। या तो वे दायित्व से मुक्त हो गए हैं या बाहर भेज दिए गए हैं। संघ परिवार से लेकर सरकार और संगठन तक में उनके शुभचिंतकों की संख्या बढ़ी है। राजकाज के अनुभव के साथ आत्मविश्वास भी बढ़ा है। सीएम के सलाहकारों की मानें तो योगी अब कड़े और बड़े निर्णय लेने में बिल्कुल भी नहीं हिचकिचाते।
मोदी-मुसलमानों के बीच के दाग 'मोदी मित्र' करेंगे साफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अगले साल 2024 होने वाले आम लोकसभा चुनाव के लिए जो रणनीति बना रही है। इसके लिए बाकायदा मुसलमानों के बीच से 'मोदी मित्र' तलाशे जा रहे हैं ताकि बीजेपी को और बड़ी जीत तो हासिल हो ही सके, इसके साथ साथ पार्टी के ऊपर से वे दाग भी धुल जाएं।
देश में दंगा 'राजनीति' में उबाल
रामनवमी पर पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र जैसे गैर भाजपा शासित राज्यों से तो हिंसा की खबरे सामने आईं ही, गुजरात, कर्नाटक जैसे राज्य भी इस बार हिंसा की चपेट में आ गये। रामनवमी के दिन और उसके बाद लगातार तीन दिनों तक देश के कई राज्य हिंसा में झुलते रहे। छह राज्यों में कम से कम 12 स्थानों पर हिंसक झड़पें हुईं।
तमगे की तौहीन !
बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अलावा देश के कई राज्यों में दर्जनों कुश्ती प्रतियोगिताएं जीतने वाला उपेन्द्र जब अपने मेडल और प्रशस्तिपत्रों को दिखाता है तो दोनों हाथ भी कम पड़ जाते हैं। इसके बावजूद उपेन्द्र की बदकिस्मती है कि खिलाड़ियों को प्रमुखता से नौकरी देने वाली सरकार से वह रोजगार की सुविधा हासिल नहीं कर पाया है। पिछले बीस वर्षों से उत्तराखंड के काशीपुर में दिहाड़ी पर काम कर उपेन्द्र अपने परिवार का पालन कर रहा है।
जातियां राष्ट्रीय एकता में बाधक
‘हिस्ट्री ऑफ कास्ट इन इंडिया' में डॉ. केतकर ने लिखा है, 'यह एक सामाजिक समूह होती हैं। इसकी सदस्यता संतति और इस प्रकार जन्मे लोगों तक ही सीमित रहती है। इसके सदस्यों पर कठोर सामाजिक नियमों के अधीन समाज के बाहर विवाह न करने पर पाबंदी रहती है।' यहां जाति का सबसे प्रमुख गुण है कि जाति समूह के बाहर विवाह करने पर पाबंदी रहती है।
भारत की प्रोएक्टिव सॉफ्ट डिप्लोमेसी का प्रमाण पेश करता ऑपरेशन दोस्त
इस प्राकृतिक त्रासदी की घड़ी में भारत की तरफ से चलाए गए ऑपरेशन दोस्त ने भारत की मानवीयता को विश्व पटल पर रखा और भारत की इस नीति की टर्की तक ने खुलकर प्रशंसा की। इस ऑपरेशन के तहत एनडीआरएफ की कई टीमें तुर्किये और सीरिया में राहत बचाव कार्य के लिए भेजी गईं और साथ ही दोनों देशों को मेडिकल सुविधाएं भी प्रदान की गईं।