नकल के कैंसर की अचूक दवा उम्रकैद के साथ दस करोड़ जुर्माना
DASTAKTIMES|February 2023
अपने धाकड़ फैसलों के लिए पहचाने जाने वाले धामी ने फिर एक बड़ा फैसला लिया है। उनके विरोधी जब-जब उन्हें घेरने की तैयारी करते हैं, तब-तब वे अपने कड़े फैसलों से विरोधियों की बोलती बंद कर देते हैं। अब भर्ती परीक्षा में घोटालेबाज को आजीवन कारावास की सजा और साथ ही दस करोड़ के जुर्माने का प्रावधान करके धामी सरकार ने नकल के कैंसर को खत्म करने के लिए बहुत ही कड़वी दवा का ऐलान कर दिया है।
रामकुमार सिंह
नकल के कैंसर की अचूक दवा उम्रकैद के साथ दस करोड़ जुर्माना

र्ती घोटालों से त्रस्त उत्तराखंड सरकार के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया हैं। उन्होंने अध्यादेश के माध्यम से नकल विरोधी कड़े कानून को अमली जामा पहना दिया है। अपने धाकड़ फैसलों के लिए पहचाने जाने वाले धामी ने फिर एक बड़ा फैसला लिया है। उनके विरोधी जब-जब उन्हें घेरने की तैयारी करते हैं, तब-तब वे अपने कड़े फैसलों से विरोधियों की बोलती बंद कर देते हैं। अब भर्ती परीक्षा में घोटालेबाज को आजीवन कारावास की सजा और साथ ही दस करोड़ के जुर्माने का प्रावधान करके धामी सरकार ने नकल के कैंसर को खत्म करने के लिए बहुत ही कड़वी दवा का ऐलान कर दिया है। प्रदेश में बेरोजगारों के साथ अब किसी प्रकार का अहित न हो, इसकी जिम्मेदारी तय करते हुए प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं के विरोध प्रदर्शन से व्यथित होकर एक बड़ा फैसला लेते हुए भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता बनाने व नकल घोटाला करने वालों की नकेल कस दी है। मुख्यमंत्री ने नकल व गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर दी है। इसमें शामिल होने वाले नकल माफिया को चिन्हित कर आजीवन कारावास से लेकर दस करोड़ तक के अर्थदंड का प्रावधान कर दिया है। ऐसे में साफ है कि कोई भी इस प्रकार के कृत्य करने से के पहले कई बार सोचेगा। इस काम में लिप्त होने वालों के खिलाफ सरकार अब कठोर कार्रवाई करेगी।

Diese Geschichte stammt aus der February 2023-Ausgabe von DASTAKTIMES.

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चर्चित स्त्रीवादी लेखिका गीताश्री ने अपने लेख की शुरुआत में आलोचक व लेखक अखिलेश श्रीवास्तव 'चमन' का नाम लिए बगैर उनकी एक टिप्पणी के आधार पर उनके मर्दवादी नज़रिए पर लानत - मलानत भेजी। एक लेखक की टिप्पणी पर एक नामचीन लेखिका इतनी भड़क जाएं कि अपनी बात शुरू करने के लिए उन्हें संदर्भित करना पड़े तो जाहिर है लेखक की टिप्पणी बेमानी नहीं रही होगी । उसने कोई ऐसी रग छुई है जहां किसी कोने में दर्द छुपा है। बीते 20 साल के स्त्री विमर्श लेखन का एक समानांतर पक्ष जानने के लिए 'दस्तक टाइम्स' ने चमनजी से आग्रह किया कि जो 'सदविचार' उन्होंने किसी साहित्यिक जलसे में दिया था, उसे वह हमारे मंच पर विस्तार दें ताकि मौजूदा दौर के स्त्री विमर्श की एक सटीक तस्वीर पाठकों के सामने आए। तो मुलाहिजा फरमाइये मि. चमन का यह आलेख |

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January 2025
बिहार के लिए क्यों जरूरी हो गए नीतीश कुमार
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बिहार की राजनीति पिछले 25 वर्षों में नीतीश कुमार और लालू यादव एंड संस के इर्द-गिर्द घूम रही है। जंगलराज के दौर के बाद जब नीतीश कुमार सत्ता के केन्द्र बिन्दु बने तो उनकी छवि सुशासन बाबू की बनी और बिहार तरक्की के पैमाने पर देश में तेजी से बढ़ते राज्यों में से एक हो गया। नई सदी में बिहार का सियासी सफरनामा पेश कर रहे हैं पटना के वरिष्ठ पत्रकार दिलीप कुमार।

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January 2025
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हेमंत ने दिया राजनीति को नया मुहावरा

झारखंड ने राजनीति में स्थापना काल से ही कई सियासी उतार-चढ़ाव देखे हैं। प्रदेश के लोगों ने 24 साल के राजनीतिक कालखंड में कई मुख्यमंत्रियों को देखा है। कई बार तो बॉलीवुड 'थ्रिलर' की तरह सूबे में नेतृत्व परिवर्तन हुए हैं। झारखंड के चौथी बार सीएम बनने वाले हेमंत सोरेन ने स्थायित्व का नया मुहावरा गढ़ के सूबे की राजनीति को एक नई दिशा दी। नई सदी में झारखंड की राजनीति में आए उतार- चढ़ाव का आकलन कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार उदय कुमार चौहान।

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January 2025
सियासत के धूमकेतु बन कर उभरे धामी
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ऐसे में उत्तराखंड के राजनीतिक क्षितिज पर पुष्कर सिंह धामी एक धूमकेतु बन कर उभरे। नई युवा दृष्टि, नया विज़न और नई इच्छा शक्ति से उत्तराखंड तरक्की की नई डगर पर चल निकला है। उत्तराखंड भ्रष्टाचार के दलदल से बाहर निकला है, समान नागरिक संहिता, सख्त नकलविरोधी कानून देशभर में एक नज़ीर बन गए। धामी की कम बोलने और ज्यादा करने की अनूठी कार्यशैली ने उत्तराखंड के जनमानस को यकीन दिला दिया है कि उत्तराखंड की बागडोर सही और सशक्त हाथों में सौंपी गई है। अब इस यकीन को बनाए रखना ही उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती है।मौजूदा सदी में उत्तराखंड की 24 साल की विकास यात्रा का ब्योरा दे रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार जयसिंह रावत।

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January 2025
फिर जुटा महाकुम्भ
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7वीं सदी के राजा हर्षवर्धन की तर्ज पर छह साल पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेला प्राधिकरण का गठन कर ऐतिहासिक कुंभ मेले को संस्थागत रूप दिया था। 2019 के कामयाब अर्धकुंभ ने प्रयागराज के आसपास की तमाम लोकसभा सीटें बीजेपी की झोली में डाल दी थीं। और इस कामयाबी का सेहरा योगी के सिर बंधा। तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संगम के सफाईकर्मियों के पांव पखार कर आशीर्वाद लेकर सबको चौंका दिया था। इस बार महाकुंभ है, करोड़ों श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए योगी की टीम तैयार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक महीने पहले ही तैयारियों का जायजा ले चुके हैं। इस बार का मेला कई मायनों में अनूठा होगा। पढ़िए प्रयागराज से जाने-माने पत्रकार देवेन्द्र शुक्ल की यह रिपोर्ट।

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January 2025
खेती किसानी अब महंगा सौदा
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नई सदी में कृषि के क्षेत्र में भारत ने कई झंडे गाड़े। दुनिया में दुग्ध उत्पादन में हम पहले और फलों एवं सब्जियों के उत्पादन में दूसरे स्थान पर आ चुके हैं। साल 1950 में खाद्यान्न पैदावार पांच करोड़ टन थी और आज 50 करोड़ टन है लेकिन विडंबना देखिए, देश की आधी आबादी खेती-किसानी में लगी है, बावजूद इसके कृषि का जीडीपी में योगदान केवल 17 फीसदी है। यानी एक बड़ी आबादी खेती के नाम पर पल रही है। जिसका देश के विकास में कोई सीधा योगदान नहीं है। यह वे लाखों किसान और उनके आश्रित हैं जो खेती छोड़ना चाहते हैं क्योंकि यह एक महंगा सौदा हो चुकी है। भारत में खेती-किसानी के हाल का ब्योरा पेश कर रहे हैं कृषि विशेषज्ञ अखिलेश मिश्र।

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January 2025
बदल गई दुनिया
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January 2025
कारोबार को लगे पंख
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January 2025