फिर जुटा महाकुम्भ
DASTAKTIMES|January 2025
7वीं सदी के राजा हर्षवर्धन की तर्ज पर छह साल पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेला प्राधिकरण का गठन कर ऐतिहासिक कुंभ मेले को संस्थागत रूप दिया था। 2019 के कामयाब अर्धकुंभ ने प्रयागराज के आसपास की तमाम लोकसभा सीटें बीजेपी की झोली में डाल दी थीं। और इस कामयाबी का सेहरा योगी के सिर बंधा। तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संगम के सफाईकर्मियों के पांव पखार कर आशीर्वाद लेकर सबको चौंका दिया था। इस बार महाकुंभ है, करोड़ों श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए योगी की टीम तैयार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक महीने पहले ही तैयारियों का जायजा ले चुके हैं। इस बार का मेला कई मायनों में अनूठा होगा। पढ़िए प्रयागराज से जाने-माने पत्रकार देवेन्द्र शुक्ल की यह रिपोर्ट।
देवेन्द्र शुक्ल
फिर जुटा महाकुम्भ

स अनूठे शहर प्रयागराज का कायाकल्प तो अर्धकुम्भ 2019 में ही हो गया था। इस बार महाकुम्भ में प्रयागराज पूरी तरह से बदल गया है। सात गंगा घाट पक्के किये जा चुके हैं। एक दर्जन से अधिक फ्लाईओवर बन गए हैं। कुम्भ में जो श्रद्धालु, स्नानार्थी या पर्यटक प्रयागराज पहले आ चुके हैं, वह भी अब इस शहर की चौड़ी-चौड़ी सड़कें और चौराहे देख अचंभित हो जाएंगे। एयरपोर्ट का तो विस्तारीकरण किया गया ही है, प्रयागराज सहित शहर के सभी रेलवे स्टेशन और बस अड्डे का रूप ही अलग दिखेगा। देशी-विदेशी सैलानियों के लिए भारतीय भाषाओं के अलावा फ्रेंच, जर्मन सहित कई विदेशी भाषाओं में सांकेतिक बोर्ड लगाए गए हैं। मेला क्षेत्र का दायरा बढ़ा दिया गया है। मेले में कई अखाड़ों ने प्रवेश भी कर लिया है।

पहला स्नान पौष पूर्णिमा 13 जनवरी से शुरू होगा लेकिन मेले का औपचारिक उद्घाटन पांच जनवरी को ही हो जाएगा। उत्साह का आलम यह है कि इस बार मेले से पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रयागराज की तैयारियों का जायजा ले चुके हैं। वे शहर के बाहर रिंग रोड, बड़े हनुमान मंदिर, भारद्वाज मंदिर कॉरिडोर समेत महाकुम्भ की 6500 करोड़ की तमाम परियोजनाओं का लोकार्पण कर वापस लौटे हैं।

Diese Geschichte stammt aus der January 2025-Ausgabe von DASTAKTIMES.

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बिहार के लिए क्यों जरूरी हो गए नीतीश कुमार
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