अजमेर की भगवान् नृसिंह प्रतिमाएँ
Jyotish Sagar|May 2024
विधानानुसार नृसिंहावतार मानव एवं पशु रूप धारण किए, शीश पर मुकुट, बड़े नाखून, अपनी जानू पर स्नेह के साथ प्रह्लाद को बिठाए हुए है। बालक प्रह्लाद आँखें मूँदे, करबद्ध विनम्र भाव से स्तुति करते प्रतीत हो रहे हैं।
पुष्पा शर्मा
अजमेर की भगवान् नृसिंह प्रतिमाएँ

पुराण प्रतिपादत अवतारों में विकासवाद का क्रम व्याख्यात होता है। धर्मग्रन्थों से ज्ञात होता है कि सृष्टि के प्रारम्भ में सर्वत्र जल ही जल था, अतः जगत् के विकास में मत्स्य ही प्रथम जीव था, , जिसने प्राणियों की रचना का प्रतिनिधित्व किया। जल के बाद पर्वतों का उदय हुआ, जिसका प्रतीक कूर्म अवतार, समुद्र मन्थन उस विकास का सूचक है। जल से भूमि के उदय में सृष्टि के विकास के तृतीय सोपान का मर्म छिपा है, जो वराहावतार ने सम्पन्न किया। नृसिंहावतार में मानव और पशु दोनों के विकास की कथा छिपी है।

विष्णु का अवतारवाद भागवत अथवा वैष्णव सम्प्रदाय की विशिष्ट देन है। विष्णु के अवतारों के तीन प्रभेद उल्लिखित हैं : पूर्णावतार, आवेशावतार एवं अंशावतार। विष्णु के अवतारों की संख्या में बड़ा मतभेद है। वराह पुराण में सर्वमान्य रूप से दस अवतारों का उल्लेख है। अग्निपुराण में भी यही साम्यता है : (1) मत्स्य, (2) कूर्म, (3) वराह, (4) नृसिंह, (5) वामन, (6) परशुराम, (7) राम, (8) कृष्ण, (9) बलराम एवं (10) कल्कि

Diese Geschichte stammt aus der May 2024-Ausgabe von Jyotish Sagar.

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सात धामों में श्रेष्ठ है तीर्थराज गयाजी
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गया हिन्दुओं का पवित्र और प्रधान तीर्थ है। मान्यता है कि यहाँ श्रद्धा और पिण्डदान करने से पूर्वजों को मोक्ष प्राप्त होता है, क्योंकि यह सात धामों में से एक धाम है। गया में सभी जगह तीर्थ विराजमान हैं।

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September 2024
सत्साहित्य के पुरोधा हनुमान प्रसाद पोद्दार
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प्रसिद्ध धार्मिक सचित्र पत्रिका ‘कल्याण’ एवं ‘गीताप्रेस, गोरखपुर के सत्साहित्य से शायद ही कोई हिन्दू अपरिचित होगा। इस सत्साहित्य के प्रचारप्रसार के मुख्य कर्ता-धर्ता थे श्री हनुमान प्रसाद जी पोद्दार, जिन्हें 'भाई जी' के नाम से भी सम्बोधित किया जाता रहा है।

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September 2024
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर अमृत गीत तुम रचो कलानिधि
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राष्ट्रकवि स्व. रामधारी सिंह दिनकर को आमतौर पर एक प्रखर राष्ट्रवादी और ओजस्वी कवि के रूप में माना जाता है, लेकिन वस्तुतः दिनकर का व्यक्तित्व बहुआयामी था। कवि के अतिरिक्त वह एक यशस्वी गद्यकार, निर्लिप्त समीक्षक, मौलिक चिन्तक, श्रेष्ठ दार्शनिक, सौम्य विचारक और सबसे बढ़कर बहुत ही संवेदनशील इन्सान भी थे।

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September 2024
सेतुबन्ध और श्रीरामेश्वर धाम की स्थापना
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सेतुबन्ध और श्रीरामेश्वर धाम की स्थापना

जो मनुष्य मेरे द्वारा स्थापित किए हुए इन रामेश्वर जी के दर्शन करेंगे, वे शरीर छोड़कर मेरे लोक को जाएँगे और जो गंगाजल लाकर इन पर चढ़ाएगा, वह मनुष्य तायुज्य मुक्ति पाएगा अर्थात् मेरे साथ एक हो जाएगा।

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September 2024
वागड़ की स्थापत्य कला में नृत्य-गणपति
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प्राचीन काल से ही भारतीय शिक्षा कर्म का क्षेत्र बहुत विस्तृत रहा है। भारतीय शिक्षा में कला की शिक्षा का अपना ही महत्त्व शुक्राचार्य के अनुसार ही कलाओं के भिन्न-भिन्न नाम ही नहीं, अपितु केवल लक्षण ही कहे जा सकते हैं, क्योंकि क्रिया के पार्थक्य से ही कलाओं में भेद होता है। जैसे नृत्य कला को हाव-भाव आदि के साथ ‘गति नृत्य' भी कहा जाता है। नृत्य कला में करण, अंगहार, विभाव, भाव एवं रसों की अभिव्यक्ति की जाती है।

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September 2024
व्यावसायिक वास्तु के अनुसार शोरूम और दूकानें कैसी होनी चाहिए?
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ऑफिस के एकदम कॉर्नर का दरवाजा हमेशा बिजनेस में नुकसान देता है। ऐसे ऑफिस में जो वर्कर काम करते हैं, तो उनको स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियाँ आती हैं।

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September 2024
श्रीगणेश नाम रहस्य
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September 2024
प्रेम और भक्ति की अनन्य प्रतीक 'श्रीराधा'
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September 2024
राजस्थान के लोकदेवता और समाज सुधारक बाबा रामदेव
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September 2024
जन्मपत्रिका में चन्द्रमा और मनुष्य का भावनात्मक जुड़ाव
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जिस प्रकार लग्न हमारा शरीर अर्थात् बाहरी व्यक्तित्व है, उसी प्रकार चन्द्रमा हमारा सूक्ष्म व्यक्तित्व है, जो किसी को भी दिखाई नहीं देता, लेकिन महसूस अवश्य होता है।

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September 2024