दृश्य १
(कुछ लोग आपस में बतिया रहे हैं। पास ही में चन्द्रशेखर अखबार पढ़ रहा है। तभी अंग्रेज अफसर और उसके साथ सिपाहियों का जत्था गुजरता है।)
एक : ये अंग्रेज बड़े क्रूर हैं। बड़े निर्दयी हैं ये लोग।
दो : हाँ भाई, इन अंग्रेजों ने हम पर भारी कर थोपा है और कर नहीं दे पाने पर ये हमारी जमीन छिन लेंगे, ऐसा कहा है।
तीन : हद हो गई है । हाल ही पता चला है कि अंग्रेजों ने पंजाब के जलियांवला बाग में निहत्थे सत्याग्रहियों को घेरकर उनपर गोलियां बरसाई।
चार : मैंने तो सुना कि बहुत से लोग गोलियों के डर से उस मैदान के कुंए में गए हैं। लोग कहा रहे हैं कि हजार-बारह सौ लोग मारे गए होंगे। ( चन्द्रशेखर चुपचाप सारी बातें सुन रहा है। तभी अंग्रेजों के विरुद्ध प्रदर्शन करनेवाले लोगों की रैली दिखाई देती है। लोग पंक्तिबद्ध होकर नारे लगा रहे हैं। वन्दे मातरम, भारतमाता की जय ।)
दूसरा : चलो भाई, अंग्रेजों के विरुद्ध चलाए जा रहे इस आंदोलन में हमें भी सहभागी होना चाहिए।
तीसरा : (एक साथ) क्यों नहीं, हम भी गांधीजी के इस अभियान में शामिल अवश्य होंगे।
(सभी लोग उस रैली में शामिल हो जाते हैं। इधर चन्द्रशेखर भी उनके साथ हो लेता है। तभी अंग्रेजी हुकूमत की पुलिस वहाँ आती है और सत्याग्रहियों पर लठियाँ बरसाती है । सत्याग्रहियों को निर्दयतापूर्वक पीटते हुए देखकर एक बालक चन्द्रशेखर का खून खौल उठा। उसने पत्थर उठाया और अंग्रेज अफसर को दे मारा। पत्थर अंग्रेज अफसर के माथे पर लगा। खून बहने लगा। इधर चन्द्रशेखर वहाँ से फरार हो गया । उसी दिन शाम को पुलिस चौकी की घटना )
दृश्य परिवर्तन
( अंग्रेज अफसर सिर पर पट्टी बांधे हुए और सामने दो-तीन कॉन्स्टेबल खड़े हैं।)
Diese Geschichte stammt aus der December 2022-Ausgabe von Kendra Bharati - केन्द्र भारती.
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प्रेमकृष्ण खन्ना
स्थानिक विभूतियों की कथा - २५
स्वस्थ विश्व का आधार बना 'मिलेट्स'
मिलेट्स यानी मोटा अनाज। यह हमारे स्वास्थ्य, खेतों की मिट्टी, पर्यावरण और आर्थिक समृद्धि में कितना योगदान कर सकता है, इसे इटली के रोम में खाद्य एवं कृषि संगठन के मुख्यालय में मोटे अनाजों के अन्तरराष्ट्रीय वर्ष (आईवाईओएम) के शुभारम्भ समारोह के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी के इस सन्देश से समझा जा सकता है :
जब प्राणों पर बन आयी
एक नदी के किनारे एक पेड़ था। उस पेड़ पर बन्दर रहा करते थे।
देव और असुर
बहुत पहले की बात है। तब देवता और असुर इस पृथ्वी पर आते-जाते थे।
हर्षित हो गयी वानर सेना
श्री हनुमत कथा-२१
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क्रान्तिकारियों को एकजुट कर अंग्रेजी शासन की जड़ें हिलानेवाले अद्भुत योद्धा
भारत राष्ट्र के जीवन में नया अध्याय
भारत के त्रिभुजाकार नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह हर किसी को अभिभूत करनेवाला था।
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विगत दिनों से समान नागरिक संहिता का विषय निरन्तर चर्चा में चल रहा है। यदि इस विषय पर अब भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो इसके गम्भीर परिणाम आनेवाली सन्तति और देश को भुगतना पड़ सकता है।
शिक्षा और स्वामी विवेकानन्द
\"यदि गरीब लड़का शिक्षा के मन्दिर न आ सके तो शिक्षा को ही उसके पास जाना चाहिए।\"
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
२३ जुलाई, जयन्ती पर विशेष