यदि माँ के समक्ष कोई स्वामी विवेकानन्द का उल्लेख करता, तो वह कहतीं - "नरेन को हर चीज में क्यों खींचते हो? वो अलग ही श्रेणी का है।” स्वामीजी भी माँ को साक्षात् देवी रूप में देखते थे। एक बार उन्होंने बेलुड़ मठ में कहा था- माँ सरस्वती के रूप में बगला' की अवतार हैं । बाहर से वे शान्ति से परिपूर्ण हैं, परन्तु भीतर से आसुरी शक्ति की विनाशक है।' पाश्चात्य देशों से लौटने के बाद जब कभी वे उनका दर्शन करने जाते, तो अपने शरीर पर गंगाजल छिड़क लेते, क्योंकि उन्हें लगता कि वहाँ हर प्रकार के लोगों से मेलजोल के कारण उनकी आध्यात्मिकता में कुछ ह्रास हो गया है। माँ के भवन के द्वार पर जाते समय वे बहुदा भावविभोर हो जाते और आगे बढ़ नहीं पाते थे। ऐसे ही एक अवसर पर माँ स्वयं ही उनका हाथ पकड़कर उन्हें घर के भीतर ले गईं थीं।
Diese Geschichte stammt aus der January 2023-Ausgabe von Kendra Bharati - केन्द्र भारती.
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प्रेमकृष्ण खन्ना
स्थानिक विभूतियों की कथा - २५
स्वस्थ विश्व का आधार बना 'मिलेट्स'
मिलेट्स यानी मोटा अनाज। यह हमारे स्वास्थ्य, खेतों की मिट्टी, पर्यावरण और आर्थिक समृद्धि में कितना योगदान कर सकता है, इसे इटली के रोम में खाद्य एवं कृषि संगठन के मुख्यालय में मोटे अनाजों के अन्तरराष्ट्रीय वर्ष (आईवाईओएम) के शुभारम्भ समारोह के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी के इस सन्देश से समझा जा सकता है :
जब प्राणों पर बन आयी
एक नदी के किनारे एक पेड़ था। उस पेड़ पर बन्दर रहा करते थे।
देव और असुर
बहुत पहले की बात है। तब देवता और असुर इस पृथ्वी पर आते-जाते थे।
हर्षित हो गयी वानर सेना
श्री हनुमत कथा-२१
पण्डित चन्द्र शेखर आजाद
क्रान्तिकारियों को एकजुट कर अंग्रेजी शासन की जड़ें हिलानेवाले अद्भुत योद्धा
भारत राष्ट्र के जीवन में नया अध्याय
भारत के त्रिभुजाकार नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह हर किसी को अभिभूत करनेवाला था।
समान नागरिक संहिता समय की मांग
विगत दिनों से समान नागरिक संहिता का विषय निरन्तर चर्चा में चल रहा है। यदि इस विषय पर अब भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो इसके गम्भीर परिणाम आनेवाली सन्तति और देश को भुगतना पड़ सकता है।
शिक्षा और स्वामी विवेकानन्द
\"यदि गरीब लड़का शिक्षा के मन्दिर न आ सके तो शिक्षा को ही उसके पास जाना चाहिए।\"
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
२३ जुलाई, जयन्ती पर विशेष