इस सम्मेलन में हिमालय से निकलनेवाली गंगा समेत दस प्रमुख नदियों के भविष्य में सूख जाने की गम्भीर चिन्ता जताई गई है। सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने आगाह किया कि 'आनेवाले दशकों में जलवायु संकट के कारण हिमनदों का आकार घटने से भारत की सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र जैसी नदियां जल-प्रवाह घट जाने से सूख सकती हैं। हिमनद पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक हैं। विश्व के १० प्रतिशत हिस्से में हिमनद हैं, जो दुनिया के लिए शुद्ध जल का बड़ा स्रोत हैं। यह चिन्ता इसलिए है, क्योंकि मानवीय गतिविधियां पृथ्वी के तापमान को खतरनाक स्तर तक ले जा रही हैं, जो हिमनदों के निरन्तर पिघलने का कारण बन रहे हैं।' गुतारेस ने यह वक्तव्य 'इंटरनेशनल ईयर ऑफ ग्लेशियर प्रिजर्वेशन' विषय पर आयोजित कार्यक्रम में दिया । इस आयोजन में जारी रिपोर्ट के अनुसार २०५० तक आनेवाले जल संकट से प्रभावित होनेवाले देशों में भारत प्रमुख होगा।
Diese Geschichte stammt aus der Kendra Bharati - June 2023-Ausgabe von Kendra Bharati - केन्द्र भारती.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der Kendra Bharati - June 2023-Ausgabe von Kendra Bharati - केन्द्र भारती.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
प्रेमकृष्ण खन्ना
स्थानिक विभूतियों की कथा - २५
स्वस्थ विश्व का आधार बना 'मिलेट्स'
मिलेट्स यानी मोटा अनाज। यह हमारे स्वास्थ्य, खेतों की मिट्टी, पर्यावरण और आर्थिक समृद्धि में कितना योगदान कर सकता है, इसे इटली के रोम में खाद्य एवं कृषि संगठन के मुख्यालय में मोटे अनाजों के अन्तरराष्ट्रीय वर्ष (आईवाईओएम) के शुभारम्भ समारोह के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी के इस सन्देश से समझा जा सकता है :
जब प्राणों पर बन आयी
एक नदी के किनारे एक पेड़ था। उस पेड़ पर बन्दर रहा करते थे।
देव और असुर
बहुत पहले की बात है। तब देवता और असुर इस पृथ्वी पर आते-जाते थे।
हर्षित हो गयी वानर सेना
श्री हनुमत कथा-२१
पण्डित चन्द्र शेखर आजाद
क्रान्तिकारियों को एकजुट कर अंग्रेजी शासन की जड़ें हिलानेवाले अद्भुत योद्धा
भारत राष्ट्र के जीवन में नया अध्याय
भारत के त्रिभुजाकार नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह हर किसी को अभिभूत करनेवाला था।
समान नागरिक संहिता समय की मांग
विगत दिनों से समान नागरिक संहिता का विषय निरन्तर चर्चा में चल रहा है। यदि इस विषय पर अब भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो इसके गम्भीर परिणाम आनेवाली सन्तति और देश को भुगतना पड़ सकता है।
शिक्षा और स्वामी विवेकानन्द
\"यदि गरीब लड़का शिक्षा के मन्दिर न आ सके तो शिक्षा को ही उसके पास जाना चाहिए।\"
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
२३ जुलाई, जयन्ती पर विशेष