जीवन के विकास के दो पंख हैं - प्राणशक्ति और ज्ञानशक्ति । व्यक्ति की प्राणशक्ति जितनी मजबूत है और ज्ञान जितना ऊँचा है वह उतने ऊँचे-से-ऊँचे पद पर पहुँच जाता है।
बच्चों को, बड़ों को प्राणशक्ति और ज्ञानशक्ति - इन दो शक्तियों की जरूरत है। ये दोनों बढ़ गयीं तो व्यक्ति सारी दुनिया को आश्चर्य में डाल सकता है। जिसके जीवन में प्राणशक्ति बढ़ाने की कला जाननेवाले ज्ञानदाता सद्गुरु नहीं हैं वह बड़ा होते हुए भी बच्चा है और जिसके जीवन में प्राणशक्ति और ज्ञानशक्ति बढ़ानेवाले सद्गुरु हैं वह बच्चा भी कभी नहीं रहता कच्चा ! वह छोटे-सेछोटा बच्चा भी बड़ी बुलंदियों तक पहुँचानेवाले काम कर सकता है।
ज्ञानशक्ति अपना आत्मा है और प्राणशक्ति शरीर में क्रिया करती है। जितनी प्राणशक्ति और ज्ञानशक्ति विकसित होंगी उतना व्यक्ति का जीवन विकसित होगा।
प्राणशक्ति और ज्ञानशक्ति का बल
प्राणशक्ति शरीर, मन, बुद्धि को पुष्ट करती है। राममूर्ति ऐसे कमजोर विद्यार्थी थे कि विद्यालय जाते-जाते जमीन पकड़ के बैठ जाते थे। उनको किसीने प्राणायाम करना सिखाया तो बड़े पहलवान हुए। कई ऐसी कथाएँ-घटनाएँ हैं।
ओहो! रावण में कम थी तपस्या ? यह वह... गजब का था रावण का तप, वैभव ! फिर भी रामजी की प्राणशक्ति-ज्ञानशक्ति के आगे रावण को हार माननी पड़ी। आखिर रावण मरते समय कहता है : "श्रीराम भगवान को मेरा प्रणाम है !" क्योंकि रामजी ज्ञानशक्ति के मूल में टिके थे।
ज्ञानशक्ति में विश्रांति पानेवाले ब्रह्मर्षि वसिष्ठजी के आगे आखिर में राजर्षि विश्वामित्रजी को हार माननी पड़ी।
ज्ञानशक्ति और प्राणशक्ति गुरुकुल शिक्षापद्धति के बच्चे नहीं जानेंगे तो क्या टाई व पैंट पहननेवाले और अंग्रेजी पढ़ाई में पतित बुद्धिवाले जानेंगे ? वे थोड़े ही जान सकते हैं!
Diese Geschichte stammt aus der November 2022-Ausgabe von Rishi Prasad Hindi.
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अद्भुत हैं आँवले के धार्मिक व स्वास्थ्य लाभ!
पद्म पुराण के सृष्टि खंड में भगवान शिवजी कार्तिकेयजी से कहते हैं : \"आँवला खाने से आयु बढ़ती है। उसका जल पीने से धर्म-संचय होता है और उसके द्वारा स्नान करने से दरिद्रता दूर होती है तथा सब प्रकार के ऐश्वर्य प्राप्त होते हैं। कार्तिकेय ! जिस घर में आँवला सदा विद्यमान रहता है वहाँ दैत्य और राक्षस नहीं जाते। एकादशी के दिन यदि एक ही आँवला मिल जाय तो उसके सामने गंगा, गया, काशी, पुष्कर विशेष महत्त्व नहीं रखते। जो दोनों पक्षों की एकादशी को आँवले से स्नान करता है उसके सब पाप नष्ट हो जाते हैं।\"
पादपश्चिमोत्तानासन : एक ईश्वरीय वरदान
'जीवन जीने की कला' श्रृंखला में इस अंक में हम जानेंगे पादपश्चिमोत्तानासन के बारे में। सब आसनों में यह आसन प्रधान है। इसके अभ्यास से कायाकल्प हो जाता है। पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत में आता है :
आयु-आरोग्य, यश बढ़ानेवाला तथा पितरों की सद्गति करनेवाला व्रत
२८ सितम्बर : इंदिरा एकादशी पर विशेष
मन पर नियंत्रण का परिणाम
महात्मा गांधी जयंती : २ अक्टूबर
संग का प्रभाव
कैकेयी बुरी नहीं थी। मंथरा की संगत ने उसे पाप के मार्ग पर चला दिया। रावण के जीवन को पढ़ो। अच्छा-भला वेदों का पंडित, अपने कर्तव्य पर चलनेवाला विद्वान था वह। शूर्पणखा नाशिक के वनों से होती हुई लंका पहुँची और उसने रावण से कहा : \"भैया ! एक अत्यंत रूपवती रमणी को देखकर आयी हूँ। वह बिल्कुल तुम्हारे योग्य है। दो वनवासी उसके साथ हैं, तीसरा कोई नहीं है। यदि तुम ला सको तो...\"
साध्वी रेखा बहन द्वारा बताये गये पूज्य बापूजी के संस्मरण
(गतांक के 'कृपासिंधु गुरुवर सिखाते व्यवहार में वेदांत' से आगे)
वास्तविक विजय प्राप्त कर लो
१२ अक्टूबर : विजयादशमी पर विशेष
ॐकार-उच्चारण का हैरतअंगेज करिश्मा!
एक ए. सी. पी. का निजी अनुभव
सच्चे संत स्वयं कष्ट सहकर भी सत्य की रक्षा करते हैं
आज हम देखते हैं कि धर्म-विरोधी तत्त्वों द्वारा साजिश के तहत हमारे निर्दोष हिन्दू साधु-संतों की छवि धूमिल करके उनको फँसाया जा रहा है, उन्हें कारागार में रखा जा रहा है। ऐसी ही एक घटना का उल्लेख स्वामी अखंडानंदजी के सत्संग में आता है, जिसमें एक संत की रिहाई के लिए एक अन्य संत के कष्ट सहन की पावन गाथा प्रेरणा-दीप बनकर उभर आती है :
विषनाशक एवं स्वास्थ्यवर्धक चौलाई के अनूठे लाभ
बारह महीनों उपलब्ध होनेवाली तथा हरी सब्जियों में उच्च स्थान प्राप्त करनेवाली चौलाई एक श्रेष्ठ पथ्यकर सब्जी है। यह दो प्रकार की होती है : लाल पत्तेवाली और हरे पत्तेवाली।