प्रश्न : गुरुदेव ! मैं नियमितरूप से संध्या करता हूँ परंतु इधर-उधर के विचार आते हैं, क्या करूँ ?
पूज्य बापूजी : विचार अच्छे आयें चाहे बुरे आयें लेकिन विचार करो कि 'विचार आते हैं किसकी सत्ता से? विचार क्यों आते हैं?'
अरे, तरंग स्वाभाविक आती है। जैसे मीठे की मिठास और नमकीन का खारा स्वाद - दोनों स्वभाव से ही होता रहता है, ऐसे ही विचार भले अच्छे-बुरे हों किंतु अच्छे विचार की अच्छाई और बुरे विचार की अठखेलियाँ इन दोनों की आधारभूत सत्ता अपना चैतन्य आत्मस्वभाव ही है। उसी सत्ता से ये होते रहते हैं। तो अपनी दृष्टि को मूल सत्ता पर ले आओ।
दूसरा, अच्छे-बुरे विचार आते क्यों हैं?
इस सृष्टि में सब अठखेलियाँ आत्मानंद-ब्रह्मानंद को छलकाने के लिए हो रही हैं।
मधु क्षरन्ति सिन्धवः।
(ऋग्वेद : मंडल १, सूक्त ९०, मंत्र ६)
विचारपूर्वक देखो तो समग्र हवाएँ और नदियाँ - समुद्र मधु-वर्षण कर रहे हैं । औषधियाँ भी चन्द्रमा की किरणें लेकर मधुमय हो रही हैं। सोचो कि 'नमकीन और मिठाई साथ में क्यों चलते हैं? ताना और बाना साथ में क्यों चलते हैं?'
आत्मा के पर्दे पर मन से रँगी हुई आत्मा की ही रोशनी अनेक नाम-रूपों में दिखाई पड़ती रहती है। यह बाहरपना, यह भीतरपना, यह ठोसपना, अब, तब, यहाँ, वहाँ, मैं, तू-सब आत्मप्रकाश ही है।
Diese Geschichte stammt aus der December 2022-Ausgabe von Rishi Prasad Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der December 2022-Ausgabe von Rishi Prasad Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
रूहानी सौदागर संत-फकीर
१५ नवम्बर को गुरु नानकजी की जयंती है। इस अवसर पर पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से हम जानेंगे कि नानकजी जैसे सच्चे सौदागर (ब्रहाज्ञानी महापुरुष) समाज से क्या लेकर समाज को क्या देना चाहते हैं:
पितरों को सद्गति देनेवाला तथा आयु, आरोग्य व मोक्ष प्रदायक व्रत
एकादशी माहात्म्य - मोक्षदा एकादशी पर विशेष
ऐसी कल्पना आपका कल्याण कर देगी
बाबा कृष्ण बन जाते हैं, कृष्ण बाबा बन जाते हैं।
विलक्षण न्याय
विद्यार्थी संस्कार - पढ़िये-पढ़ाइये यह शिक्षाप्रद कथा
पूज्य बापूजी की रिहाई ही देश को विश्वगुरु बना सकती है
श्री अशोक सिंहलजी की जयंती पर हुए विशेष चर्चासत्र के कुछ अंश
गोपाष्टमी पर क्यों किया जाता है गायों का आदर-पूजन?
९ नवम्बर : गोपाष्टमी पर विशेष
कर्म करने से सिद्धि अवश्य मिलती है
गतासूनगतासुंश्च नानुशोचन्ति पण्डिताः ॥
अपने ज्ञानदाता गुरुदेव के प्रति कैसा अद्भुत प्रेम!
(गतांक के 'साध्वी रेखा बहन द्वारा बताये गये पूज्य बापूजी के संस्मरण' का शेष)
समर्थ साँईं लीलाशाहजी की अद्भुत लीला
साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज के महानिर्वाण दिवस पर विशेष
धर्मांतरणग्रस्त क्षेत्रों में की गयी स्वधर्म के प्रति जागृति
ऋषि प्रसाद प्रतिनिधि।