श्रीकृष्ण ने तो खुलेआम रास्ता बता दिया है - जन्म कर्म च मे दिव्यं... मेरे जन्म और कर्म दिव्य हैं ऐसा जो तत्त्व से जानता है उसके भी जन्म, कर्म दिव्य हो जाते हैं।
जन्म किसको बोलते हैं ? छुपी हुई वस्तु प्रकट हो, जन्मे । छुपा हुआ अंतवाहक शरीर साकार रूप में प्रकट हुआ तो हो गया जन्म | अंतवाहक शरीर सूक्ष्मदर्शी यंत्र से भी नहीं दिखेगा। यंत्रों से जीवाणु (बैक्टीरिया) तो दिख जायेगा, और भी कई चीजें दिख जायेंगी परंतु आत्मा अथवा सूक्ष्म शरीर यंत्रों से नहीं दिख सकता है, मंत्रों से भी नहीं दिख सकता है, इतना सूक्ष्मतम होता है।
है तो जन्मदिन परंतु जन्म और कर्म दिव्य हो जायें ऐसी श्रीकृष्ण की और महापुरुषों की अनुभूतिवाली बात आपको सहज में मिल रही है।
जन्म कर्म च मे दिव्यमेवं यो वेत्ति तत्त्वतः।...
(गीता : ४.९)
कर्म इन्द्रियों से होते हैं, मन से होते हैं, वासना से होते हैं, उनको देखनेवाला मैं चैतन्य हूँ ऐसी भगवान की मति को अपनी मति बना लो तो तुम्हारे कर्म और जन्म दिव्य हो जायेंगे।
Diese Geschichte stammt aus der March 2023-Ausgabe von Rishi Prasad Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der March 2023-Ausgabe von Rishi Prasad Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
रूहानी सौदागर संत-फकीर
१५ नवम्बर को गुरु नानकजी की जयंती है। इस अवसर पर पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से हम जानेंगे कि नानकजी जैसे सच्चे सौदागर (ब्रहाज्ञानी महापुरुष) समाज से क्या लेकर समाज को क्या देना चाहते हैं:
पितरों को सद्गति देनेवाला तथा आयु, आरोग्य व मोक्ष प्रदायक व्रत
एकादशी माहात्म्य - मोक्षदा एकादशी पर विशेष
ऐसी कल्पना आपका कल्याण कर देगी
बाबा कृष्ण बन जाते हैं, कृष्ण बाबा बन जाते हैं।
विलक्षण न्याय
विद्यार्थी संस्कार - पढ़िये-पढ़ाइये यह शिक्षाप्रद कथा
पूज्य बापूजी की रिहाई ही देश को विश्वगुरु बना सकती है
श्री अशोक सिंहलजी की जयंती पर हुए विशेष चर्चासत्र के कुछ अंश
गोपाष्टमी पर क्यों किया जाता है गायों का आदर-पूजन?
९ नवम्बर : गोपाष्टमी पर विशेष
कर्म करने से सिद्धि अवश्य मिलती है
गतासूनगतासुंश्च नानुशोचन्ति पण्डिताः ॥
अपने ज्ञानदाता गुरुदेव के प्रति कैसा अद्भुत प्रेम!
(गतांक के 'साध्वी रेखा बहन द्वारा बताये गये पूज्य बापूजी के संस्मरण' का शेष)
समर्थ साँईं लीलाशाहजी की अद्भुत लीला
साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज के महानिर्वाण दिवस पर विशेष
धर्मांतरणग्रस्त क्षेत्रों में की गयी स्वधर्म के प्रति जागृति
ऋषि प्रसाद प्रतिनिधि।