Modern Kheti - Hindi - 15th October 2024Add to Favorites

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इलेक्ट्रिक कारें कैसे पैदा करेंगी डीएपी का संकट

फसलों की बुवाई के समय उपयोग होने वाले सबसे अहम उर्वरक, डाई अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) के कच्चे माल फॉस्फोरिक एसिड का एक नया दावेदार खड़ा हो गया है। इससे डीएपी के लिए लगभग पूरी तरह आयात पर निर्भर भारत जैसे देशों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस नये दावेदार को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार सब्सिडी भी दे रही है। वह दावेदार है इलेक्ट्रिक वाहन यानी ईवी।

इलेक्ट्रिक कारें कैसे पैदा करेंगी डीएपी का संकट

2 mins

टमाटर की पूर्ति श्रृंखला को सुधारने की आवश्यकता

मध्य प्रदेश, जो टमाटर का प्रमुख उत्पादक राज्य है, की टमाटर आपूर्ति श्रृंखला पर किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि लगभग 15 प्रतिशत टमाटर खेतों में ही नष्ट हो जाते हैं, जबकि 12 प्रतिशत टमाटर खुदरा स्तर पर नष्ट हो जाते हैं।

टमाटर की पूर्ति श्रृंखला को सुधारने की आवश्यकता

2 mins

किसानों को नहीं मिलता सब्जियों का उचित मूल्य ..

भारतीय किसानों को फलों और सब्जियों के अंतिम विक्रय मूल्य का केवल एक तिहाई ही मिल रहा है, जबकि अधिकांश हिस्सा थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं द्वारा छीन लिया जाता है, यह बात खाद्य मुद्रास्फीति पर आरबीआई द्वारा प्रकाशित शोध पत्रों की श्रृंखला से पता चली है।

किसानों को नहीं मिलता सब्जियों का उचित मूल्य ..

2 mins

नाइट्रोजन स्थिर करने वाले बैक्टीरिया बढ़ाते हैं उत्पादन

एक नए अध्ययन के अनुसार, मिट्टी में रहने वाले और जड़ों में नाइट्रोजन को स्थिर करने में मदद करने वाले बैक्टीरिया कुछ पौधों की प्रजनन क्षमता को बढ़ा सकते हैं जिसमें फैबेसी परिवार से संबंधित एक फलीदार पौधे चामेक्रिस्टा लैटिस्टिला में इस तंत्र का अध्ययन किया गया है, जिसमें बीन्स और मटर शामिल हैं।

नाइट्रोजन स्थिर करने वाले बैक्टीरिया बढ़ाते हैं उत्पादन

3 mins

कृषि-खाद्य प्रणालियों में एएमआर को नियंत्रण में करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिएं

रोगाणुरोधी प्रतिरोध यानी एएमआर एक ऐसी 'मूक महामारी', है जो न केवल इंसान और मवेशियों के स्वास्थ्य बल्कि खाद्य सुरक्षा और विकास को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है। आज जिस तरह से वैश्विक स्तर पर कृषि क्षेत्र में एंटीबायोटिक्स दवाओं का बेतहाशा उपयोग हो रहा है, वो चिंता का विषय है। सैंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमैंट (सीएसई) लम्बे समय से रोगाणुरोधी प्रतिरोध के बढ़ते खतरे को लेकर चेताता रहा है।

कृषि-खाद्य प्रणालियों में एएमआर को नियंत्रण में करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिएं

3 mins

धान की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग और उनका प्रबंधन

धान एक प्रमुख खाद्यान्न फसल है, जो पूरे विश्व की आधी से ज्यादा आबादी को भोजन प्रदान करती है। चावल के उत्पादन में सर्वप्रथम चाईना के बाद भारत दूसरे नंबर पर आता है।

धान की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग और उनका प्रबंधन

5 mins

बदलते मौसम के अनुसार नर्सरी प्रबंधन

नर्सरी प्रबंधन में प्रतिकूल मौसम के प्रभाव के कारण किसानों को पूरी फसल में नुकसान हो सकता है। इसके प्रबंधन के लिए उन्हें नई तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए जैसे कि प्रो ट्रे में नर्सरी व पॉली टनल के माध्यम से हम बदलते हुए मौसम के अनुसार नर्सरी उत्पादन व उसका प्रबंधन कर सकते हैं क्योंकि इन तकनीकों का प्रमुख कार्य यह है कि हम नियंत्रित वातावरण में नर्सरी उत्पादन व उसका प्रबंधन कर सकते हैं।

बदलते मौसम के अनुसार नर्सरी प्रबंधन

8 mins

सस्य क्रियाओं द्वारा कीट नियंत्रणः

सस्य क्रियाओं द्वारा कीट नियंत्रण, किसान अपना उत्पादन तथा आमदनी बढ़ाने के लिए फसल उत्पादन की समरत विधियों में तकनीकों का उपयोग करता है। इसके अन्तर्गत फसल की किस्म, बुआई का समय एवं विधि, भू-परिष्करण, खेत और खेती की स्वच्छता, उर्वरक प्रबंधन, जल प्रबंधन, खरपतवार प्रबंधन, कीट प्रबंधन और कटाई का समय आदि का समावेश होता है।

सस्य क्रियाओं द्वारा कीट नियंत्रणः

6 mins

सब्जी उत्पादन का बढ़ता रुझान

सब्जियां हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई हैं। सब्जियों से हमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त होते हैं जैसे प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम इत्यादि । ये पोषक तत्व हमें शारीरिक रूप से मजबूत बनाए रखने और लंबा जीवन जीने में सहायक बनाते हैं।

सब्जी उत्पादन का बढ़ता रुझान

3 mins

टिकाऊ कृषि विकास के लिए मृदा स्वास्थ्य आवश्यक...

मृदा में उपस्थित जैविक कार्बन उसके प्राणों के समान है, जो मृदा की भौतिक, रासायनिक एवं जैविक गुणों को बनाए रखने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जलवायु परिवर्तन एवं वैश्विक ऊष्मीकरण ने जैविक कार्बन की ह्रास की दर को और अधिक गति प्रदान की है, जिस कारण मिट्टी की उर्वरता घट रही है। अतः मृदा की गुणवत्ता को बनाए रखने एवं कार्बन प्रच्छादन को बढ़ाने के लिए अनुशंसित प्रबंधन विधियों को अपनाने की अत्यंत आवश्यकता है।

टिकाऊ कृषि विकास के लिए मृदा स्वास्थ्य आवश्यक...

9 mins

जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक गंभीर समस्या

विश्वभर में जलवायु परिवर्तन का विषय चर्चा का मुद्दा बना है। इस बात से कोई भी इनकार नहीं कर सकता कि वर्तमान में जलवायु परिवर्तन वैश्विक समाज के सामने सबसे बड़ी चुनौती है तथा इससे निपटना वर्तमान समय की बड़ी जरुरत बन गई है।

जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक गंभीर समस्या

10 mins

सब्जियों के उत्पादन का मूल्यवर्धन तकनीक, प्रतिबंध और समाधान

वैश्विक स्तर पर सब्जियों के उत्पादन और विविध सब्जी उत्पाद के कारोबार में व्यापक वृद्धि हुई है। बढ़ती आय, घटते परिवहन लागत, नई उन्नत प्रसंस्करण तकनीक और वैश्वीकरण ने इस विकास के लिए प्रेरित किया है। लेकिन यह वृद्धि, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और प्रसंस्करण के धीमी विकास से मेल नहीं करता है। क्षय को कम करने, विस्तार और विविधीकरण के लिए प्रोसैस्सिंग सबसे प्रभावी उपाय है। प्रसंस्करण गतिविधियां, ताजा उपज के लिए बाजार के अवसरों में वृद्धि करते हुए मूल्य वृद्धि करते हैं तथा पोस्टहर्स्ट हानियों को कम करते हैं।

सब्जियों के उत्पादन का मूल्यवर्धन तकनीक, प्रतिबंध और समाधान

7 mins

देश का भविष्य हैं प्रकृति की गोद में उगने वाले लंबे वनस्पतिक रेशे

भारत में जूट की खेती सदियों से होती चली आ रही है और यह उद्योगों को कच्चा माल उपलब्ध कराने तथा रोजगार के व्यापक अवसर पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती चली आ रही है। 60 के दशक के दौरान जूट भारत के लिए एक महत्वपूर्ण विदेशी मुद्रा अर्जक था और 70 के दशक के \"स्वर्णिम काल\" तक इस खेती में चतुर्मुखी विकास हुआ। 80 के दशक के दौरान गिरावट शुरू हुई और कृत्रिम तंतुओं से कठोर प्रतिस्पर्धा के कारण जूट का गौरव घट गया।

देश का भविष्य हैं प्रकृति की गोद में उगने वाले लंबे वनस्पतिक रेशे

4 mins

रबी सीजन में इस विधि से करें प्याज की बुवाई

अगर प्याज की खेती करने का विचार बना रहे हैं, तो आज हम आपके लिए रबी सीजन में प्याज की खेती से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आए हैं। आइये जानें, रबी सीजन में प्याज की अच्छी पैदावार के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है?

रबी सीजन में इस विधि से करें प्याज की बुवाई

1 min

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Modern Kheti - Hindi Magazine Description:

EditorMehram Publications

CategoríaBusiness

IdiomaHindi

FrecuenciaFortnightly

Modern Kheti, as the name indicates, relates to the modern agricultural techniques; conservative and cash crops, allied professions and farm machinery through training programs or upcoming events on a national and international level. Introduced in 1987, it is the leading and most widely read agriculture based magazine throughout Northern India. Punjab and Haryana, extensively known as the food grain basket of India, has in almost every household Modern Kheti, as it caters to every aspect of farming like growing of seasonal crops, their problems & solutions, conservative and cash crop farming. It also covers – fishery, poultry dairy, bee keeping, floriculture, horticulture etc. The main aim of Modern Kheti is to keep up the spirit of farming, bond different regions and help agriculture grow. It inspires the youth to take up agriculture as farming with a lot of emphasis on organic and profitable farming. It keeps in mind the health and prosperity of all i.e. taking mankind and nature together. It is published Fortnightly in Punjabi and Hindi and covers the whole of Punjab, Haryana, Rajasthan, Himachal Pradesh, Uttaranchal etc. It is undoubtedly one of the best mediums trying to provide healthy information.

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