Modern Kheti - Hindi - 15th August 2024Add to Favorites

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रोबोट का प्रयोग होगा अब ग्रीन हाऊस में...

ग्रीनहाउस के अंदर छिड़के जाने वाले रसायनों के कई हानिकारक प्रभाव होते हैं क्योंकि वे हवा में घुलते नहीं हो सकते हैं, जिस वजह से अगर किसान या कोई भी व्यक्ति उस हवा में सांस लेता है तो वो उसके अंदर जा सकता है। इसलिए, इस तरह का नवाचार मजदूरों के लिए वरदान है।

रोबोट का प्रयोग होगा अब ग्रीन हाऊस में...

1 min

कसावा से बनेगा बायोप्लास्टिक...

दुनिया भर में बढ़ता प्लास्टिक कचरा एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है, लेकिन नागालैंड के किसान जिस तरह इससे निपटने का प्रयास कर रहे हैं, वो अपने आप में एक उदाहरण है। नगालैंड के गांवों में कसावा की खेती को बढ़ावा देने की एक योजना पर काम शुरू हो गया है। इसकी मदद से कम्पोस्टेबल बायोप्लास्टिक बैग तैयार किए जाएंगे।

कसावा से बनेगा बायोप्लास्टिक...

2 mins

मक्के की फसल में रोग प्रतिरोधकता के लिए नये बैक्टीरिया मिले

ब्रेवीबैक्टीरियम ने फफूंद से संक्रमित मक्के के पौधों में बीमारी को कम करने में मदद की। साथ ही इसके साथ अन्य जीवाणुओं ने विशिष्ट जीन और अणुओं को सक्रिय करके पौधों की प्रतिरक्षा को मजबूत बनाने में मदद की।

मक्के की फसल में रोग प्रतिरोधकता के लिए नये बैक्टीरिया मिले

2 mins

देसी बीजों के लिए केन्याई कानून के खिलाफ आंदोलन

केन्या के बीज और पौध किस्म अधिनियम की धाराओं के खिलाफ विरोध का स्वर बढ़ता जा रहा है, जो देशी, अप्रमाणित और अपंजीकृत बीजों के आदान-प्रदान पर रोक लगाता है। किसानों और कार्यकर्ताओं ने तर्क दिया है कि ये प्रतिबंध कृषि नवाचार को बाधित करते हैं, खाद्य सुरक्षा को खतरे में डालते हैं और छोटे पैमाने के किसानों के अधिकारों को कमजोर करते हैं।

देसी बीजों के लिए केन्याई कानून के खिलाफ आंदोलन

2 mins

भारत डेयरी में विश्व नेता बन सकता है?

भारत का डेयरी उद्योग, दशकों के सार्वजनिक क्षेत्र के निवेश और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी से मजबूत होकर, दुनिया में सबसे बड़ा है। 1965 में, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की स्थापना भारत के ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए डेयरी को एक साधन में बदलने के लिए की गई थी।

भारत डेयरी में विश्व नेता बन सकता है?

2 mins

हरी खाद-स्वस्थ भूमि व अधिक उपज

भूमि की उपजाऊ शक्ति और फसलों की अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी के भौतिक, जैविक एवं रासायनिक गुणों की सही मात्रा और बढ़िया अवस्था में होना बहुत जरूरी है। परन्तु, रासायनिक खादों के अंधाधुंध उपयोग, सघन कृषि, गेहूं- धान फसल चक्र एवं अति विश्लेषित खादों के प्रयोग से न सिर्फ लोगों की सेहत खराब हो रही है, बल्कि इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी नुकसान हो रहा है।

हरी खाद-स्वस्थ भूमि व अधिक उपज

4 mins

गुलदाउदी की खेती से आमदनी बढ़ाएं किसान

गुलदाउदी के फूल आकर्षक और मनमोहक होते हैं। गुलदाउदी का उपयोग डंडी वाले या कट फ्लावर के रूप में गुलदस्ते बनाने तथा घरों एवं कार्यालय में सजावट के लिए गुलदान में रखने के लिए किया जाता है।

गुलदाउदी की खेती से आमदनी बढ़ाएं किसान

3 mins

बाजरा में पोषक तत्व प्रबंधन और खरपतवार नियंत्रण कैसे करें?

आमतौर पर बाजरा की खेती कम उर्वरता की भूमियों में खाद और उर्वरकों की थोड़ी मात्रा में प्रयोग करके उगाई जाती है, परन्तु अच्छी पैदावार प्राप्त करने के उद्देश्य से समुचित मात्रा में सन्तुलित उर्वरकों का प्रयोग आवश्यक होता है। उर्वरकों का प्रयोग मिट्टी परीक्षण के आधार पर किया जाना फायदेमंद है।

बाजरा में पोषक तत्व प्रबंधन और खरपतवार नियंत्रण कैसे करें?

3 mins

स्प्रे टैक्नॉलोजी का उचित प्रयोग

स्प्रे करने के लिए सही नोज़ल का चुनाव एवं उसका उचित प्रयोग करना बहुत आवश्यक है। दवाओं को सही स्थान पर पहुंचाने का कार्य छिड़काव करने वाले यंत्र ही करते हैं। सही छिड़काव करने के लिए नोज़लों की बहुत बड़ी अहमियत है। स्प्रे करते समय नोज़लों का सही चुनाव होना बहुत आवश्यक है।

स्प्रे टैक्नॉलोजी का उचित प्रयोग

10+ mins

बैंगन लगायें मुनाफा कमाएं

बैंगन (सोलेनम मैंलोजेना) सोलेनेसी जाति की फसल है जो कि आलू के बाद दूसरी सबसे अधिक खपत वाली सब्जी की फसल है। बैंगन की खेती प्राचीन काल से भारत में होती आ रही है बैंगन की खेती साल भर की जाती है।

बैंगन लगायें मुनाफा कमाएं

7 mins

आधुनिक कृषि की वर्तमान स्थिति और चुनौतियां

भारत की अर्थव्यवस्था का आधार कृषि है। यहां की लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। आज के समय में कृषि क्षेत्र में कई परिवर्तन और चुनौतियां देखी जा रही हैं।

आधुनिक कृषि की वर्तमान स्थिति और चुनौतियां

6 mins

अरहर की फसल में कीट प्रबंधन

खरीफ की दलहनी फसलों में अरहर का महत्वपूर्ण स्थान है। अरहर की खेती कई तरह की कृषिगत जलवायु में की जा सकती है। हमारे यहां इसकी खेती लगभग पूरे प्रदेश व खासकर वर्षा पर निर्भर क्षेत्रों में की जाती है क्योंकि अरहर की खेती बारिश के मौसम में की जाती है तो इस फसल में कीटों का प्रकोप लगभग रहता ही है।

अरहर की फसल में कीट प्रबंधन

2 mins

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Modern Kheti - Hindi Magazine Description:

EditorMehram Publications

CategoríaBusiness

IdiomaHindi

FrecuenciaFortnightly

Modern Kheti, as the name indicates, relates to the modern agricultural techniques; conservative and cash crops, allied professions and farm machinery through training programs or upcoming events on a national and international level. Introduced in 1987, it is the leading and most widely read agriculture based magazine throughout Northern India. Punjab and Haryana, extensively known as the food grain basket of India, has in almost every household Modern Kheti, as it caters to every aspect of farming like growing of seasonal crops, their problems & solutions, conservative and cash crop farming. It also covers – fishery, poultry dairy, bee keeping, floriculture, horticulture etc. The main aim of Modern Kheti is to keep up the spirit of farming, bond different regions and help agriculture grow. It inspires the youth to take up agriculture as farming with a lot of emphasis on organic and profitable farming. It keeps in mind the health and prosperity of all i.e. taking mankind and nature together. It is published Fortnightly in Punjabi and Hindi and covers the whole of Punjab, Haryana, Rajasthan, Himachal Pradesh, Uttaranchal etc. It is undoubtedly one of the best mediums trying to provide healthy information.

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