Vivek Jyoti - January 2023Add to Favorites

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1. उपनिषद के ऋषि की दृष्टि में युवा ५
2. युवा ऐसा हो : विवेकानन्द ६
3. युवक विद्रोह क्यों करते हैं? (स्वामी स्मरणानन्द) ९
4. स्वामी विवेकानन्द : युवाओं के लिए शाश्वत प्रेरणा (स्वामी गौतमानन्द) १२
6. युवा शक्ति के प्रेरणा-स्त्रोत (शरद विवेक सागर) ३३
7. युवा होने का अर्थ (स्वामी संवित् सोमगिरि) ७२
8. बालमन के स्वप्न और जेनरेशन गैप (स्नेह सिंघानिया) ५७
9. चारित्र्य का बल (स्वामी आत्मानन्द) ५८
10. हमारे युवा ऋषि-मुनि (डॉ. राघवेन्द्र शर्मा) ३९
11 युवा जीवन में सरस्वती पूजा का महत्त्व (श्रीमती मिताली सिंह) ६७
12. युवाओं को प्रेरित करनेवाली सुभाषचन्द्र बोस की वाणी ८५
13. शक्तिशाली, संतुलित और सफल युवक कैसे बनें (स्वामी गुणदानन्द) १०२
14. युवावर्ग और सोशल मीडिया की आदत (उत्कर्ष चौबे) १०९
15. विद्यार्थी जीवन ही चरित्र-निर्माण का सर्वाधिक उपयुक्त समय (नवीनीहरण मुखोपाध्याय) ४५

Vivek Jyoti Magazine Description:

EditorRamakrishna Mission, Raipur

CategoríaReligious & Spiritual

IdiomaHindi

FrecuenciaMonthly

भारत की सनातन वैदिक परम्परा, मध्यकालीन हिन्दू संस्कृति तथा श्रीरामकृष्ण-विवेकानन्द के सार्वजनीन उदार सन्देश का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वामी विवेकानन्द के जन्म-शताब्दी वर्ष १९६३ ई. से ‘विवेक-ज्योति’ पत्रिका को त्रैमासिक रूप में आरम्भ किया गया था, जो १९९९ से मासिक होकर गत 60 वर्षों से निरन्तर प्रज्वलित रहकर यह ‘ज्योति’ भारत के कोने-कोने में बिखरे अपने सहस्रों प्रेमियों का हृदय आलोकित करती रही है । विवेक-ज्योति में रामकृष्ण-विवेकानन्द-माँ सारदा के जीवन और उपदेश तथा अन्य धर्म और सम्प्रदाय के महापुरुषों के लेखों के अलावा बालवर्ग, युवावर्ग, शिक्षा, वेदान्त, धर्म, पुराण इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते हैं ।

आज के संक्रमण-काल में, जब भोगवाद तथा कट्टरतावाद की आसुरी शक्तियाँ सुरसा के समान अपने मुख फैलाएँ पूरी विश्व-सभ्यता को निगल जाने के लिए आतुर हैं, इस ‘युगधर्म’ के प्रचार रूपी पुण्यकार्य में सहयोगी होकर इसे घर-घर पहुँचाने में क्या आप भी हमारा हाथ नहीं बँटायेंगे? आपसे हमारा हार्दिक अनुरोध है कि कम-से-कम पाँच नये सदस्यों को ‘विवेक-ज्योति’ परिवार में सम्मिलित कराने का संकल्प आप अवश्य लें ।

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