Vivek Jyoti - June 2024Add to Favorites

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1. सभी शरीरों में मानव शरीर ही सर्वश्रेष्ठ है : विवेकानन्द २४६
2. मन्दिर का आध्यात्मिक महत्त्व (डॉ. अन्वय मुखोपाध्याय) २४९
3. विवेकानन्द-स्मृति (मोहनलाल साह) २५२
4. जीवन में सहजता वैâसे आयेगी? (स्वामी सत्यरूपानन्द) २५४
5. लोक संस्कृति में श्रीराम (श्रीधर प्रसाद द्विवेदी) २५५
6. (बच्चों का आंगन) स्वस्थ तन में मन का योगदान (श्रीमती मिताली सिंह) २५७
7. नि:स्वार्थता : साध्य और साधन-विमर्श (ब्रह्मचारी नरोत्तमचैतन्य) २६२
8. (युवा प्रांगण) विक्षुब्ध मन पर अच्छी आदतों और सद्गुणों का प्रभाव (स्वामी गुणदानन्द) २६५
9. सबकी श्रीमाँ सारदा (स्वामी चेतनानन्द) २६८
10. आधुनिक जीवन में योग की भूमिका (डॉ. श्याम सिंह) २७३
11. श्रीराम और श्रीरामकृष्ण (स्वामी निखिलात्मानन्द) २७५

Vivek Jyoti Magazine Description:

EditorRamakrishna Mission, Raipur

CategoríaReligious & Spiritual

IdiomaHindi

FrecuenciaMonthly

भारत की सनातन वैदिक परम्परा, मध्यकालीन हिन्दू संस्कृति तथा श्रीरामकृष्ण-विवेकानन्द के सार्वजनीन उदार सन्देश का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वामी विवेकानन्द के जन्म-शताब्दी वर्ष १९६३ ई. से ‘विवेक-ज्योति’ पत्रिका को त्रैमासिक रूप में आरम्भ किया गया था, जो १९९९ से मासिक होकर गत 60 वर्षों से निरन्तर प्रज्वलित रहकर यह ‘ज्योति’ भारत के कोने-कोने में बिखरे अपने सहस्रों प्रेमियों का हृदय आलोकित करती रही है । विवेक-ज्योति में रामकृष्ण-विवेकानन्द-माँ सारदा के जीवन और उपदेश तथा अन्य धर्म और सम्प्रदाय के महापुरुषों के लेखों के अलावा बालवर्ग, युवावर्ग, शिक्षा, वेदान्त, धर्म, पुराण इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते हैं ।

आज के संक्रमण-काल में, जब भोगवाद तथा कट्टरतावाद की आसुरी शक्तियाँ सुरसा के समान अपने मुख फैलाएँ पूरी विश्व-सभ्यता को निगल जाने के लिए आतुर हैं, इस ‘युगधर्म’ के प्रचार रूपी पुण्यकार्य में सहयोगी होकर इसे घर-घर पहुँचाने में क्या आप भी हमारा हाथ नहीं बँटायेंगे? आपसे हमारा हार्दिक अनुरोध है कि कम-से-कम पाँच नये सदस्यों को ‘विवेक-ज्योति’ परिवार में सम्मिलित कराने का संकल्प आप अवश्य लें ।

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