Vivek Jyoti - November 2023Add to Favorites

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1. कुमारियों को धर्मपरायण और नीतिपरायण बनाना होगा : विवेकानन्द ५५८
2. काली का स्वरूप और रूप (स्वामी अलोकानन्द) ५६१
3. क्रोध से शान्ति की ओर (स्वामी ओजोमयानन्द) ५६८
4. (बच्चों का आंगन) बिलासपुर नाम कैसे पड़ा? (श्रीमती मिताली सिंह) ५७२
5. (युवा प्रांगण) सबल और सशक्त युवा (स्वामी गुणदानन्द) ५७६
6. सत्संग माने स्नान करके शुद्ध होना है (स्वामी सत्यरूपानन्द) ५७८
7. काली-नाम साधना : तत्त्व विमर्श (उत्कर्ष चौबे) ५८०
8. कामाख्यासूक्तम् (डॉ. सत्येन्दु शर्मा) ५८३
9. रामकृष्ण संघ : एक विहंगम दृष्टि (स्वामी पररूपानन्द) ५८८

Vivek Jyoti Magazine Description:

EditorRamakrishna Mission, Raipur

CategoríaReligious & Spiritual

IdiomaHindi

FrecuenciaMonthly

भारत की सनातन वैदिक परम्परा, मध्यकालीन हिन्दू संस्कृति तथा श्रीरामकृष्ण-विवेकानन्द के सार्वजनीन उदार सन्देश का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वामी विवेकानन्द के जन्म-शताब्दी वर्ष १९६३ ई. से ‘विवेक-ज्योति’ पत्रिका को त्रैमासिक रूप में आरम्भ किया गया था, जो १९९९ से मासिक होकर गत 60 वर्षों से निरन्तर प्रज्वलित रहकर यह ‘ज्योति’ भारत के कोने-कोने में बिखरे अपने सहस्रों प्रेमियों का हृदय आलोकित करती रही है । विवेक-ज्योति में रामकृष्ण-विवेकानन्द-माँ सारदा के जीवन और उपदेश तथा अन्य धर्म और सम्प्रदाय के महापुरुषों के लेखों के अलावा बालवर्ग, युवावर्ग, शिक्षा, वेदान्त, धर्म, पुराण इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते हैं ।

आज के संक्रमण-काल में, जब भोगवाद तथा कट्टरतावाद की आसुरी शक्तियाँ सुरसा के समान अपने मुख फैलाएँ पूरी विश्व-सभ्यता को निगल जाने के लिए आतुर हैं, इस ‘युगधर्म’ के प्रचार रूपी पुण्यकार्य में सहयोगी होकर इसे घर-घर पहुँचाने में क्या आप भी हमारा हाथ नहीं बँटायेंगे? आपसे हमारा हार्दिक अनुरोध है कि कम-से-कम पाँच नये सदस्यों को ‘विवेक-ज्योति’ परिवार में सम्मिलित कराने का संकल्प आप अवश्य लें ।

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